Gaza में दो भयानक एयरस्ट्राइक्स, 20 लोगों की मौत; लोग बोले, भूकंप जैसी दहली जमीन
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Gaza में दो भयानक एयरस्ट्राइक्स, 20 लोगों की मौत; लोग बोले, भूकंप जैसी दहली जमीन

Gaza News: गाजा में इजराइल ने दो बड़े एयरस्ट्राइक किए हैं. इस हमले में 20 लोगों की मौत हुई है. मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें.

File Photo
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Gaza News: गाज़ा की सिविल डिफेंस एजेंसी ने बुधवार को बताया कि रातभर चले दो अलग-अलग इज़राइली हवाई हमलों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें छह बच्चे भी शामिल हैं. मरने वाले ज्यादातर वे लोग थे जो लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के कारण पहले ही अपने घरों से बेघर हो चुके थे.

गाजा में इजराइली एयरस्ट्राइल

एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बास्साल ने जानकारी दी कि पहला हवाई हमला मंगलवार देर रात दक्षिणी गाज़ा के खान यूनुस स्थित अल-मवासी इलाके में एक टेंट को निशाना बनाकर किया गया, जहां विस्थापित लोग रह रहे थे. दूसरा हमला कुछ समय बाद उत्तरी गाज़ा के अल-शाती शरणार्थी शिविर पर हुआ.

बास्साल के मुताबिक, पहले हमले में एक ही परिवार के 10 सदस्य मारे गए. वहीं अल-शाती कैम्प में हुए हमले में दो परिवारों के लोग शिकार बने और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं. कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं और लापता माने जा रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने बताई आपबीती

40 साल के स्थानीय निवासी जुहैर जुडेह ने बताया कि विस्फोट बहुत ज़ोरदार था, जैसे भूकंप आ गया हो. घर और आसपास की कई इमारतें तबाह हो गईं. लाशें और अंग चारों तरफ बिखरे पड़े थे. 36 वर्षीय अबीर अल-शरबासी, जो पास ही एक टेंट में सो रही थीं, उन्होंने कहा कि हम कुछ समझ ही नहीं पाए कि कब और क्यों बम गिराया गया. अब तो बस ईश्वर पर ही भरोसा है. हर रात मौत का डर बना रहता है."

गौरतलब है कि ये हमले ऐसे समय में हुए जब इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर रहे थे. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने गाज़ा में चल रही हमास के खिलाफ कार्रवाई और बंधकों की रिहाई के मुद्दे पर चर्चा की. नेतन्याहू ने दोहराया कि इज़राइल का लक्ष्यसभी बंधकों की रिहाई औरहमास की सैन्य और प्रशासनिक क्षमता का खात्मा है.

मंगलवार को भी गाज़ा में हुए अन्य इज़राइली हमलों में 29 लोगों की मौत हो गई थी। सिविल डिफेंस के मुताबिक, अधिकांश मृतक ऐसे लोग थे जो 21 महीनों से चल रहे युद्ध के कारण विस्थापित हो चुके थे।

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