Lucknow News: धर्मांतरण मामले में फंसे छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ईडी अब बाबा को रिमांड पर लेकर विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का पर्दाफाश करने की तैयारी में है. कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. इनके आधार पर ईडी अब छांगुर और नवीन रोहरा से गहन पूछताछ की तैयारी में है.
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विशाल सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उनके करीबी सहयोगी नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ईडी ने दोनों आरोपियों को 10 दिन की कस्टडी रिमांड में लेने के लिए लखनऊ कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. ईडी की सवालों की लिस्ट तैयार है. इस अर्जी पर गुरुवार, आज 24 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई होगी.
छांगुर और नवीन रोहरा से गहन पूछताछ करना चाहती है ईडी
ईडी ने कोर्ट में रिमांड की जो अर्जी दी है उसमें बताया है कि छांगुर और उसके गिरोह के सदस्यों के 22 बैंक खातों में 60 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग का पता शुरुआती जांच में चला है. ईडी ने अर्जी में ये भी बताया है कि बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड और संदिग्ध कंपनियों से संबंधित सबूत मिले हैं. इन दस्तावेजों के आधार पर ईडी अब छांगुर और नवीन रोहरा से गहन पूछताछ करना चाहती है.
ईडी ने रिमांड अर्जी में ये भी बताया है कि पनामा रिपब्लिक में रजिस्टर्ड साउथ अफ्रीका की कंपनी लोगोस मरीन एसए का कनेक्शन सामने आया है, जिसे नवीन रोहरा ने 2003 में स्थापित किया था. इसके अलावा, कृष्णा इंटरनेशनल और यूनाइटेड मरीन जैसी कंपनियों के जरिए भी मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. ईडी को संदेह है कि इन कंपनियों का इस्तेमाल विदेशी फंड को भारत में लाने और बेनामी संपत्तियां बनाने के लिए किया गया.
स्टेटमेंट में संदिग्ध लेनदेन के सबूत
प्राथमिक जांच में यह भी खुलासा हुआ कि नवीन रोहरा ने विदेशी नागरिकों के नाम पर इन कंपनियों को रजिस्टर करवाया ताकि वास्तविक स्वामित्व छिपाया जा सके. ईडी ने अर्जी में ये बताया है कि छापेमारी के दौरान हबीब बैंक से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैंक स्टेटमेंट मिला है, जिसके आधार पर छांगुर और उसके सहयोगियों से जानकारी लेने बेहद जरूरी है. इस स्टेटमेंट में संदिग्ध लेनदेन के सबूत मिले हैं, जो विदेशी फंडिंग और हवाला नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं.
कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त
ईडी ने रिमांड अर्जी में ये भी बताया है कि जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा ने अपने सहयोगियों नवीन रोहरा और नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर कई संपत्तियां खरीदीं ताकि उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता को छिपाया जा सके. ईडी ने अर्जी में ये भी बताया है कि कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए थे छापेमारी के दौरान।इनमें विदेशी फंडिंग, हवाला लेनदेन और बेनामी संपत्तियों से संबंधित रिकॉर्ड शामिल है.