आज हम बात करेंगे हिंदी सिनेमा की एक ऐसी एक्ट्रेस की, जिन्हें कभी हिंदी फिल्मों की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस माना गया था. नालिनी जयवंत बॉलीवुड की एक ऐसी धाकड़ एक्ट्रेस जिसने अपने दौर में सिनेमा की सीमाओं को नई बुलंदियों पर पहुंचाया. इतना ही नहीं अपनी धारदार फैशन और दिल छू जाने वाली एक्टिंग से दर्जनों सुपरहिट फिल्में भी दीं. शोहरत में भरी जिंदगी में उन्होंने अभिनेता दिलीप कुमार तक को अपना फैन बना दिया था. लेकिन बाद में वह इंडस्ट्री से गायब हो गई. इन्होंने अपने आखिरी दिन तन्हा गुजारे. अफसोस की बात है कि उनकी मौत पर भी किसी का ध्यान नहीं गया था...
हम जिस दिग्गज दिवंगत एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं नलिनी जयवंत हैं. नलिनी जयवंत ने 50 और 60 के दशक में हर दिल को अपना दीवाना बनाया था. उस समय उन्हें इंडस्ट्री की टॉप और डिमांडिंग अभिनेत्रियों का टैग मिला हुआ था. अभिनेत्री काजोल से भी नलिनी का बहुत ही गहरा रिश्ता है. नलिनी रिश्ते में अभिनेत्री काजोल की नानी लगती थीं. नलिनी के साथ उस समय इंडस्ट्री में हर कोई काम करने के सपने देखता था.
नलिनी जयवंत का जन्म 18 फरवरी 1926 को हुआ था. उन्होंने 1940 और 1950 के दशक के दौरान हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शको के दिलों पर राज किया था. नलिनी जयवंत के लिए फिल्मों में आने का सफर काफी कठिन था. अभिनेत्री के पिता कभी नहीं चाहते थे कि वह अभिनय के क्षेत्र में आए. कहा जाता है कि इंडस्ट्री में शर्मिला टैगोर वह पहली अभिनेत्री थीं, जिन्होंने स्विमसूट पहनकर फोटोशूट कराया था, लेकिन आपको बता दें कि नलिनी ने उनसे पहले यह काम कर दिया था.
1950 के दशक में फिल्मफेयर ने उन्हें फिल्मों की सबसे खूबसूरत महिला कहा था. अभिनेता दिलीप कुमार नलिनी की तारीफ में कहा था कि उन्होंन जितनी भी एक्ट्रेस के साथ काम किया उनमें वे बेस्ट थीं.नलिनी ने अपने करियर की शुरुआत बहनें (1941) और अनोखा प्यार (1948) जैसी फिल्मों से की थी. दिलीप कुमार, देवानंद जैसे टॉप एक्टर्स और निर्देशकों के साथ काम करने की वजह से अपने समय की लीडिंग एक्ट्रेस बन गई थी. प्रोफेशनल लाइफ में सफल होने के बावजूद, नलिनी जयवंत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. उनकी पर्सनल लाइफ काफी दर्दनाक थी.बता दें कि नलिनी ने फिल्म निर्माता वीरेंद्र देसाई से पहली शादी की थी लेकिन उनकी ये शादी चल नहीं पाई थी.
1950 और 1960 के दशक के अंत तक, उन्हें रोल्स ऑफर होने कम हो गए और धीरे-धीरे वह सुर्खियों से दूर हो गईं. नलिनी जयवंत ने अब खुद को घर में ही कैद कर लिया था और पब्लिकली उन्होंने आना-जाना बंद कर दिया था. आखिली दिनों में नलिनी अपने इस बंगले में अकेले रह गईं. 22 दिसंबर 2010 को 84 वर्ष की आयु में यूनियन पार्क, चेंबूर, मुंबई स्थित उनके बंगले में उनका निधन हो गया था. अफसोस की बात है कि उनकी लाश तीन दिनों तक उनके घर में सड़ती रही थी. उनकी मौत पर किसी का ध्यान नहीं गया था जब तक कि उनके शव को लेने के लिए एम्बुलेंस नहीं आई.
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