UP News: यूपी में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर्स को लेकर जहां एक ओर योगी सरकार एक्शन में है, तो वहीं दूसरी ओर भाईजान बेहद परेशान नजर आ रहे हैं. रमजान शुरू होने के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दिन में सिर्फ 2 मिनट लाउडस्पीकर बजाने की परमिशन मांगी है. पढ़िए क्या है पूरा मामला?
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UP News: यूपी में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर्स को लेकर योगी सरकार सख्त है, जिसके चलते मस्जिदों से लाउडस्पीकर गायब कर दिए गए हैं. अगर कहीं भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हुआ तो कार्रवाई करने के भी आदेश हैं. ऐसे में संभल, बरेली, मुरादाबाद समेत अन्य जगहों पर रमजान की अज़ान बिना लाउडस्पीकर के हुई. उधर शासन-प्रशासन के इस एक्शन से मुस्लिम समुदाय परेशान नजर आ रहा है. जिसके चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दिन में सिर्फ दो मिनट लाउडस्पीकर बजाने की परमिशन मांगी है.
योगी सरकार के एक्शन पर सियासत
धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर सियासी पारा भी हाई है. विपक्षी नेताओं की बयानबाजी के बीच AIMIM ने डीएम को पत्र लिखा है. डीएम को लिखे पत्र में AIMIM ने रोज़ा इफ्तार के समय सिर्फ दो मिनट मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत मांगी है. वहीं, मस्जिद के मौलवी का दावा है कि लाउडस्पीकर की अनुमति नहीं मिली तो रमजान में सहरी के लिए ताशा बजाकर लोगों को अलर्ट किया जाएगा. हालांकि, संभल के एसपी ने भी साफ कर दिया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग शासन के निर्देशों का पालन करते हुए रमजान में सहरी और इफ्तार करें.
लाउडस्पीकर क्यों हुआ बैन?
दरअसल, ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए योगी सरकार ने धार्मिक स्थलों पर लाउस्पीकर बैन किया है. जिसके चलते पहले ही गाइडलाइंस जारी की गई थी. जिसमें साफ-साफ आदेश दिया गया था कि अगर कहीं भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हुआ तो कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर कोई दोबारा अवैध रूप से लाउडस्पीकर लगाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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