ऑनलाइन फ्रॉड का धंधा बंद कर देगी Blockchain तकनीक; डिटेल से समझिए कैसे काम करती है?
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ऑनलाइन फ्रॉड का धंधा बंद कर देगी Blockchain तकनीक; डिटेल से समझिए कैसे काम करती है?

Blockchain Technology: क्या आपको पता है Blockchain टेक्नोलॉजी क्या है और ये कैसे काम करती है. इस तकनीक की मदद से ऑनलाइन फ्रॉड को रोका जा सकता है. डिटेल से इसके बारे में जानिए.

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What is Blockchain Technology: साइबर क्राइम के मामले दिनोंदिन बढ़ते ही जा रहे हैं. आए दिन इनसे जुड़ी कई खबरें सामने आती हैं. साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो इन मामलों में रोक लगाने में मददगार साबित हो सकती है.

इस तकनीक का नाम है ब्लॉकचेन (Blockchain). आपको बताते हैं कि ये टेक्नोलॉजी क्या है और ये कैसे हैकर्स को रोक पाने में मददगार साबित हो सकती है.

ब्लॉकचेन के जरिए किसी भी चीज को डिजिटल फॉरमेट में बदलकर स्टोर किया जा सकता है. विशेषज्ञों की माने तो ब्लॉकचेन एक तरह का एक्सचेंज प्रोसेस है. ब्लॉकचेन तकनीक डेटा ब्लॉक पर काम करती है यानी इसमें हर एक ब्लॉक एक-दूसरे से कनेक्टेड होते हैं जिन्हें हैक कर पाना लगभग नामुमकिन होता है. इस तकनीक की मदद से डॉक्यूमेंट्स को डिजिटली सुरक्षित रखा जा सकता है. बताया जाता है कि स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने 1991 में ब्लॉकचेन तकनीक का यूज किया था.

कैसे काम करती है Blockchain टेक्नोलॉजी

डेटा की सुरक्षा के लिए ये तकनीक बेहद उपयोगी मानी जाती है. ब्लॉकचैन तकनीक एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन पर काम करती है. जिससे धोखाधड़ी और अनऑथोराइज एक्टिवीट को रोक पाने में मदद मिल सकती है.ब्लॉकचेन के जरिए कंप्यूटर के एक नेटवर्क में डेटा को स्टोर किया जाता है. जिसकी मदद से डेटा को हैक करना मुश्किल हो जाता है.

इसे और आसान तरीके से बताएं तो एक तरीके का डेटा बेस ब्लॉकचेन है. इसकी मदद से ब्लॉक में डेटा स्टोर किया जाता है. ये डेटा एक चेन में एक साथ जुड़ा होता है.  इस तकनीक का मकसद रिकॉर्ड को पारदर्शी तरीके से यूजर्स को उपलब्ध कराना है. जिससे अगर कोई लेनदेन किया जाता है तो उसमें किसी तरह का फ्रॉड ना हो सके. ये तकनीक  एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन पर बेस्ड है.

कारोबार को सिक्योर करने में मददगार

किसी भी कारोबार को सुरक्षित बनाने में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी मदद कर सकती है. इतना ही नहीं सिक्योरिटी लागत में आने वाले खर्चा भी कम आता है.  बिजनेस का डेटा बेहद की सेंसिटिव होता है. चूंकि ये तकनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन पर काम करती है इसलिए डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इसी तरह धोखाधड़ी और अवैध गतिविधी को रोकने में मदद होती है.

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