Uyghurs Muslims Discrimination: झिंजियांग में उइगर मुसलमानों पर चीनी अत्याचार लगातार जारी है. कार्यकर्ता रुशान अब्बास ने चीन पर नरसंहार, जबरन मजदूरी, नसबंदी और अंग तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने वैश्विक समुदाय से चीन को जवाबदेह ठहराने की अपील की है.
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China Target Uyghurs Muslims: झिंजियांग में उइगर मुसलमानों पर चीनी सरकार लगातार जुल्म सितम कर रही है. इसका एक दर्दनाक और चौंकाने वाला खुलासा कैंप फॉर उइगर (Campaign for Uyghurs) की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक रुशान अब्बास ने किया है. उन्होंने मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के जरिये उइगरों पर किए जा रहे अत्याचार को 'एक सक्रिय और पूर्ण नरसंहार' करार दिया है.
रुशान अब्बास ने बताया कि झिंजियांग में लाखों उइगरों को जबरन हिरासत में लिया गया है. उन्हें मजदूरी करने पर मजबूर किया जा रहा है. महिलाओं की जबरन नसबंदी, बच्चों को परिवार से अलग करना और यहां तक कि अंगों की तस्करी जैसे अमानवीय कृत्य खुलेआम हो रहे हैं. इन सबके बावजूद अंतरराष्ट्रीय बिरादरी चुप है.
इससे पहले साल 2018 में जब रुशान अब्बास ने अमेरिका के हडसन इंस्टीट्यूट में उइगरों के उत्पीड़न पर आवाज उठाई, तो चीन ने उनके खिलाफ बदले की कार्रवाई करते हुए उनकी बहन को किडनैप कर लिया. उन्होंने कहा, "मैं 1995 से अमेरिकी नागरिक हूं, लेकिन चीन ने मेरी नागरिकता की परवाह किए बिना मेरी बहन को उठा लिया."
अब्बास ने आरोप लगाया कि चीन अंतरराष्ट्रीय दमन (Transnational Repression) की रणनीति पर काम कर रहा है. इस नीती के तहत चीन विदेशों में रह रहे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पीड़ितों को चुप कराने के लिए, चीन में मौजूद उनके परिजनों को टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका सहित 100 से ज्यादा देशों में चीन के खुफिया पुलिस स्टेशन एक्टिव हैं, जो प्रवासी उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों पर निगरानी रखते हैं.
अब्बास के मुताबिक, चीन ने उइगरों की भाषा, धर्म और संस्कृति को अपराध बना दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी चाहती है कि उइगर पूरी तरह से हान चीनी संस्कृति में घुल मिल जाएं. चीन हमारी पहचान को खत्म कर रहा है.
पिछले साल ही करीब 30 लाख उइगरों से जबरन मजदूरी करवाई गई. चीन से निर्यात होने वाला बहुत सारा कपास इन्हीं मजदूरों से उगवाया गया. रुशान अब्बास ने कहा, "आप जो कपड़े पहनते हैं या जो टमाटर खाते हैं, उनमें उइगरों की जबरन मजदूरी का पसीना और दर्द शामिल हो सकता है."
अब्बास ने यह भी दावा किया कि झिंजियांग के डिटेंशन कैंप्स के पास शवदाहगृह (crematoria) बनाए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि काशगर जैसे शहरों में एयरपोर्ट पर ऑर्गन ट्रांसपोर्ट के लिए अलग लाइनें हैं. उइगरों का डीएनए सैंपल लेकर उन्हें चिन्हित किया जा रहा है और उनके अंगों की तस्करी की जा रही है.
रुशान अब्बास ने उन पश्चिमी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की आलोचना की, जो चीन सरकार के जरिये आयोजित झूठे प्रचार दौरों में शामिल होते हैं. उन्होंने कहा, "इन दौरों में सजी-सजाई तस्वीर दिखाई जाती है. इसके उल्टा सच को गायब कर दिया जाता है.
जबकि जो सच बोलता है वह ग़ायब कर दिया जाता है."
वैश्विक समुदाय की चुप्पी पर निशाना साधते हुए अब्बास ने कहा, "तानाशाही चुप्पी से फलती-फूलती है. यही उसकी असली ताकत है." उन्होंने दुनिया के लोकतांत्रिक देशों से अपील की कि आर्थिक हितों के लिए सीसीपी को बख्शना बंद करें और उसे मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराएं.
अब्बास ने अमेरिका में प्रस्तावित स्टाप फोर्स्ड ऑर्गन हारवेस्टिंग एक्ट और फ़ालुन गॉन्ग प्रोटेक्शन एक्ट जैसे कानूनों को जल्द पास करने की मांग की. उन्होंने दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर आज सीसीपी को नहीं रोका गया, तो भविष्य में पूरी दुनिया आजादी और मानवाधिकारों से वंचित हो जाएगी." रुशान अब्बास ने उइगर समुदाय को एकजुट रहने और उम्मीद बनाए रखने का संदेश दिया. उन्होंने कहा, "उम्मीद ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. अगर हम साथ खड़े रहें, तो कोई भी तानाशाही हमें नहीं तोड़ सकती."