महाशिवरात्रि पर पहली बार रख रहे हैं व्रत, भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियां, जानें क्या करें और क्या नहीं
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महाशिवरात्रि पर पहली बार रख रहे हैं व्रत, भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियां, जानें क्या करें और क्या नहीं

Mahashivratri 2025 Vrat Niyam: महाशिवरात्रि व्रत के दौरान कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना होता है. मान्यता है कि विधि-विधान से महाशिवरात्रि का व्रत रखने पर हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अगर पहली बार महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखें.

 

महाशिवरात्रि पर पहली बार रख रहे हैं व्रत, भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियां, जानें क्या करें और क्या नहीं

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के प्रतीक रूप में भी देखा जाता है, जिससे शिव भक्त इसे अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं. इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक शिव-गौरी की पूजा करते हैं. महाशिवरात्रि व्रत में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है. आइए जानते हैं कि अगर पहली बार व्रत रख रहे हैं को किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि के दिन भक्तगण शिव मंदिरों में जाकर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं. वे शिवलिंग पर दूध, धतूरे के फूल, बेल पत्र अर्पित करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. ऐसे में अगर आप पहली बार महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, तो आपको इसकी विधियों और नियमों का पालन करना आवश्यक होता है. विशेष रूप से शुभ मुहूर्त में पूजा करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है.

चार प्रहर की पूजा का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की साधना का विशेष महत्व होता है. हर प्रहर में शिव उपासना का अलग फल मिलता है:

प्रथम प्रहर पूजा: सायं 06:19 बजे से रात्रि 09:26 बजे तक

द्वितीय प्रहर पूजा: रात्रि 09:26 बजे से मध्यरात्रि 12:34 बजे तक

तृतीय प्रहर पूजा: मध्यरात्रि 12:34 बजे से 27 फरवरी, प्रातः 03:41 बजे तक

चतुर्थ प्रहर पूजा: 27 फरवरी, प्रातः 03:41 बजे से प्रातः 06:48 बजे तक

महाशिवरात्रि व्रत के नियम

एक समय फलाहार- व्रत के दौरान एक ही बार फलाहार करने की परंपरा है. हालांकि, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों के लिए दो से तीन बार फलाहार करने की अनुमति होती है.

व्रत में क्या खा सकते हैं- सिंघाड़े का हलवा, कुट्टू, सामा के चावल, आलू आदि का सेवन किया जा सकता है.

इन चीजों से परहेज करें- गेहूं, चावल और साबुत अनाज से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

महाशिवरात्रि व्रत में भूलकर भी ना खाएं ये चीजें

महाशिवरात्रि व्रत के दौरान लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित होता है.

सफेद नमक के बजाय सेंधा नमक का उपयोग करें.

अधिक तला-भुना भोजन न करें, क्योंकि यह पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है.

मांस और मदिरा का सेवन पूरी तरह निषेध होता है.

व्रत के दौरान दिन में सोने से बचें.

गेहूं, चावल और अन्य अनाज का सेवन व्रत में निषेध होता है.

महाशिवरात्रि व्रत के लाभ

महाशिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति को धन, सम्मान, सुख और शांति की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं के लिए यह व्रत शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. यह व्रत न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्तों को मानसिक और शारीरिक शुद्धता का भी अनुभव कराता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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दीपेश ठाकुर

दीपेश ठाकुर, पिछले 10 वर्षों से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं. श्रीठाकुर के पास प्रिंट और डिडिटल मीडिया में अच्छा अनुभव है. इस वक्त Zee News वरीय उप-संपादक के तौर पर कार्यरत हैं. ज्योतिष शास्त्र...और पढ़ें

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