China London Embassy: चीन पर फिलहाल दुनिया के कम देश ही भरोसा कर पा रहे हैं. लंदन में ड्रैगन ने एक बड़ा दूतावास खोलने की योजना बनाई तो लोग विरोध करने लगे. इन लोगों को डर है कि यहां से चीन न सिर्फ जासूसी शुरू कर सकता है बल्कि उसका हॉन्ग कॉन्ग वाला खौफनाक मिशन भी तेजी से बढ़ेगा.
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China Super Embassy Plan: क्या चीन विदेश में छिपकर रह रहे अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए नए प्लान पर काम कर रहा है? तमाम मीडिया रिपोर्टों में छपी 'वांटेड पर्सन' की तस्वीर को लेकर अब लंदन के लोगों को डर लगने लगा है. हां, इसकी वजह है चीन का सुपर एंबेसी खोलने का प्लान. इस सुपर एंबेसी में क्या होगा, लोग इसको लेकर अलग-अलग चिंता जता रहे हैं. हॉन्ग कॉन्ग से भागकर आए लोगों को डर सता रहा है कि यह जासूसी का नया चीनी अड्डा बन सकता है क्योंकि इसमें कई तल और अंडरग्राउंड सेक्शन भी हैं. पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं जब हॉन्ग कॉन्ग के किसी शख्स को चीनी दूतावास में टॉर्चर किया जा रहा था और लंदन पुलिस ने बचाया था.
आगे बढ़ने से पहले जान लीजिए हॉन्ग कॉन्ग एक समय ब्रिटिश कॉलोनी हुआ करता था. बाद में अर्ध-स्वायत्त चीनी शहर के रूप में विकसित हुआ. यहां बीजिंग ने पिछले पांच वर्षों में अपने राजनीतिक विरोधियों और असंतुष्टों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. इसमें से कुछ लोग दूसरे देशों में भागकर शरण लिए हैं. चीन को लगता है कि वे वहीं से हॉन्ग कॉन्ग का आंदोलन चला रहे हैं और उनसे निपटना जरूरी है.
लंदन में चीन का मिशन हॉन्ग कॉन्ग?
ऐसे कई लोग इस समय लंदन और आसपास के शहरों में रह रहे हैं जिन पर '10 लाख हॉन्ग कॉन्ग डॉलर' जितना इनाम रखा गया है. कुछ पर्चों में इनका पता बताने वाले शख्स के लिए ब्रिटिश फोन नंबर भी दिया गया है. अब ये सब बातें हॉन्ग कॉन्ग से भागकर आए लोगों को डरा रही हैं. ऐसे तमाम पर्चों में कहा गया है कि पैसे पाने के लिए आपको इस वांटेड व्यक्ति के बारे में जानकारी बतानी होगी या चीनी एंबेसी में लेकर आना होगा.
वो बिल्डिंग किसकी है?
यह एक भव्य इमारत है, जो कभी रॉयल मिंट हुआ करती थी. चीन का प्लान है कि वह इसे लंदन में नए और विशाल दूतावास के रूप में विकसित करेगा. लंदन टावर के सामने इस नए परिसर में चीनी सुरक्षा गार्ड पहले से ही गश्त कर रहे हैं. चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.
30 साल की कारमेन 2021 में हॉन्ग कॉन्ग से भागकर यहां आई हैं. उस समय हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा था. कारमेन जैसे लोगों का तर्क है कि ब्रिटेन को इतने महत्वपूर्ण स्थान पर चीन को अपना नया दूतावास बनाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. इन लोगों का मानना है कि इतना बड़ा दूतावास बना तो चीन राजनीतिक विरोधियों को परेशान कर सकता है और उन्हें बिल्डिंग में अरेस्ट करके रख सकता है.
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कुछ असंतुष्टों को यह भी चिंता है कि यह जगह लंदन के वित्तीय क्षेत्र के हिसाब से महत्वपूर्ण है और चीनी सेंटर होने से जासूसी का खतरा पैदा हो सकता है. स्थानीय निवासियों को अपनी निजी सुरक्षा का डर है. पहले इस प्लान को स्थानीय काउंसिल ने ठुकरा दिया था लेकिन अब फैसला सरकार को लेना है. ब्रिटेन की सरकार के लोग प्लान में आंशिक सुधार होने पर इसे मंजूरी दे सकते हैं.
20,000 वर्ग मीटर में फैली इस जगह पर चीन की एंबेसी खुलती है तो यह यूरोप का सबसे बड़ा दूतावास बन जाएगा. चीन ने यह जगह 2018 में खरीदी थी.
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