Saudi Arabia executions hit record high: सऊदी अरब ने पिछले साल 345 लोगों को मौत की सज़ा दी गई. ये सभी आरोपी एक खास अपराध से जुड़े थे. ऐसा तब हुआ है कि जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने मृत्युदंड की सजा को हत्या (Murder) के मामलों तक सीमित रखने का वादा किया था. आखिर किस अपराध में ये सब एक-एक करके सूली पर टांग दिए गए आइए बताते हैं. इसके बाद एमनेस्टी नामक संगठन ने सऊदी सरकार पर गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है.
सऊदी अरब ने पिछले साल 345 लोगों को मौत की सज़ा दी, मुख्य रूप से नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों के लिए, जबकि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मृत्युदंड को हत्या तक सीमित रखने का वादा किया था.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सोमवार को कहा कि सऊदी अरब में पिछले साल मृत्युदंड की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, क्योंकि उसके कार्यकर्ताओं को गैर-हिंसक नशीली दवाओं के मामलों में सऊदी सरकार द्वारा दिए जा रहे मृत्युदंड के मामलों के कई पुख्ता सबूत मिल रहे हैं.
सऊदी अरब ने पिछले साल 345 लोगों को मृत्युदंड दिया, जो एमनेस्टी द्वारा तीन दशकों से अधिक समय में दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या है. समूह ने कहा कि इस साल के पहले छह महीनों में ही 180 लोगों को मौत की सज़ा दी गई है, जिससे संकेत मिलता है कि यह रिकॉर्ड फिर से टूट सकता है.
कार्यकर्ता समूह रिप्रीव ने अलग से कहा कि इस साल, जिन लोगों को मृत्युदंड दिया गया, उनमें से लगभग दो-तिहाई को गैर-घातक नशीली दवाओं के आरोपों में दोषी ठहराया गया था. एमनेस्टी ने भी नशीली दवाओं के मामलों में मृत्युदंड के बारे में इसी तरह की चिंता जताई है. कई भारतीय भी इस अपराध में मौत की सजा पाए हैं.
सऊदी अरब ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है कि वह राज्य में मृत्युदंड का इस्तेमाल क्यों बढ़ा रहा है. सऊदी अधिकारियों ने फांसी की सज़ा और गैर-हिंसक ड्रग मामलों में मौत की सज़ा का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है, इस बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया.
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