Donald Trump on Gaza Starvation: गाजा में भुखमरी और कुपोषण से सैकड़ों लोगों की मौत के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार मानवीय संकट को कबूल किया है. उन्होंने गाजा में फूड सेंटर खोलने और खाद्य सहायता बढ़ाने की बात कही है, जो उनके पुराने रुख से उलट है.
Trending Photos
Gaza Hunger Crisis: गाजा में इजराइली जुल्म के खिलाफ पूरी दुनिया में विरोध हो रहा है. इजराइली बमों के बाद अब बेगुनाह फिलिस्तीनियों पर भूख और कुपोषण का कहर देखने को मिल रहा है, भूख से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. अपने बड़बोलेपन और इजराइल जुल्म का हर मौके पर बचाव करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी दिल पिघलता हुआ नजर आ रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार गाजा में भुखमरी संकट की बात को कबूल किया है. महीनों तक सवालों से बचने के बाद अब ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा को अधिक खाद्य सहायता देगा. सोमवार को स्कॉटलैंड में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने गाजा में "फूड सेंटर्स" खोलने की बात कही. हालांकि यह साफ नहीं किया कि यह मदद इलाके तक कैसे पहुंचेगी, जहां 20 महीने से ज्यादा समय से इजराइल की बमबारी और नाकाबंदी की वजह से राहत सामग्री पर पाबंदियां जारी हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हम पैसे और चीजें दे रहे हैं. मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि उन्हें खाना मिले." उन्होंने यह भी कहा, "बच्चों को खाना मिलना चाहिए, ये असली भुखमरी है. इसे झूठा नहीं दिखाया जा सकता." द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, यूरोपीय नेताओं जैसे यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कीर स्टारमर से मुलाकात के बाद ट्रंप के रुख में बदलाव आया है. इन नेताओं ने गाजा में फिलिस्तीनियों पर हो रहे जुल्म और नाकाबंदी को लेकर नाराजगी जताई.
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि सिर्फ इस महीने भूख से 56 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जो जंग शुरू होने के बाद भुखमरी से हुई कुल मौतों का लगभग आधा है. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इजराइल की सख्त पाबंदियों के चलते गाजा में अकाल की स्थिति बन चुकी है.
इससे पहले ट्रंप को गाजा में पैदा हुए मानवीय संकट को कमतर आंकने के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने जो मदद दी, उसके लिए शुक्रिया तक नहीं अदा किया गया. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा,"किसी ने नहीं कहा बहुत-बहुत शुक्रिया. और अगर कह देते, तो अच्छा लगता." वॉन डेर लेयेन के साथ मुलाकात में ट्रंप ने इस संकट को "अमेरिका की समस्या नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समस्या" बताया था, साथ ही अमेरिका की मदद की सराहना न होने पर नाराजगी जताई.
हालांकि सोमवार को दिए गए बयानों में ट्रंप ने मौजूदा राहत वितरण व्यवस्था की आलोचना की और खाने को आसान तरीके से लोगों तक पहुंचाने की बात कही. ट्रंप ने कहा,"हम ऐसे सेंटर बनाएंगे, जहां लोग सीधे आकर खाना ले सकें. वहां कोई बाड़ या रोक नहीं होगी." ट्रंप ने यह भी कहा कि ब्रिटेन इस नई मदद में अमेरिका का समर्थन करेगा. साथ ही उन्होंने इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की इस बात से असहमति जताई कि गाजा में कोई भुखमरी नहीं है.
नेतन्याहू पर पलटवार करते हुए ट्रंप ने कहा,"मैं इससे सहमत नहीं हूं. बच्चे बहुत भूखे दिखते हैं." हालांकि ट्रंप ने दावा किया कि कोई और देश पैसे नहीं दे रहा. द न्यूयॉर्क टाइम्स ने यूरोपीय आयोग के हवाले से बताया कि 2023 से अब तक यूरोपीय संघ ने गाजा की मदद के लिए लगभग 605 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं. गाजा में भुखमरी संकट हालिया समय की सबसे भयावह मानवीय त्रासदियों में से एक बन चुका है. दो मिलियन से ज्यादा फिलिस्तीनी लोग बुनियादी संसाधनों की भारी कमी के बीच जिंदगी बिता रहे हैं.
ये भी पढ़ें: धामी सरकार के निशाने पर आलीशान निर्माणाधीन मस्जिद, मीनार की ऊंचाई देख हिला प्रशासन