DNA: 34 नहीं 103 सेकंड की थी तबाही, ताश के पत्तों की तरह बह गए घर, लोगों को भागने का भी नहीं मिला मौका
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DNA: 34 नहीं 103 सेकंड की थी तबाही, ताश के पत्तों की तरह बह गए घर, लोगों को भागने का भी नहीं मिला मौका

Dharali Village: क्या बादल फटा था, ग्लेशियर टूटा था या फिर कोई झील टूटी थी. आज धराली में हुई तबाही और तबाही के पीछे की वजह का हम विश्लेषण करेंगे. उत्तरकाशी के हर्षिल और धराली में क्या मंजर था, उसके वीडियोज तो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. लेकिन हम उन तस्वीरों और वीडियोज के पीछे छिपी कहानी को भी डी-कोड करेंगे

DNA: 34 नहीं 103 सेकंड की थी तबाही, ताश के पत्तों की तरह बह गए घर, लोगों को भागने का भी नहीं मिला मौका

Uttarkashi Cloud Burst: उत्तरकाशी में आई त्रासदी को 32 घंटे से ऊपर का वक्त हो गया है. लेकिन अभी तक कोई भी एजेंसी साफ तौर पर ये बता ही नहीं पा रही है कि आखिर ये त्रासदी हुई क्यों. धराली के ऊपर पहाड़ों से जो सैलाब आया उसकी वजह क्या थी?

क्या बादल फटा था, ग्लेशियर टूटा था या फिर कोई झील टूटी थी. आज धराली में हुई तबाही और तबाही के पीछे की वजह का हम विश्लेषण करेंगे. उत्तरकाशी के हर्षिल और धराली में क्या मंजर था, उसके वीडियोज तो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. लेकिन हम उन तस्वीरों और वीडियोज के पीछे छिपी कहानी को भी डी-कोड करेंगे

सैलाब से किसी तरह बचकर बाहर निकलते दो लोगों की कहानी आपको बताएंगे. इस सैलाब में जब कोई अपना फंसा होता है और ऊपर से उसका परिवार उसे देख रहा होता है, तब दिल की धड़कनें कैसे बढ़ जाती हैं. आज हम वही आपको बता रहे हैं. लेकिन उससे पहले लेटेस्ट अपडेट ये है कि रेस्क्यू ऑपरेशन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हाई लेवेल मीटिंग में अपडेट लिया. साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन को जल्द से जल्द पूरा करने के आदेश दिए. इस बैठक के बाद सीएम ने बताया की अभी तक 190 लोगों को रेस्कयू किया जा चुका है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना के 2 चिनूक और 2 MI-17 हेलीकॉप्टर को तैनात कर दिया है. बड़ी अपडेट ये है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी के 125 सैनिक और ITBP के 83 जवान जुटे हुए हैं. इस हादसे में सेना के 11 जवानों के लापता होने की भी खबर है, जिनकी तलाश जारी है.

धराली गांव से आई तस्वीरों को आए 32 घंटे गुजर चुके हैं. लेकिन अभी भी 1 मिनट 43 सेकंड का ये वीडियो लोगों को डरा रहा है. तबाही का वीडियो सिर्फ 34 सेकेंड का नहीं था, 103 सेकेंड का था. पहाड़ों से उतरते गाद और पानी ने चंद सेकंड में एक पूरे गांव को साफ कर दिया. लेकिन इसके पीछे क्या कहानी छिपी है. चलिए आपको बताते हैं.

जब पहाड़ों से पानी नीचे की तरफ उतर रहा था, तब यहां मौजूद लोगों को अंदाजा तक नहीं था कि आगे क्या आफत आने वाली है. लोग इत्मिनान से अपने घरों या होटल में मौजूद थे. सड़कों से गाड़ियां गुजर रही थीं. लोग भी अगले पल आने वाले प्रलय से बेखबर सड़कों पर घूम रहे थे. लेकिन जैसे ही पानी करीब आया. लोगों को अंदाजा हो गया कि अब जान बचाना मुश्किल है, लोग भागे. सैलाब से रेस हुई. सड़क से गुजरती ब्लैक कलर कार में सवार लोग जिंदगी की जंग जीत गए. लेकिन सड़क पर मौजूद 5 से 10 लोग बिल्डिंग के नीचे दब गए. सैलाब की चपेट में आए 20-25 मकान और होटल ताश के पत्तों की तरह बह गए और इनमें मौजूद लोगों का क्या हुआ, अभी तक ये सवाल ही बना हुआ है. एक वीडियो की शुरुआत में जो लोग ऊंचाई की तरफ भागते दिखे, उन्होंने उस मंजर को बयान किया.

