भारतीय रेलवे में सफर करते समय आपने कई बार टीटीई को रात में भी टिकट चेक करते देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे का एक ऐसा खास नियम है, जिसके तहत रात में आपकी नींद में खलल डालना टीटीई के लिए मना है? चौंकाने वाली बात यह है कि इस नियम के बारे में 90% यात्रियों को जानकारी ही नहीं है. जब आप इस नियम के बारे में जानेंगे, तो सोचेंगे कि इसे पहले क्यों नहीं बताया गया. आइए जानते हैं रेलवे के इस अजीब नियम को.
रेलवे की इस पहल का मकसद यात्रियों को लंबी यात्रा के दौरान आराम और नींद का पूरा समय देना है. लाखों लोग रोजाना स्लीपर और एसी कोच में लंबी दूरी का सफर करते हैं, और अगर बीच-बीच में टिकट चेकिंग से नींद टूट जाए तो यात्रा का मजा किरकिरा हो जाता है. इसी परेशानी को खत्म करने के लिए रेलवे ने रात के समय टिकट चेकिंग पर पाबंदी का नियम लागू किया है.
भारतीय रेलवे के नियम के अनुसार, रात 10 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले सामान्य परिस्थितियों में टिकट चेकिंग नहीं की जाती. यह नियम स्लीपर और एसी, दोनों तरह के कोच पर लागू होता है. यानी अगर आप पहले से अपनी सीट पर बैठे हैं और आपका टिकट चेक हो चुका है, तो रात के वक्त कोई आपको परेशान नहीं करेगा.
अगर आप सफर के बीच में ट्रेन में चढ़ते हैं, तो टीटीई को टिकट चेक करने का अधिकार होता है. इसके अलावा, किसी आपात स्थिति में भी टिकट चेकिंग हो सकती है. लेकिन पहले से बैठे यात्रियों को सिर्फ टिकट चेक करने के लिए जगाना नियम के खिलाफ है.
अगर कोई टीटीई रात 10 बजे के बाद बार-बार टिकट मांगता है या अनावश्यक रूप से परेशान करता है, तो आप रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. रेलवे ऐसे मामलों में कार्रवाई करता है.
रेलवे ने यात्रियों की नींद और आराम को ध्यान में रखते हुए कुछ और नियम भी लागू किए हैं, जैसे- जोर-जोर से बात करना या शोर मचाना मना है, बिना हेडफोन के मोबाइल पर म्यूजिक/वीडियो चलाना प्रतिबंधित है, कोच की मुख्य लाइटें बंद कर दी जाती हैं, केवल डिम लाइट जलती है और चार्जिंग पॉइंट रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक बंद रहते हैं, ताकि शॉर्ट सर्किट या आग से बचाव हो सके.
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