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साहेल का संसार बना गर्ल्‍स के लिए जंजाल, बेबस लोग छोड़कर भाग रहे; UN ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने अस्थिर साहेल क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों और वर्तमान स्थिति के बारे में बताया. लड़कियों के हालातों के बारे में भी चिंता जताते हुए बताया कि 10 लाख से ज्यादा लड़कियां स्कूल नहीं जा पा रही हैं.

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Sahel Region: अफ्रीका के अस्थिर साहेल क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. दरअसल संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को इसके बारे में बताते हुए कहा कि यहां महिलाओं और लड़कियों का जीवन काफी कठिन हो गया है. नागरिकों को अधिक सुरक्षा प्रदान करने के वादे से बलपूर्वक सत्ता हासिल कर ली गई, लेकिन अब यहां सुरक्षा कि स्थिति बेहद गम्भीर हो गई है. लड़कियों को स्कूली शिक्षा ना मिलने सहित कई दिक्कतें हो रही हैं.

साहेल कहां है?

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साहेल कहां है?

साहेल अफ्रीका का एक बहुत बड़ा इलाका है, जो सहारा रेगिस्तान के ठीक नीचे है. यह पश्चिम में अटलांटिक महासागर से लेकर पूर्व में लाल सागर तक फैला हुआ है. इसकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर इसे रेगिस्तान और हरे-भरे जंगलों के बीच का एक रास्ता कह सकते हैं. इसके अंतर्गत माली, नाइजर, बुर्किना फासो, चाड और सूडान जैसे देश आते हैं.

आतंकवादी गतिविधियां

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आतंकवादी गतिविधियां

साहिल क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं. यह हमला करने वाले अब ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं और इनका संगठित अपराधियों से भी गठजोड़ बढ़ता जा रहा है. इसी दौरान पश्चिम अफ्रीका और सहेल को लेकर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के प्रमुख सिमाओ ने एसीएलईडी के आंकड़ों का हवाला दिया और बताया कि 1 अप्रैल से 31 जुलाई के बीच बुर्किना फासो, माली और नाइजर में करीब 400 से ज्यादा आतंकवादी हमले हुए और इस दौरान 2,870 लोगों की मौत भी हुई. 

महिलाओं और लड़कियों पर बुरा असर

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महिलाओं और लड़कियों पर बुरा असर

आतंकवाद के कारण साहिल क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों की जिंदगी पर भी काफी गहरा असर पड़ा है. हिंसा के डर से 10 लाख से ज्यादा लड़कियां स्कूल नहीं जा पा रही हैं. वहीं 60% लड़कियां तो ऐसी हैं, जिन्होंने कभी कक्षा में कदम भी नहीं रखा है. वहीं बहौस के अनुसार इन वजहों के चलते इस क्षेत्र में बाल विवाह की दर भी काफी बढ़ गई है. सूखे के चलते लड़कियों और महिलाओं को पानी और लकड़ी लाने के लिए दूर तक असुरक्षित रास्तों से जाना पड़ता है.

सैन्य शासन और असुरक्षा

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सैन्य शासन और असुरक्षा

माली, नाइजर और बुर्किना फासो, इन तीनों देशों में अब सेना का शासन है. इन सरकारों ने सुरक्षा देने का वादा किया था, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा की स्थिति और भी खराब हो गई है. 

विस्थापन और पलायन

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विस्थापन और पलायन

इस क्षेत्र में हिंसा और सूखे की वजह से लोग अपना घर-बार छोड़कर दूसरे इलाकों में जा रहे हैं. जहां लाखों लोग अपनी जान बचाने के लिए एक देश से दूसरे देश में भाग रहे हैं. वहीं बहौस ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से साहेल को न छोड़ने का आग्रह किया. 

संयुक्त रक्षा बल का गठन

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संयुक्त रक्षा बल का गठन

आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए, बुर्किना फासो, माली और नाइजर ने मिलकर एक साझा रक्षा बल बनाया है. इस समस्या से निपटने के लिए दूसरे क्षेत्रीय प्रयास भी किए जा रहे हैं, जो कारगर हो सकते हैं. 

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