बच्चेदानी को गर्भाशय कहा जाता है. गर्भाशय महिलाओं के शरीर का जरूरी अंग होता है. गर्भाशय में ही महिलाएं प्रेग्नेंसी कंसीव करती हैं. मां बनने के लिए महिला की बच्चेदानी का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. बच्चेदानी में गांठ होने पर प्रेग्नेंसी कंसीव करने में दिक्कत आती है. बच्चेदानी की गांठ को दवाई, लाइफस्टाइल में बदलाव और डाइट की मदद से ठीक किया जा सकता है.
बच्चेदानी में गांठ को आम भाषा में रसौली भी कहते हैं. रसौली होने पर डॉक्टर के पास जरूर जाएं. डॉक्टर की सलाह और हेल्दी डाइट की मदद से गांठ को ठीक किया जा सकता है. डाइट में फाइबर को शामिल करना फायदेमंद होता है.
सेब में फाइबर विटामिन पाया जाता है जो कि सूजन और दर्द को कम करता है. बच्चेदानी की गांठ ठीक करने के लिए रोजाना 1 सेब का सेवन करना चाहिए.
रसौली होने पर बादाम का सेवन करें. बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो कि यूट्रस की लाइगिंग को ठीक कर सकता है. गांठ होने पर रोजाना 7 से 8 बादाम का सेवन कर सकते हैं.
बच्चेदानी की गांठ होने पर आप कच्ची हल्दी का सेवन कर सकते हैं. कच्ची हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं जो कि शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
प्रोसेस्ड मीट और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से बच्चेदानी की गांठ बढ़ सकती है. प्रोसेस्ड फूड्स जैसे बर्गर, सॉसेज, चिकन, पैकेट फूड्स या डीप फ्राइड स्नैक्स का सेवन करने से एस्ट्रोजन लेवर असंतुलित करता है जिस वजह से गांठ का साइज बढ़ सकता है.
हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से बचना चाहिए. केक, कुकीज, बिस्कुट, कैंड का अधिक सेवन करने से शरीर में इंसुलिन स्पाइक होता है जो कि एस्ट्रोजन को बढ़ता है जिस वजह से बच्चेदानी में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है.
रिफाइंड आटा जैसे मैदा पिज्जा, पास्ता, ब्रेड, बेकरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से शरीर में एस्ट्रोजन का बैलेंस खराब हो जाता है जिस वजह से शरीर पर बुरा असर पड़ता है. जिस वजह से बच्चेदानी की गांठ बढ़ सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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