एक बार जरा सोचकर देखिए. अगर आप इस जगह पर मौजूद होते तो क्या होता. एक बार आप सोचकर देखिए कि जो शख्स ये वीडियो बना रहा है उसका कोई अपना नीचे फंसा है. सैलाब के रास्ते में किसी अपने को देखकर क्या ही हाल हुआ होगा. वायरल हो रहे एक वीडियो में किसी महिला की आवाज आ रही है. उसका भाई नीचे धराली गांव में मौजूद है. लोग इस महिला को दिलासा दे रहे हैं. लोग कह रहे हैं वो सुरक्षित जगह पर पहुंच गए हैं. लेकिन अभी उनकी स्थिति क्या है.. कुछ साफ नहीं है.

धराली गांव में आई बाढ़ की असल स्थिति क्या रही होगी. आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं क्योंकि हम और आप जो देख पा रहे हैं वो तो वहां से आई गिनी चुनी तस्वीरें हैं. एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई, जिसमें एक कार बहती हुई दिख रही है. जरा सोचिए पानी का बहाव कितना तेज रहा होगा कि चलती कार को अपने साथ ले गई. कार के अंदर मौजूद लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. इस कार और कार में बैठे लोगों का क्या हुआ.. ये अभी तक एक सवाल ही बना हुआ है..

इसी बाढ़ के बाद एक और तस्वीर सामने आई, जिसमें दो लोग किसी तरह बाढ़ से बचकर निकलते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसमें से एक शख्स तो बाढ़ में आई कीचड़ से किसी तरह बाहर निकलने की कोशिश में हैं तो वहीं दूसरा शख्स सामने के किसी मकान से निकलकर दौड़ा हुआ किनारे की तरफ आ रहा है.

बाढ़ के करीब 10 से 15 के अंदर पास में मौजूद हर्षिल कैंप में मौजूद भारतीय सेना के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए थे और इसी तरह से बाहर आते लोगों को रेस्क्यू कर लिया था, जिसकी तस्वीरें भी सामने आई थी. पहाड़ से उतरते पानी और मलबे ने कैसे धराली गांव की तस्वीर बदलकर रख दी है. आपको पहले और अब की स्थिति देखकर अंदाजा हो जाएगा.

पहले जिन सड़कों पर हलचल थी. अब वहां सन्नाटा पसरा है, पहले जिन घरों में लोग रह रहे थे. अब वहां तीन तीन मंजिल तक गाद और मिट्टी भरी है. पहले जहां छोटा सा नाला बहता था. अब वहां सिर्फ और सिर्फ मिट्टी जमा है.

इस सैलाब में धराली गांव का हाल तो सबने देख लिया लेकिन जो पानी ऊपर से उतरा. वो क्या तबाही मचाते हुए नीचे उतरा है. एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जो किसी ने नहीं देखा है. वीडियो धराली से ऊपर हर्षिल इलाके का बताया जा रहा है. जहां से पानी का तेज बहान नीचे की तरफ उतरता दिखाई दे रहा है.. पानी के वेग ने पूरे के पूरे जंगल को साफ कर दिया.

पहाड़ों से उतरते पानी ने जंगल को काट दिया. एक पूरे गांव को तबाह कर दिया. लेकिन सवाल उठता है कि ये त्रासदी आई कैसे. क्या पहाड़ों पर बादल फटा था? क्या ग्लेशियर का हिस्सा टूटा था क्या कोई झील फटी थी?

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रचित कुमार

नवभारत टाइम्स अखबार से शुरुआत फिर जनसत्ता डॉट कॉम, इंडिया न्यूज, आजतक, एबीपी न्यूज में काम करते हुए साढ़े 3 साल से ज़ी न्यूज़ में हैं. शिफ्ट देखने का लंबा अनुभव है.

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