आंग सान को सत्‍ता से किया बेदखल, तख्‍तापलट के 4 साल बाद म्‍यांमार के सबसे ताकतवर शख्‍स का निधन
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आंग सान को सत्‍ता से किया बेदखल, तख्‍तापलट के 4 साल बाद म्‍यांमार के सबसे ताकतवर शख्‍स का निधन

Myanmar News: राष्ट्रपति बनने के बाद म्यिंट श्वे ने केवल औपचारिक जिम्मेदारियां निभाईं जबकि असली सत्ता सेना प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग के हाथों में रही. श्वे ने नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी काउंसिल की अध्यक्षता की.

आंग सान को सत्‍ता से किया बेदखल, तख्‍तापलट के 4 साल बाद म्‍यांमार के सबसे ताकतवर शख्‍स का निधन

Myint Swe Death: म्यांमार में 2021 में लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर आंग सान सू की को सत्ता से हटाने वाले तत्कालीन कार्यवाहक राष्ट्रपति म्यिंट श्वे का निधन हो गया है. म्यांमार की सेना ने गुरुवार को जानकारी दी कि 74 वर्षीय म्यिंट श्वे ने राजधानी नेप्यीडॉ के एक सैन्य अस्पताल में अंतिम सांस ली. पिछले एक साल से वे बीमार चल रहे थे और सक्रिय रूप से राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर पा रहे थे.

सेना समर्थक दल से ताल्लुक..
असल में म्यिंट श्वे ने 1 फरवरी 2021 को उस वक्त कार्यवाहक राष्ट्रपति की कमान संभाली थी जब सेना ने तत्कालीन राष्ट्रपति विन म्यिंट और देश की निर्वाचित नेता आंग सान सू की को गिरफ्तार कर सत्ता हथिया ली थी. श्वे सेना समर्थक दल से ताल्लुक रखते थे और उस समय पहले उपराष्ट्रपति के पद पर थे. जिससे उन्हें संविधान के अनुसार कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया. हालांकि कानूनी विशेषज्ञों ने इस नियुक्ति की वैधता पर सवाल उठाए. क्योंकि राष्ट्रपति विन म्यिंट ने न तो इस्तीफा दिया था और न ही वे असक्षम घोषित किए गए थे.

आदेश पर देश में आपातकाल..
राष्ट्रपति बनने के बाद म्यिंट श्वे ने केवल औपचारिक जिम्मेदारियां निभाईं जबकि असली सत्ता सेना प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग के हाथों में रही. श्वे ने नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी काउंसिल की अध्यक्षता की. जो म्यांमार का शीर्ष सुरक्षा सलाहकार निकाय है, लेकिन इस परिषद पर भी सेना का ही प्रभाव था. उन्हीं के आदेश पर देश में आपातकाल लागू किया गया और सत्ता पूरी तरह सैन्य शासन को सौंप दी गई.

म्यिंट श्वे का सेना और म्यांमार की राजनीति में लंबा दखल रहा. वे पूर्व सैन्य शासक थान श्वे के करीबी माने जाते थे. 2007 के बौद्ध भिक्षु आंदोलन ‘सैफ्रन रिवोल्यूशन’ के दौरान यांगून में हुए प्रदर्शनों को दबाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास थी जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई थी. वे यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री भी रहे और लंबे समय तक क्षेत्रीय सैन्य कमांडर के रूप में सेवा दी. 2002 में उन्होंने पूर्व तानाशाह ने विन के परिजनों की गिरफ्तारी और 2004 में पूर्व प्रधानमंत्री खिन न्युंत की गिरफ्तारी में भी भूमिका निभाई थी.

उनके निधन से पहले ही जुलाई 2023 में सरकारी मीडिया ने बताया था कि वे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों और अन्य जटिलताओं से पीड़ित थे. तब से वे ICU में थे और सामान्य गतिविधियां जैसे खाना खाना भी संभव नहीं हो पा रहा था. बाद में उन्होंने मिन आंग ह्लाइंग को राष्ट्रपति की जिम्मेदारियां सौंप दी थीं. अमेरिका ने 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद म्यिंट श्वे सहित कई सैन्य नेताओं पर प्रतिबंध भी लगाए थे. वे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ परिवार छोड़ गए हैं.

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गौरव पांडेय

देश-दुनिया-खेल की खबरों के विद्यार्थी हैं. राजनीतिक रुझानों पर ध्यान रखते हैं. तेज ब्रेकिंग करते हैं. विश्लेषण करने में एक्सपर्ट हैं.

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