Pak में छुपे सलाउद्दीन की अब खैर नहीं! NIA ने कसा ऐसा शिकंजा कि कांप उठा आतंकी
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Pak में छुपे सलाउद्दीन की अब खैर नहीं! NIA ने कसा ऐसा शिकंजा कि कांप उठा आतंकी

NIA Action on Hizbul Mujahideen Chief: श्रीनगर की एनआईए कोर्ट ने पाकिस्तान में बैठे हिज्बुल मुजाहिदीन चीफ सैयद सलाउद्दीन को आतंकी फंडिंग केस में UAPA के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया है. कोर्ट में पेश न होने पर अब उसकी संपत्ति जब्त की जा सकती है. 

 

हिज्बुल चीफ सैयद सलाउद्दीन (फाइल फोटो)
हिज्बुल चीफ सैयद सलाउद्दीन (फाइल फोटो)

Jammu Kashmir News Today: कश्मीर में आतंक की कमान संभालने वाले और पाकिस्तान में बैठे हिज्बुल मुजाहिदीन चीफ सैयद सलाउद्दीन के खिलाफ NIA कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है. बार-बार समन भेजे जाने के बावजूद पेश न होने पर कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है. अब अगर वह तय समय में कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है.

श्रीनगर स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने पाकिस्तान में रह रहे हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना मुहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाउद्दीन को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया है. यह आदेश एक आतंकी फंडिंग मामले में सुनाया गया है, जिसमें सलाउद्दीन की भूमिका को लेकर एनआईए पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.

कोर्ट ने बताया कि कई बार समन और गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए, लेकिन सलाउद्दीन ने जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया. इसके बाद अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित करते हुए आदेश दिया है कि यह प्रोक्लेमेशन (घोषणा) स्थानीय अखबारों में प्रकाशित की जाए और उसके कश्मीर स्थित अंतिम पते पर भी चिपकाई जाए, ताकि यह सूचना व्यापक स्तर पर फैले.

कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर सलाउद्दीन तय समय सीमा में पेश नहीं होता है, तो दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 83 के तहत उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं. सैयद सलाउद्दीन पर आरोप है कि वह पाकिस्तान में रहते हुए जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचता है और उन्हें फंडिंग करता है. 

वह हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन का प्रमुख है, साथ ही वह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है, जो पाकिस्तान आधारित कई आतंकी संगठनों का गठबंधन है. एनआईए के जरिये उसे भगोड़ा घोषित किया जाना सीमा पार आतंकवाद और टेरर फंडिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. इससे यह साफ संकेत गया है कि भारत की जांच एजेंसियां अब आतंकियों और उनके सरगनाओं को न्याय के कठघरे में लाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही हैं.

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