Russian Oil: भारत ने साफ कर दिया है कि उसने रूस से सस्ता तेल खरीदने पर कई रोक नहीं लगाई है, लेकिन अगर किसी वजह से भारत ने रूसी तेल खरीदना बंद किया तो इससे अमेरिका का ही बैंड बजेगा और वहां महंगाई तेजी से बढ़ सकती है.
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America will Suffer Loss: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के साथ ही रूस से तेल खरीदने पर भारी जुर्माना लगाने का ऐलान किया है. इसके बाद ट्रंप ने दावा किया कि भारत अब रूस से सस्ता तेल नहीं खरीदेगा. हालांकि, इसके बाद भारत ने साफ कर दिया कि वह किसी दबाव में नहीं आएगा और सरकारी सूत्रों ने शनिवार को कहा कि रूसी तेल खरीदने को लेकर ऐसी कोई रोक नहीं लगाई गई है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अगर भारत रूस से सस्ता तेल खरीदना बंद कर देता है तो भारत से ज्यादा असर अमेरिका पर पड़ेगा और वहां महंगाई तेजी से बढ़ेगी.
एक्सपर्ट ने आंकड़े के साथ समझा दिया सबकुछ
ब्रेंट ऑयल के अक्टूबर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट का शॉर्ट-टर्म टारगेट 72.07 डॉलर से बढ़कर 76 डॉलर हो गया है. 2025 के अंत तक ब्रेंट क्रूड की कीमत में और तेजी आ सकती है. ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने एएनआई से बात करते हुए बताया, 'रूस हर दिन वैश्विक (तेल) आपूर्ति प्रणाली में 50 लाख बैरल तेल निर्यात करता है. अगर रूसी तेल को वैश्विक आपूर्तिकर्ता से बाहर कर दिया जाता है तो कच्चे तेल की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी. यह 100 से 120 डॉलर प्रति बैरल या इससे भी ज्यादा हो सकती है.'
रूस से तेल खरीदने वाले भारत जैसे देशों पर अमेरिका का दबाव है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह से तेल की कीमतों और भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि रूसी कच्चे तेल पर निर्भर देशों को या तो सस्ता तेल मिलेगा या अमेरिका के टैरिफ से बच सकेंगे. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए 10-12 दिनों की समय सीमा दी है, जिसके पूरा न होने पर रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर अतिरिक्त प्रतिबंध और 100 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ लगने का खतरा है, जिससे तेल की कीमतें और बढ़ जाएंगी.'
रूसी तेल खरीदना बंद होने से भारत में नहीं होगी तेल की कमी
भारत रूस से बहुत सारा तेल आयात करता है, इसलिए इन नए नियमों से तेल खरीदना कठिन और महंगा हो सकता है. नरेंद्र तनेजा ने आगे कहा, 'अगर रूसी तेल भारतीय रिफाइनरियों में आना बंद हो जाता है तो निश्चित रूप से वैश्विक स्तर पर कीमतें बढ़ेंगी. हालांकि, भारत में तेल की कोई कमी नहीं होगी, क्योंकि हमारे रिफाइनर 40 अलग-अलग देशों से आयात करते हैं. लेकिन, कीमतों को संतुलित करना एक चुनौती हो सकती है.'
रूसी तेल से अमेरिका का ही बजेगा बैंड
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक तेल बाजार पहले से ही दबाव महसूस कर रहा है. अमेरिका द्वारा रूसी तेल खरीदने पर लगाए जाने वाले जुर्माने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत और बढ़ जाएंगी. लेकिन, इस बढ़ती कीमतों का असर अमेरिका पर भी पड़ेगा, क्योंकि वह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी.
7 अगस्त से लागू होगा ट्रंप का नया टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया है. पहले यह 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन अब ट्रंप का टैरिफ 7 अगस्त से प्रभावी होगा. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 92 देशों पर नए टैरिफ लगाए हैं. इसमें भारत पर 25 फीसदी और पाकिस्तान पर 19 फीसदी टैरिफ लगाया गया है. साउथ एशिया में सबसे कम टैरिफ पाकिस्तान पर लगाया गया है, जो पहले ये 29 फीसदी था. वहीं दुनियाभर में सबसे ज्यादा टैरिफ सीरिया पर लगाया गया है, जो 41 प्रतिशत है. लिस्ट में चीन का नाम शामिल नहीं है.
रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा भारत
ट्रंप की धमकी और दावे के बीच भारत ने साफ कर दिया है कि वह रूस से सस्ता तेल खरीदना बंद नहीं करेगा. सरकारी सूत्रों के अनुसार, 'भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों और बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है. हमारे पास भारतीय तेल कंपनियों द्वारा रूसी आयात रोकने की कोई रिपोर्ट नहीं है.' अमेरिकी राष्ट्रपति ने धमकी दी है कि अगर रूस, यूक्रेन के साथ कोई बड़ा शांति समझौता नहीं करता है, तो वे रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, 'आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई और आईएएनएस)