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चीन को दिखाता है आंख, भारत के घातक हथियारों पर भरोसा, फिलीपींस क्या करने जा रहा है?

India Philippines defence ties: फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए भारत को एक प्रमुख क्षेत्रीय पार्टनर के रूप में देख रहा है. इस वजह से मनीला में बैठे रणनीतिकारों ने भारत से कई रक्षा उपकरण खरीदने में दिलचस्पी जताई है. हाल ही में भारत और फिलीपींस की नौसेना के बीच चल रहे नौसेना के युद्धाभ्यास से भी बीजिंग के पेट में मरोड़ उठ रही है. आइए जानते हैं कि भारत से मिलकर फिलीपींस क्यों खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है?

भारत के हथियारों पर फिलीपींस को भरोसा

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भारत के हथियारों पर फिलीपींस को भरोसा

फिलीपींस के सैन्य बलों के प्रमुख रोमियो ब्राउनर ने कहा कि फिलीपींस भारतीय रक्षा उपकरणों की गुणवत्ता और ताकत से प्रभावित होकर भारत से और अधिक हथियार प्रणालियां खरीदने पर विचार कर रहा है. मनीला को ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों की चल रही आपूर्ति के बारे में बात करते हुए, ब्राउनर ने यह भी कहा कि भारत-रूस संयुक्त रूप से विकसित मिसाइल प्रणालियों के दो सेट भविष्य में फिलीपींस में पहुंच सकते हैं.

दक्षिण चीन सागर या पश्चिमी फिलीपींस सागर?

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दक्षिण चीन सागर या पश्चिमी फिलीपींस सागर?

दक्षिण चीन सागर (SCS) को फिलीपींस अपना हिस्सा मानते हुए उसे पश्चिमी फिलीपींस सागर कहता है. दोनों देशों के बीच दशकों से भीषण समुद्री विवाद के चलते मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत तक पहुंचा लेकिन चीन ने आईसीजे का फैसला मानने से इनकार कर दिया. ऐसे में फिलीपींस ने अपनी जल सीमा में चीन की आक्रामकता को कम करने और विवादित जलक्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत और जापान जैसे देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया है. भारत भी इस सप्ताह दक्षिण चीन सागर में संयुक्त गश्त के लिए फिलीपींस के साथ शामिल होगा. चीन के साथ अपने सीमा तनाव के बीच, भारत ने 2023 में मनीला के साथ मिलकर चीन से 2016 के एक मध्यस्थ न्यायाधिकरण के फैसले का स्पष्ट रूप से पालन करने का अनुरोध किया था, जिसमें दक्षिण चीन सागर के जलक्षेत्र पर बीजिंग के व्यापक दावों का खंडन किया गया था.

ब्रह्मोस/आकाश खरीदना चाहता है फिलीपींस

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ब्रह्मोस/आकाश खरीदना चाहता है फिलीपींस

मोदी और मार्कोस फिलीपींस की रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने, नौसैनिक संपत्तियों के अधिग्रहण और समुद्री सुरक्षा पर प्रशिक्षण एवं संयुक्त अभ्यास के विस्तार के लिए भारत द्वारा रियायती ऋण की पेशकश पर भी चर्चा कर सकते हैं. मनीला के अधिकारियों के मुताबिक फिलीपींस भारत के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कानून और संस्कृति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 6 समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकता है. हालांकि, मोदी-मार्कोस की यह मुलाकात भारत और चीन दोनों द्वारा अपने संबंधों को फिर से मजबूत करने के प्रयासों के बीच हो रही है और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बैठक में दक्षिण चीन सागर का मुद्दा कितना महत्वपूर्ण हो पाता है. मार्कोस की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कथित तौर पर उनसे कहा था कि अगर मनीला चीन के साथ मिल जाए तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी.

कई क्षेत्रों में साथ काम करेंगे भारत-फिलीपींस

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कई क्षेत्रों में साथ काम करेंगे भारत-फिलीपींस

दोनों देश व्यापार संबंधों को बढ़ाने के प्रयासों पर भी चर्चा करेंगे, क्योंकि दोनों देश ट्रंप के व्यापार युद्ध में फंसने से बचने के लिए अमेरिका के साथ एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने पर विचार कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत से आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जबकि उन्होंने मनीला पर 19% शुल्क लगाया है. 2022-2023 में पहली बार द्विपक्षीय व्यापार 3 अरब डॉलर को पार कर गया और दोनों पक्ष एक द्विपक्षीय अधिमान्य व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं. विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, विकास सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का एक और महत्वपूर्ण पहलू है.

दक्षिण चीन सागर विवाद: चीन और फिलीपींस क्यों भिड़े?

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 दक्षिण चीन सागर विवाद: चीन और फिलीपींस क्यों भिड़े?

बीते 25 सालों में चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी तटरेखा से दूर कई अस्पष्ट रीफ और एटोल पर कब्जा करके रनवे और बंदरगाह और सैन्य प्रतिष्ठानों का निर्माण किया है. फिलीपींस का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयां उनकी संप्रभुता का उल्लंघन करती हैं और समुद्री कानून का उल्लंघन करती हैं. अमेरिका भी इससे सहमत है, वह नियमित रूप से विवादित द्वीपों के करीब नेविगेशन संचालन की स्वतंत्रता के खातिर अपने नौसेना के विध्वंसक पोतों को भेजता रहता है. हालांकि, इससे यह डर पैदा होता है कि दक्षिण चीन सागर दो महाशक्तियों के बीच टकराव का केंद्र बन सकता है. अमेरिका से हथियार खरीदना महंगा सौदा है और भारत के हथियार चीन के करीबी पाकिस्तान को तबीयत से तोड़ चुके हैं, ऐसे में फिलीपींस को भारत से हथियार खरीदने में मौका दिख रहा है.

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