Bangladesh Sheikh Hasina: हसीना की विदाई के बाद पाकिस्तान बहुत खुश है. हालांकि ना तो पाकिस्तान की आंतरिक हालत खुश होने लायक है और ना ही बांग्लादेश की है. फिर भी दोनों देशों में बैठे आतंक के आका बयानबाजी करके खुश हो रहे हैं.
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Bangladesh Protests Pakistan Role: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की सत्ता से जब विदाई हुई तो बांग्लादेश पूरी दुनिया में चर्चा रहा. वहां अब यूनुस का शासन है जो भारत विरोधी और पाकिस्तान परस्त माने जाते हैं. इसी बीच पाकिस्तान की तरफ से एक सनसनीखेज खुलासा सामने आया है. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की पार्टी आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के दो बड़े नेताओं सैफुल्ला कसूरी और मुजम्मिल हाशमी ने कुछ और ही दावा किया है. उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से विदाई में किनका हाथ था.
हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर किया
असल में 1971 में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी और बांग्लादेश को आजाद करवाया था. अब ये आतंकी सरगना उस हार का बदला लेने का दावा कर रहे हैं. कसूरी ने कहा कि मैं सिर्फ चार साल का था जब 1971 में पाकिस्तान टूटा था और इंदिरा गांधी ने कहा था कि दो-राष्ट्र सिद्धांत को हमने बंगाल की खाड़ी में डुबो दिया. लेकिन 10 मई 2024 को हमने 1971 का बदला ले लिया. उनका इशारा बांग्लादेश में हुए छात्र आंदोलन और हसीना की सत्ता से विदाई की तरफ था. कसूरी ने दावा किया कि उनकी टीम ने इन आंदोलनों को हवा दी और हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर किया.
PAK-बांग्लादेश रिश्तों में गरमाहट
वहीं मुजम्मिल हाशमी ने कहा कि हमने भारत को बांग्लादेश में हरा दिया. उन्होंने यह भी कहा कि हसीना की विदाई के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी सुधार हुआ है. कसूरी ने अपने एक साथी मुदस्सर की मौत का भी जिक्र किया जो 7 मई को भारतीय वायुसेना की मुरीदके में की गई एयरस्ट्राइक में मारा गया था. कसूरी ने कहा कि उन्हें मुदस्सर के जनाजे में शामिल नहीं होने दिया गया, लेकिन पाकिस्तानी सेना और प्रशासन के बड़े अफसर कैमरों के सामने जनाजे में शरीक हुए.
यूनुस से पाकिस्तान बहुत खुश
बता दें कि 5 अगस्त 2023 को बांग्लादेश में भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना देश छोड़कर भारत आई थीं और 3 दिन बाद मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी. यूनुस के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान बहुत खुश है. हालांकि ना तो पाकिस्तान की आंतरिक हालत खुश होने लायक है और ना ही बांग्लादेश की है. फिर भी दोनों देशों में बैठे आतंक के आका बयानबाजी करके खुश हो रहे हैं.