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Black Rain: भारत और पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच सीजफायर का ऐलान हुआ. कई हफ्तों से दोनों देशों के बीच तनाव चल रहा था, जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था. पाकिस्तान के सैन्य और नागरिक नेताओं ने खुलकर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात कही थी. लेकिन अब अमेरिकी हस्तक्षेप से शांति स्थापित हुई है. पाकिस्तान अब युद्ध से बचने के दुनियाभर के देशों से गुहार लगा रहा था, जिसके बाद भारत ने तनाव को कम करने का ऐलान किया और सीजफायर लागू किया.
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परमाणु युद्ध का खतरा
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि परमाणु युद्ध को हल्के में नहीं लेना चाहिए. यहां तक कि छोटे पैमाने का परमाणु हमला भी पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, परमाणु विस्फोट के बाद "ब्लैक रेन" (Black Rain) होती है, जो बहुत जहरीली होती है. यह बारिश हर बूंद में मौत ला सकती है.
क्या है ब्लैक रेन?
काली बारिश (Black Rain) प्रदूषित बारिश होती है, जिसमें काले कण होते हैं. ये कण जंगल की आग, ज्वालामुखी विस्फोट या परमाणु विस्फोट से आते हैं. परमाणु विस्फोट के मामले में यह बारिश धूल, राख और जहरीले कणों से भरी होती है. ये कण विस्फोट की वजह से हवा में ऊपर चले जाते हैं और बादलों के साथ मिलकर बारिश बनाते हैं. इस बारिश की तीव्रता परमाणु विस्फोट की शक्ति पर निर्भर करती है. अगर कोई इंसान इस बारिश में ज्यादा देर तक रहे, तो उसे गंभीर जलन या मृत्यु हो सकती है. जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में 1945 में हुए परमाणु हमलों में काली बारिश के दुष्प्रभाव देखे गए थे.
हिरोशिमा में काली बारिश का इतिहास
हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम ने भयानक आग पैदा की. इस आग से बहुत सारी राख हवा में चली गई और बादलों में मिल गई. इसके बाद लगभग दो घंटे तक काली बारिश हुई. यह बारिश राख, जहरीले कणों और पानी का मिश्रण थी. यह बारिश पिघले हुए तार की तरह थी. जिन लोगों पर यह बारिश गिरी, उन्हें गंभीर जलन हुई. लंबे समय तक इसके प्रभाव रहे जैसे कि मौत और डीएनए में खराबी. ये सभी परमाणु विकिरण के लक्षण हैं. हिरोशिमा में पहले विस्फोट से लगभग 80,000 लोग तुरंत मरे और बाद में काली बारिश और विकिरण की वजह से लाखों लोग मरे.
काली बारिश कैसे बनती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, परमाणु विस्फोट से भारी मात्रा में राख और धूल हवा में जाती है. यह बादलों में मिलकर बारिश बनाती है. यह बारिश सामान्य नहीं होती, बल्कि जहरीली होती है. इसमें मौजूद कण इंसानों के लिए बहुत खतरनाक होते हैं.