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दो लड़के Yahoo को बेचने पहुंचे वेबसाइट! नहीं मिला भाव तो याहू का ही मिटा दिया नामों-निशान

Downfall Story Of Yahoo: आज Google दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब इसे सिर्फ 1 मिलियन डॉलर में बेचने की कोशिश की गई थी और Yahoo ने इसे खरीदने से मना कर दिया था. यही नहीं, 11 साल बाद Google इतना मजबूत बन गया कि Yahoo का दबदबा खत्म हो गया. आइए जानते हैं इस दिलचस्प कहानी के बारे में.

यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट से शुरुआत

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यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट से शुरुआत

1990 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो छात्र लैरी पेज और सर्गे ब्रिन ने एक प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया, जिसका मकसद इंटरनेट पर सर्च को आसान और बेहतर बनाना था. 1996 में उन्होंने एक सर्च इंजन का आइडिया तैयार किया जो आगे चलकर Google बना. 1998 में, सन माइक्रोसिस्टम्स के को-फाउंडर एंडी बेक्टहोल्शेम ने उनकी आइडिया पर भरोसा जताया और 100,000 डॉलर का निवेश किया. यह निवेश Google के आधिकारिक तौर पर कंपनी बनने से पहले ही हो गया था.

Yahoo को दिया पहला ऑफर

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Yahoo को दिया पहला ऑफर

इसी साल, पेज और ब्रिन ने Yahoo और दूसरी टेक कंपनियों से अपनी टेक्नोलॉजी खरीदने या निवेश करने की बात की. उन्होंने Yahoo को अपना PageRank सिस्टम सिर्फ 1 मिलियन डॉलर में बेचने का ऑफर दिया, लेकिन Yahoo ने इसे ठुकरा दिया.

पढ़ाई में दिक्कत, फिर भी ठुकरा दिया गया

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पढ़ाई में दिक्कत, फिर भी ठुकरा दिया गया

1999 की शुरुआत में, लैरी पेज और ब्रिन को लगा कि पढ़ाई उनके प्रोजेक्ट की वजह से प्रभावित हो रही है. इसलिए उन्होंने अपने सर्च इंजन को Excite कंपनी को 1 मिलियन डॉलर में बेचने का ऑफर दिया. Excite के CEO जॉर्ज बेल ने मना कर दिया. यहां तक कि वेंचर कैपिटलिस्ट विनोद खोसला ने कीमत घटाकर 7.5 लाख डॉलर करने की सलाह दी, लेकिन फिर भी डील नहीं हो पाई.

AdWords ने बदल दी तस्वीर

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AdWords ने बदल दी तस्वीर

2002 तक Google ने AdWords लॉन्च किया, जिसने डिजिटल विज्ञापन की दुनिया में क्रांति ला दी. इसमें विज्ञापनदाता कीवर्ड्स पर बोली लगाते थे, और विज्ञापन की पोजीशन सिर्फ बोली पर नहीं, बल्कि क्लिक रेट पर भी निर्भर करती थी. खराब विज्ञापनों को जल्दी हटा दिया जाता था, जिससे यूजर्स और विज्ञापनदाताओं दोनों को फायदा होता था. इस नए मॉडल ने Google को तेजी से ग्रोथ दिलाई और वह टेक इंडस्ट्री का बड़ा खिलाड़ी बन गया.

Yahoo को फिर आया Google खरीदने का ख्याल

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Yahoo को फिर आया Google खरीदने का ख्याल

2002 में, Yahoo के CEO टेरी सेमेल ने Google को खरीदने का विचार किया. Yahoo के फाउंडर्स जेरी यांग और डेविड फिलो ने भी यह सलाह दी. ब्रिन और पेज से डिनर के दौरान सेमेल ने पूछा कि वे आगे क्या करना चाहते हैं. शुरुआत में, Google ने 1 अरब डॉलर की डील मांगी. जब सेमेल इस पर तैयार हो गए, तो Google ने कीमत बढ़ाकर 3 अरब डॉलर कर दी. यह डील पूरी नहीं हो पाई.

Yahoo की गलतियां, Google की जीत

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Yahoo की गलतियां, Google की जीत

Yahoo ने बाद में Inktomi जैसे सर्च इंजन खरीदे, लेकिन Google की तेजी और इनोवेशन के सामने सब फीका पड़ गया. यह कहानी बताती है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में सही समय पर सही फैसले लेना कितना जरूरी है. Google, जो कभी एक यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट था, आज अरबों डॉलर की कंपनी है, और Yahoo, जिसने इसे ठुकराया था, अब टेक की रेस में पीछे रह गया.

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