Bangladesh News: मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली यह अंतरिम सरकार अगस्त 2024 में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई शेख हसीना सरकार को हटाने के बाद सत्ता में आई थी. इस बीच BNP ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Bangladesh News: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने शनिवार को मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में सुशासन और नियंत्रण की पूरी तरह कमी है. पार्टी ने आरोप लगाया कि न तो कोई ठोस सुधार हुए हैं और न ही अपराध पर अंकुश लग पाया है, जिसके चलते देशभर में फिरौती और रंगदारी की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है.
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने यह टिप्पणी एक पुस्तक विमोचन समारोह में की, जिसमें अंतरिम सरकार के वित्तीय सलाहकार सालेह उद्दीन अहमद भी मौजूद थे. फखरुल ने कहा, "एक व्यवसायी जो पहले 1 लाख टका देता था, अब उसे 5 लाख टका देना पड़ रहा है. कहीं कोई सुशासन या नियंत्रण नहीं है. पुलिस व्यवस्था में भी कोई सुधार नहीं हुआ है."
उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया की तत्काल बहाली की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "सुधार रातों-रात लागू नहीं हो सकते. इसके लिए समय चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोकतंत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए. देश को जबरन थोपा गया कोई भी मॉडल स्वीकार्य नहीं होगा. इसलिए समय गंवाए बिना, हमें जनप्रतिनिधियों को संसद भेजकर लोकतांत्रिक रास्ते पर लौटना होगा."
फखरुल ने अंतरराष्ट्रीय नीतियों में बदलाव को लेकर भी चिंता जताई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बांग्लादेश पर लगाए गए टैरिफ का उल्लेख करते हुए कहा, "ये टैरिफ भविष्य में हमारे लिए बड़ी परेशानी बन सकते हैं." उन्होंने जोर दिया कि राजनीतिक दलों को हमेशा देशहित में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए.
इससे एक दिन पहले, बीएनपी के सीनियर नेता गायेश्वर चंद्र रॉय ने भी चेतावनी दी थी कि यदि चुनावों में और देर हुई तो अंतरिम सरकार की साख और भी ज्यादा सवालों के घेरे में आ जाएगी. उन्होंने कहा, "अंतरिम सरकार, जो कि निर्वाचित नहीं है, देश के संकटों की जिम्मेदारी लेने से बच सकती है, लेकिन चुनाव में देरी से सरकार पर दबाव और सवाल दोनों बढ़ेंगे." गायेश्वर ने यह भी आरोप लगाया, "अंतरिम सरकार की मौजूदगी तक जनता को महसूस नहीं हो रही है."
गौरतलब है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली यह अंतरिम सरकार अगस्त 2024 में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई शेख हसीना सरकार को हटाने के बाद सत्ता में आई थी. हालांकि, अब यह सरकार पारदर्शिता और लोकतंत्र बहाली की दिशा में ठोस रोडमैप देने में असफल रही है.