भारत के अलग-अलग राज्यों में कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन? जानिए अनोखी परंपराएं
Advertisement
trendingNow12873587

भारत के अलग-अलग राज्यों में कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन? जानिए अनोखी परंपराएं

रक्षाबंधन भारत का प्रमुख त्योहार है, जो अलग-अलग राज्यों में अपनी खास परंपराओं के साथ मनाया जाता है. राजस्थान की लुम्बा राखी, महाराष्ट्र की नाराली पूर्णिमा, पश्चिम बंगाल की झूला यात्रा, ओडिशा की गमहा पूर्णिमा जैसे रीति-रिवाज इसे और खास बनाते हैं. इसका मूल भाव है प्यार और रक्षा का वचन.

 

भारत के अलग-अलग राज्यों में कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन? जानिए अनोखी परंपराएं

रक्षाबंधन भारत का एक ऐसा त्योहार है, जो पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. हालांकि, इसे मनाने का तरीका हर राज्य में अलग होता है. कहीं इसमें समुद्र की पूजा होती है, कहीं भक्ति का माहौल बनता है और कहीं पूरे परिवार के रिश्तों को जोड़ने की परंपरा निभाई जाती है. आइए जानते हैं कि भारत के अलग-अलग राज्यों में रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है.

  1. हर राज्य की अनोखी राखी परंपरा
  2. प्यार और सुरक्षा का त्योहार
  3.  

राजस्थान: लुम्बा राखी की खासियत
राजस्थान में राखी का मतलब सिर्फ भाई की कलाई नहीं है. यहां बहनें अपनी भाभियों को भी 'लुम्बा' नाम की खास राखी बांधती हैं. यह परंपरा खासतौर पर मारवाड़ी समुदाय में मानी जाती है. इसका संदेश है कि परिवार में सिर्फ भाई-बहन ही नहीं, हर रिश्ता अहम है.

महाराष्ट्र: नारियल और समुद्र की पूजा
महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में रक्षाबंधन का दिन 'नाराली पूर्णिमा' के साथ आता है. इस दिन कोली मछुआरे समुदाय समुद्र देवता की पूजा करता है और नारियल अर्पित करता है. इसके बाद भाई-बहन राखी का त्योहार मनाते हैं. यहां ये दिन समुद्र और जीविका के प्रति आभार जताने का तरीका है.

पश्चिम बंगाल: झूला-यात्रा और भक्ति का रंग
पश्चिम बंगाल में रक्षाबंधन के समय 'झूला यात्रा' भी चल रही होती है. राधा-कृष्ण के झूले सजाए जाते हैं, भजन-कीर्तन होते हैं और माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है. यहां राखी सिर्फ रिश्तों का नहीं, भक्ति का भी त्योहार बन जाता है.

ओडिशा: गमहा पूर्णिमा और पशुओं का सम्मान
ओडिशा में इस दिन को 'गमहा पूर्णिमा' कहा जाता है. किसान अपने पालतू पशुओं जैसे गाय और बैल को सजाते हैं, उन्हें अच्छा भोजन खिलाते हैं और उनके माथे पर तिलक लगाते हैं. यह परंपरा खेती और पशुपालन के महत्व को दर्शाती है.

पंजाब: सलूनो की परंपरा
पंजाब में रक्षाबंधन से एक दिन पहले 'सलूनो' मनाया जाता है. इस दिन लड़कियां और महिलाएं अपने दोस्तों और परिवार के लोगों की कलाई पर रंग-बिरंगी धागे की पट्टियां बांधती हैं और शुभकामनाएं देती हैं.

आज के समय में नए रूप
अब रक्षाबंधन घर की दीवारों से बाहर निकलकर समाज और देश तक फैल गया है. कई जगह बहनें सैनिकों और पुलिसकर्मियों को राखी बांधकर उनका सम्मान करती हैं. कुछ जगह लोग पर्यावरण बचाने के लिए पेड़ों को राखी बांधते हैं और उनकी रक्षा का वादा करते हैं.

About the Author
author img
शांतनु सिंह

प्रयागराज से ताल्लुक रखता हूं, जिसे एक जमाने में इलाहाबाद भी कहा जाता था. तिग्मांशु धुलिया के शब्दों में कहें तो वही बाबुओं और वकीलों वाला शहर. यहां से निकलकर देहरादून के दून बिजनेस स्कूल से मास कम...और पढ़ें

TAGS

Trending news

;