Afghanistan Women: यूएन विमेन ने बताया कि इन लौटने वालों के पास न तो स्थायी घर है. न आय का स्रोत, न स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच, और न ही शिक्षा के अवसर. महिलाओं और लड़कियों के लिए स्थिति और भी खराब है.
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United Nations: पाकिस्तान और ईरान से अफगानिस्तान लौट रहीं महिलाओं और लड़कियों के लिए संयुक्त राष्ट्र ने गंभीर चेतावनी दी है. यूएन विमेन ने कहा कि लौटने वाली इन महिलाओं को तुरंत मानवीय सहायता की जरूरत है क्योंकि वे ऐसे समुदायों में लौट रही हैं जो पहले से ही आर्थिक तंगी और पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2023 से अब तक दो मिलियन से ज्यादा अफगान बिना दस्तावेज के वापस लौट चुके हैं. जिनमें कई महिलाएं और लड़कियां हैं जिन्होंने कभी अफगानिस्तान में जीवन नहीं बिताया.
महिलाओं और लड़कियों के लिए स्थिति खराब ..
असल में यूएन विमेन ने बताया कि इन लौटने वालों के पास न तो स्थायी घर है. न आय का स्रोत, न स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच, और न ही शिक्षा के अवसर. महिलाओं और लड़कियों के लिए स्थिति और भी खराब है. गरीबी, कम उम्र में शादी, लैंगिक हिंसा और उनके अधिकारों व स्वतंत्रता पर कड़े प्रतिबंध जैसी समस्याएं उनके सामने खड़ी हैं. आंकड़ों के मुताबिक महिला-प्रधान परिवारों में से सिर्फ 10% के पास स्थायी आश्रय है. वहीं अंतरराष्ट्रीय फंडिंग घटने के कारण राहत संगठनों के लिए मदद पहुंचाना मुश्किल हो रहा है.
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत मदद नहीं मिली तो महिलाओं और लड़कियों की स्थिति और बिगड़ जाएगी. सीमा क्षेत्रों में राहत कार्यकर्ता, खासकर महिला कर्मी, भारी दबाव में हैं. यूएन और राहत संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से विशेष रूप से लौटने वाली महिलाओं और लड़कियों के लिए सहायता कार्यक्रमों में निवेश बढ़ाने की अपील की है, ताकि वे कठिन हालात में खुद को संभाल सकें.
जबरन वापसी रोकने की अपील..
इसी बीच यूएनएचसीआर ने पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों, खासकर महिलाओं, लड़कियों और बीमार लोगों की जबरन वापसी रोकने की अपील की है. एजेंसी ने कहा कि जबरन वापसी मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकती है और लौटने वालों को गंभीर खतरों का सामना करना पड़ सकता है. पाकिस्तान ने हालांकि एक महीने की मोहलत दी है, लेकिन 1 सितंबर 2025 से निर्वासन प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है.
यूएनएचसीआर ने पाकिस्तान और अन्य मेजबान देशों को अपने अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्वों का पालन करने की याद दिलाई है. जिसमें नॉन-रिफाउलमेंट" का सिद्धांत शामिल है. इसका मतलब यानी ऐसे लोगों को वापस न भेजना जिनकी जान या स्वतंत्रता खतरे में हो. एजेंसी ने कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा मानवीय स्थिति को देखते हुए विस्थापित लोगों, खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित और अधिकार-आधारित दृष्टिकोण अपनाना बेहद जरूरी है.
Q1: संयुक्त राष्ट्र ने अफगान महिलाओं को लेकर क्या चेतावनी दी?
Ans: संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान और ईरान से लौट रही अफगान महिलाओं को तुरंत मानवीय मदद की जरूरत है.
Q2: कितने अफगान नागरिक पाकिस्तान और ईरान से लौट चुके हैं?
Ans: सितंबर 2023 से अब तक 20 लाख से ज्यादा अफगान नागरिक लौट चुके हैं.
Q3: लौटने वाली महिलाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां क्या हैं?
Ans: इनके पास स्थायी घर, आय, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की भारी कमी है.