Jharkhand: रांची में खुलेआम गोमांस बिक्री पर हाईकोर्ट सख्त, DGP से मांगा जवाब
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Jharkhand: रांची में खुलेआम गोमांस बिक्री पर हाईकोर्ट सख्त, DGP से मांगा जवाब

Jharkhand HC on Open Sale of Bovine Meat: झारखंड हाई कोर्ट ने रांची में खुलेआम गोवंश मांस की बिक्री पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य के डीजीपी से शपथपत्र मांगा है. याचिकाकर्ता ने बताया कि कई इलाकों में बिना स्वच्छता नियमों के मांस बेचा जा रहा है.अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी.

 

झारखंड हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
झारखंड हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

Ranchi News Today: झारखंड की राजधानी रांची में खुलेआम गोवंश मांस की बिक्री को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिया है कि वे पूरे मामले पर शपथपत्र दाखिल करें. यह निर्देश चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार (29 जुलाई) को दिया.

याचिका श्यामानंद पांडेय नाम के शख्स के जरिये दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि रांची के कई क्षेत्रों में खुलेआम गोवंश मांस बेचा जा रहा है. याचिका में यह भी कहा गया कि विक्रेता स्वच्छता के नियमों की अनदेखी करते हुए मांस को खुले में, बिना ढंके और बिना किसी सुरक्षात्मक उपाय के प्रदर्शित कर रहे हैं. 

याचिकाकर्ता के मुताबिक, दुकानदारों का ऐसा करना न सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है बल्कि खाद्य सुरक्षा मानकों का भी उल्लंघन है. याचिकाकर्ता के वकील शुभम कटारुका ने कोर्ट को बताया कि पहले दिए गए हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में रांची एसएसपी ने एक शपथपत्र जरूर दाखिल किया था, लेकिन उसमें सिर्फ गोवंश मांस के परिवहन को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की जानकारी दी गई थी. 

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि जबकि हकीकत यह है कि डोरंडा, लोअर बाजार, कुरैशी मोहल्ला, आजाद बस्ती जैसे इलाकों में खुलेआम गोवंश मांस की बिक्री जारी है और प्रशासनिक कार्रवाई न के बराबर है. कोर्ट ने यह भी कहा कि कुछ समय के लिए विक्रेताओं ने नियमों का पालन जरूर किया था, जैसे कि मांस को ढंकना और काले शीशे का इस्तेमाल करना, लेकिन अब उन्होंने फिर से नियमों की अनदेखी शुरू कर दी है. 

अदालत ने यह भी नोट किया कि रांची के कई दुकानों के बाहर बकरे और मुर्गे का मांस भी खुले में रखकर बेचा जा रहा है, जो कि FSSAI के दिशा-निर्देशों और सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों का सीधा उल्लंघन है. इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य के फूड कमिश्नर को भी विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख चार हफ्ते बाद तय की है.

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