औरंगजेब की कब्र है संरक्षित स्माकरक, ASI ने उठाए कई बड़े कदम, केंद्रीय मंत्री का बड़ा खुलासा
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औरंगजेब की कब्र है संरक्षित स्माकरक, ASI ने उठाए कई बड़े कदम, केंद्रीय मंत्री का बड़ा खुलासा

Gajendra Singh Shekhawat on Aurangzeb Tomb: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर सरकार ने बड़ा खुलासा किया है. यह जानकारी राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक लिखित सवाल के जवाब में दी. इस दौरान उन्होंने मकबरे की सुरक्षा को लेकर उठाए गए उपायों का भी जिक्र किया.  

 

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत- फाइल फोटो
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत- फाइल फोटो

Maharashtra News Today: हालिया दिनों में विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदूवादी दलों ने मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग करते हुए विरोध किया था. इस विरोध को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर लगातार 'ऐहतियाती कदम' उठा रहा है.

केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में गुरुवार (3 अप्रैल) को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उनसे पूछा गया था कि क्या यह सच है कि औरंगजेब का मकबरा एएसआई के जरिये संरक्षित स्मारक है, और अगर ऐसा है, तो क्या इन विवरणों का जिक्र एएसआई की वेबसाइट पर किया गया है या हाल ही में मिली धमकियों के कारण ब्यौरा हटा दिया गया है? 

ASI की निगरानी में है मकबरा

इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद में औरंगजेब का मकबरा एएसआई के जरिये एक संरक्षित स्मारक है. इसकी जानकारी एएसआई की वेबसाइट पर भी मौजूद है." औरंगजेब का मकबरा एएसआई के औरंगाबाद सर्कल के अधिकार क्षेत्र में आता है. 

मकबरे की बढ़ाई गई सुरक्षा

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से यह भी पूछा गया कि क्या एएसआई के संज्ञान में यह बात आई है कि इस संरक्षित स्मारक को चरमपंथी समूहों के जरिये नुकसान पहुंचाए जाने का खतरा है और अगर ऐसा है, तो इस स्मारक की सुरक्षा के लिए एएसआई ने अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?

इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "एएसआई इस संरक्षित स्मारक को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर लगातार ऐहतियाती कदम उठा रहा है. इसमें मकबरे के चारों ओर 12 फुट ऊंची धातु की चादर उपलब्ध कराना, अतिक्रमणकारियों की जांच के लिए आसपास की दीवारों पर कांटेदार तार लगाना, ‘मल्टी टास्किंग स्टाफ’ के अलावा निजी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और एएसआई अधिकारियों के जरिये नियमित अंतराल पर निरीक्षण करना शामिल है."

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