Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा चल रही है. दो महीन को केदारनाथ धाम के कपाल खुले थे. अब तक 11 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंच चुके हैं.
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Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड की केदारनाथ धाम यात्रा हर साल नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. एक ओर जहां बाबा केदारनाथ के दर्शन को देश विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों के रोजगार को भी लगातार लाभ मिल रहा है. बाबा के कपाट खुले 48 दिनों का समय पूरा हो चुका है. इसी अवधि में घोड़े-खच्चर, हेली, डंडी-कंडी सहित होटल एवं रेस्तरां व्यापारियों ने करीब तीन अरब का कारोबार कर लिया है. स्थानीय व्यापारियों, महिला स्वयं सहायता समूहों से लेकर टैक्सी संचालन या अन्य किसी भी व्यवसाय से जुड़े लोगों को बढ़ती यात्रा का पूरा लाभ मिल रहा है.
11 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन
बता दें कि 2025 की यात्रा के लिए 2 मई को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल गए थे. बाबा के कपाट खुले 48 दिन का समय पूरा हो चुका है. बुधवार 18 जून को बाबा के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 11 लाख 40 हजार पार हो चुकी है. पिछले एक महीने का औसत निकला जाए तो प्रतिदिन पौने 24 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को केदारपुरी पहुंचे हैं.
20 किलोमीटर का कठिन पैदल मार्ग
श्री केदारनाथ धाम यात्रा देश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक है. करीब 20 किलोमीटर का कठिन पैदल मार्ग पार करने के बाद हिमालय पर्वत की गोद में बसे 11वें ज्योतिलिंग के दर्शन हो पाते हैं. इस कठिन पैदल धार्मिक यात्रा में घोड़ा-खच्चरों का बेहद अहम योगदान होता है. असमर्थ एवं बुजुर्ग भक्त अक्सर इन्हीं के माध्यम से यात्रा करते हैं. वहीं, खाद्य पदार्थ से लेकर अन्य अनिवार्य सामग्री इन्हीं घोड़े खच्चरों से यात्रा मार्ग एवं केदारपुरी में पहुंचाई जाती है.
लघोड़ा -खच्चर से 67 करोड़ रुपये की कमाई
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि 18 जून तक 227614 तीर्थलु घोड़े खच्चरों के माध्यम से दर्शन को पहुंचे हैं. इससे 66 करोड़ 73 लाख 90 हजार 350 रुपये की आय प्राप्त हुई है. उन्होंने बताया कि इस साल लगभग 8 हजार घोड़े-खच्चर यात्रा के लिए पंजीकृत हैं. संक्रामक बीमारी इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते कुछ दिन घोड़ा खच्चर संचालन प्रभावित भी रहा.
हेली सेवाओं ने किया 60 करोड़ रुपयों का कारोबार
हेली सेवाओं की श्री केदारनाथ धाम यात्रा में अपनी एक अहम भूमिका है. हेली सेवाओं के माध्यम से किसी भी हालात में पैदल यात्रा करने में असमर्थ श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन का मौका मिलता है. वहीं, रेस्क्यू अभियान में हेली सेवाएं अहम किरदार निभा रही हैं. 18 जून तक 49247 श्रद्धालु हेली सेवाओं के माध्यम से बाबा केदारनाथ धाम पहुंचे हैं. इससे करीब 60 करोड़ रुपये की कमाई हुई है.
डंडी-कंडी से 2 करोड़ की आय
श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर जितने घोड़े- खच्चरों का संचालन महत्वपूर्ण है उतना ही डंडी-कंडी संचालन भी. पैदल चलने में असमर्थ कई भक्त डंडी कंडी की जगह डंडी-कंडी से यात्रा करना पसंद करते हैं. अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत रुद्रप्रयाग संजय कुमार ने बताया कि इस वर्ष की यात्रा के लिए 7000 से अधिक डंडी- कंडी संचालक पंजीकृत हैं. 18 जून तक डंडी- कंडी के माध्यम से दो करोड़ 2 लाख, 71 हजार 300 रुपये की आय प्राप्त हुई है. इसमें गंदगी फैलने एवं अन्य नियमों के उल्लंघन पर विभिन्न प्रतिष्ठानों का 417000 रुपये का चालान भी काटा गया है.
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