भारत में हाईकोर्ट की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी. सबसे पहले हाईकोर्ट की स्थापना 1862 में की गई थी, जिसने भारतीय न्याय व्यवस्था को एक नई दिशा दी और आज भी यह ऐतिहासिक महत्व रखता है.
Trending Photos
भारत में कानून और न्याय की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हाईकोर्ट की स्थापना की गई थी. आज देशभर में कई हाईकोर्ट हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना हाईकोर्ट कौन सा है? इसका इतिहास बहुत ही रोचक है. आइए जानते हैं कि यह हाईकोर्ट कब बना, कहां स्थित है, और क्यों यह आज भी इतना महत्वपूर्ण है.
भारत में हाईकोर्ट की शुरुआत कैसे हुई?
ब्रिटिश शासन के समय भारत में एक सशक्त न्याय प्रणाली की जरूरत महसूस हुई. इसी के चलते 1861 में 'इंडियन हाईकोर्ट्स एक्ट' पास किया गया. इस कानून के जरिए भारत में तीन हाईकोर्ट बनाने की मंजूरी दी गई, कलकत्ता (अब कोलकाता), बॉम्बे (अब मुंबई), और मद्रास (अब चेन्नई).
भारत का सबसे पहला हाईकोर्ट कौन सा है?
भारत का सबसे पुराना हाईकोर्ट है कलकत्ता हाईकोर्ट. इसकी स्थापना 1 जुलाई 1862 को हुई थी. यह न सिर्फ भारत का पहला हाईकोर्ट है, बल्कि सबसे लंबे समय से काम कर रहा उच्च न्यायालय भी है. जब यह हाईकोर्ट बना था, तब कोलकाता ब्रिटिश भारत की राजधानी था, इसलिए यहां कानून व्यवस्था को मजबूत बनाना जरूरी था.
कलकत्ता हाईकोर्ट की कुछ खास बातें
यह हाईकोर्ट पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के मामलों की सुनवाई करता है. इसका भवन यूरोपीय गोथिक शैली में बना हुआ है और देखने में बहुत भव्य लगता है. शुरुआत में यहां ब्रिटिश जज होते थे, लेकिन धीरे-धीरे भारतीय जजों को भी मौका मिलने लगा. कई ऐतिहासिक और बड़े फैसले यहीं से लिए गए हैं जो देश के कानून के लिए बेहद अहम साबित हुए.
आज की स्थिति में कलकत्ता हाईकोर्ट का महत्व
आज भी कलकत्ता हाईकोर्ट देश के प्रमुख उच्च न्यायालयों में गिना जाता है. यहां रोजाना हजारों मामले सुने जाते हैं और लोगों को न्याय मिलता है. यह हाईकोर्ट न केवल एक ऐतिहासिक इमारत है, बल्कि न्याय का एक मजबूत स्तंभ भी है.