बच्चेदानी में गांठ होना आम समस्या है. 25 से 40 साल की उम्र की महिलाओं में फॉयब्राइंड्स की समस्या देखने को मिलती है. शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने पर बच्चेदानी में गांठ होने का रिस्क अधिक होता है. बच्चेदानी में गांठ बनने के कारण के बारे में सटीक जानकारी नहीं है. बच्चेदानी में गांठ होने पर शरीर में कई तरह के संकेत नजर आते हैं. इन लक्षणों की पहचान कर इस समस्या से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं बच्चेदानी में गांठ के लक्षण.
पीरियड्स से संबंधी समस्या होना बच्चेदानी में गांठ का संकेत हो सकता है. पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना, खून के थक्के बनना आदि पीरियड्स के दौरान इन बदलाव को नजरअंदाज ना करें जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं.
नाभि से नीचे पेट में दर्द होना बच्चेदानी में गांठ होने का संकेत हो सकता है. पेट ने निचले हिस्से और कमर में दर्द होना गांठ का संकेत हो सकता है. इस संकेत को नजरअंदाज ना करें जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं.
बच्चेदानी में गांठ होने पर बार-बार पेशाब होने की समस्या हो सकती है. बच्चेदानी में गांठ होने पर ब्लेडर पर दबाव काफी बढ़ जाता है जिस वजह से बार-बार पेशाब आने की समस्या बढ़ जाती है.
लंबे समय से कब्ज की समस्या होना भी बच्चेदानी में गांठ का संकेत हो सकता है. पेट के निचले हिस्से में दर्द, कब्ज की समस्या, पीरियड्स से जुड़ी समस्या होना. अगर ये सारे लक्षण आपको नजर आ रहे हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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