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प्रद्युम्न भगत अब स्वामी केशवसंकल्पदास, ऐसी रही BAPS संन्यासी जीवन की दिव्य यात्रा

BAPS Sanyasi Life: आज की भौतिक दुनिया में कामयाबी को हमेशा सैलरी पैकेज, धन-दौलत, शानो-शौकत और हाईफाई पढ़ाई लिखाई से मापा जाता है. लेकिन दुनिया में ऐसे लोग हैं जिनका करियर भौतिक दुनिया से शुरू होकर अलौकिक दुनिया से जुड़ जाता है. यहां बात नासा से निर्वाण की  यात्रा कर रहे प्रद्युम्न भगत (Pradyumna Bhagat to Swami Keshavsankalp Das) की जिन्होंने अपने जीवन का ट्रैक बदलने के लिए धर्म और अध्यात्म का सहारा लिया. आज वो आध्यात्मिकता, भक्ति और मानवसेवा में समर्पित बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था) के साथ जुड़कर भक्ति और ज्ञान का प्रचार कर रहे हैं. अब उन्हें स्वामी केशवसंकल्पदास के नाम से जाना जाता है.

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BAPS (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था) एक विश्वस्तरीय धार्मिक सनातन मूल्यों से जुड़ा संगठन है. प्रद्युम्न भगत का जन्म ऑकलैंड, न्यूजीलैंड में हुआ था और उन्होंने इलेक्ट्रिकल एवं रोबोटिक्स इंजीनियरिंग में अटलांटा में सर्वोच्च अंक और प्रतिष्ठा हासिल की थी. वो गोल्ड स्कॉलर, मात्र 15 वर्ष की आयु में टीई़डीएक्स वक्ता और दो पेटेंट प्राप्त करने वाले एक नवप्रवर्तक थे. उन्होंने बोइंग के लिए अत्याधुनिक रोबोटिक्स पर काम किया. उन्हें बोइंग और NASA से शानदार नौकरी के ऑफर मिले.

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प्रद्युम्न भगत ने ऐसी अभूतपूर्व उपलब्धियों के बावजूद, एयरोस्पेस और प्रौद्योगिकी में एक शानदार और चार्मिंग करियर को छोड़कर एक उससे भी महान उद्देश्य को अपनाने का फैसला किया. उन्होंने BAPS के संन्यासी जीवन में प्रवेश किया. उन्होंने सांसारिक बंधनों को त्यागकर स्वामिनारायण संप्रदाय में दीक्षा ग्रहण की और अब स्वामी केशवसंकल्पदास के रूप में जीवन व्यतीत करेंगे, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.

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उनका ये फैसला हमें यह शक्ति प्रदान करता है कि भगवान की सेवा से सच्ची संतुष्टि मिलती है. इस जीवन की उपलब्धियां सांसारिक जीवन की सफलताओं से परे होती हैं. इस दुनिया में, जहां आमतौर पर उपलब्धियों को धन और प्रतिष्ठा से जोड़ा जाता है, उन्होंने अपना जीवन बीएपीएस के आध्यात्मिकता, सेवा और नैतिक उत्थान के वैश्विक मिशन को समर्पित कर दिया. यह निर्णय निःस्वार्थता, भक्ति और विश्वास के उच्चतम मूल्यों का प्रतीक है.

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अब, स्वामी केशवसंकल्पदास इस दिव्य यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं, उनकी कहानी दुनिया भर में पीढ़ियों को आध्यात्मिकता, नम्रता और बीएपीएस के माध्यम से मानवता की निःस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करेगी.  

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हाल ही में अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर ने अपनी पहली वर्षगांठ पर एक समारोह आयोजित किया था. इस समारोह में यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नहयान मबारक अल नहयान और राष्ट्रपति न्यायालय के विशेष मामलों के सलाहकार शेख मोहम्मद बिन हमद बिन तहनून अल नहयान भी मौजूद थे. इसके अलावा, 450 से अधिक प्रतिष्ठित हस्तियां, राजदूत, सरकारी अधिकारी, धार्मिक नेता, 300 सामुदायिक प्रतिनिधि और हजारों भक्तों की उपस्थिति में मंदिर ने एक ही दिन में 13,000 से अधिक आगंतुकों का स्वागत किया.

(इनपुट: IANS)

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