पहले रिश्तों में दिल टूटथे, अब नींद टूट रही है. इसी वजह से कपल्स नींद का तलाब ले रहे हैं. रिश्तों में दूरी लाए बिना चैन की नींद पाने का यह तरीका ट्रेंड बन चुका है. यह ट्रेंड अब तेजी से बढ़ रहा है और इसका मकसद रिश्तों को तोड़ना नहीं, संभालना है. आइए जानते हैं क्या है स्लीप डिवोर्स और इसके पीछे की साइंस.
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Sleep Divorce: तलाक सिर्फ रिश्तों का ही नहीं अब नींद का भी होने लगा है. जब रिश्तों में दूरी बढ़ती है तो तलाक की नौबत आती है, लेकिन अब कुछ कपल्स नींद का तलाक ले रहे हैं रिश्तों को बचाने के लिए. स्लीप डिवोर्स में रिश्ता को बरकरार रहता है लेकिन बेड अलग-अलग हो जाता है. इसे ही कहते हैं स्लीप डिवोर्स. आज की बिजी लाइफ में जब दिनभर की थकान के बाद कपल्स चैन की नींद सोना चाहते हैं तो सोने की छोटी-छोटी दिक्कतें बड़े तनाव का कारण बन जाती हैं. यही कारण है कि दुनियाभर में अब कपल्स स्लीप डिवोर्स को अपना रहे हैं. इसमें एक तरह से तलाक लेकर भी एक ही छत के नीचे पति-पत्नी रहते हैं और लाइफ को बेहतर बनाने पर ध्यान देते हैं. आइए जानते हैं स्लीप डिवोर्स क्या है और इसके फायदे..
जानिए क्या है स्लीप डिवोर्स
स्लीप डिवोर्स के पीछे सबसे बड़ा कारण है अच्छी और क्वालिटी नींद. जब कपल या पार्टन को एक दूसरे के कारण नींद में समस्या होती है तो अलग-अलग कमरे, अलग बेड या अलग-अलग समय पर सोते हैं. यह पैटर्न सिर्फ नए ऐज तक ही सीमित नहीं है इसे उम्रदराज लोग भी अपना रहे हैं. इसकी एक वजह नींद की कमी से होने वाली समस्याओं से भी बचना है. स्लीप डिवोर्स का मतलब यह नहीं होता है कि रिश्ता टूट गया है या खराब हो गया है और ना ही यह कि कपल्स एक साथ बिस्तर पर सो नहीं सकते हैं. यह सिर्फ उस समय और उन लोगों के लिए है, जो बिना डिस्टर्बेंस के अच्छी और सुकून की नींद लेना चाहते हैं.
स्लीप डिवोर्स के कारण भी जान लीजिए
एक दूसरे के कुछ वजहों के कारण ठीक से सो न पाना.
अलग-अलग स्लीप पैटर्न, जैसे कपल में एक जल्दी सोकर सुबह जल्दी उठ जाता है तो वहीं दूसरी लेट नाइट सोकर देर से उठता है.
किसी के स्मार्टफोन या दूसरे कामों से नींद डिस्टर्ब होना.
सोते समय पार्टन का तेज-तेज खर्राटे लेना
सोने का तरीका अलग अलग, जैसे एक पार्टनर को लाइट ऑन करके सोना है तो दूसरे को ऑफ करके.
स्लीप डिवोर्स से जुड़ी अच्छी बातें
स्लीप डिवोर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे नींद की कमी नहीं होती है, जिससे थकान दूर हो जाती है.
पूरी नींद से मेंटल और फिजिकल हेल्थ बेहतर होती है.
विवाद नहीं होता है जिससे रिलेशनशिप पहले से ज्यादा मजबूत हो सकती है.
एक दूसे को पर्सनल स्पेस मिलता है.
नींद सबके सेहत के लिए जरूरी है और इससे क्रिएटिविटी और प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है.