Death Sentence Report in Muslim Countries: मुस्लिम देशों में छोटे-छोटे जुर्म में दी जा रही मौत की सजाओं ने हैरान कर दिया है. एमनेस्टी की रिपोर्ट में 2015 के बाद साल 2024 चौंकाने वाला नजर आया है. चलिए जानते हैं.
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Death Sentence in Arab Countries: सऊदी अरब में मुजरिमों को दी जाने वाली सजाएं अक्सर चर्चा का विषय बनी रहती हैं. हाल ही में एक बार फिर सजाए मौत का मामला गरमा गया है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान लगातार जानबूझकर कत्ल के मालमों में मौत की सजा को कम करने के वादे तो कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. हाल ही में सऊदी अरब के अंदर एक ही दिन में 8 लोगों को फांसी दी गई है. इसके अलावा इस लिस्ट में ईरान और इराक ने भी जबरदस्त उछाल हासिल किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन 8 लोगों को कत्ल फांसी दी गई है उनमें 4 सोमालिया, 3 इथियोपियाई के रहने वाले थे. इन्हें देश के अंदर हशीश की तस्करी के लिए सजाए-ए-मौत दी गई थी. आरोप है कि विदेशी नागिरक असमान्य तौर पर सऊदी अरब के अंदर 'ताजीर' के चलते प्रभावित हो रहे हैं. ताज़ीर एक इस्लामिक सिद्धांत है, जो जजों को सजा सुनाने के दौरान ज्यादा हक दे देता है.
इसी सिद्धांत के चलते लोगों को दो जा रही मौत की सजाओं को लेकर मानवाधिकार संगठनों में चिंता देखनी को मिल रही है. ताज़ीर के तहत किसी जुर्म के लिए तय सजा नहीं होती और ना ही इन कानूनों की कोई स्पष्ट भाषा होती है. इस तरह की सजाएं क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के 2022 के उस दावे के बिल्कुल उलट है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुरआन में साफ तौर पर जिक्र अपराधों तक ही फांसी की सजा सीमित रहेगी.
क्राउन प्रिंस सलमान ने 3 मार्च 2022 को अटलांटिक को दिए इंटरव्यू में कहा था कि हमने एक कैटेगरी को छोड़कर पूरी तरह से मौत की सजा पर पाबंदी लगा दी है. उन्होंने आगे कहा कि हम इस बारे में कुछ नहीं कर सकते, अगर करना भी चाहें तो भी नहीं कर सकते, क्योंकि कुरान में इस बारे में साफ तौर पर जिक्र किया गया है. उनके इस सख्त बयान के बावजूद कहीं भी ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है.
जुलाई महीने में छपने वाली एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में सऊदी प्रेस एजेंसी के हवाले से दावा किया गया कि जनवरी 2014 से लेकर जून 2025 देश के अंदर 1816 लोगों को फांसी दी गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि हर तीन में से एक को नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में सजा सुनाई गई है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के मामलों में मौत की सजा नहीं दी जाती.
देश | 2023 में फाँसी | 2024 में फाँसी | वृद्धि |
---|---|---|---|
ईरान | 853 | 972 | +119 |
सऊदी अरब | 172 | 345 | +173 |
इराक | 16 | 63 | +47 |
कुल | 1,041 | 1,380+ | +339 |
अप्रैल 2025 में आई एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक पिछला साल यानी 2024 मौत की सजाओं के लिए बहुत बुरा रहा है. क्योंकि 2025 के बाद सबसे ज्यादा मौत की सजाएं 2024 में दी गई हैं. एमनेस्टी ने रिपोर्ट में बताया कि 2024 में 1,518 फांसी दर्ज की गईं. जो 2015 (कम से कम 1,634) के बाद से सबसे अधिक संख्या है. रिपोर्ट में बताया गया कि इनमें सबसे ज्यादा ईरान, इराक और सऊदी अरब के मामले हैं. सिर्फ इन तीन देशों में 1380 से ज्यादा मौत की सजाएं दी गई हैं.
देश | 2023 में फांसी | 2024 में फांसी |
---|---|---|
ईरान | 853 | 972 |
सऊदी अरब | 172 | 345 |
इराक | 16 | 63 |
कुल | 1,041 | 1,380 |