Uttrakhand News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तराखंड की सरकार से 17 अप्रैल को दिए गए फैसले के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में जवाब मांगा है. केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दिए गए आश्वासन के बावजूद 25 अप्रैल को रात के अंधेरे में उत्तराखंड में एक दरगाह पर बुलडोजर चलाया गया है.
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Uttrakhand News: वक्फ संशोधन एक्ट के मामले में केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दिए गए आश्वासन के बावजूद कुछ बीजेपी शासित राज्य इस्लामिक जगहों पर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कई इस्लामिक संपत्तियों को तहस-नहस करने की खबर सामने आई है.
वक्फ की संपत्ति को ध्वस्त करने के मामले में दायर कंटेंप्ट पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मंगलवार को जवाब तलब किया है. दायर याचिका में कहा गया है कि देहरादून में एक दरगाह को 25-26 अप्रैल की देर रात को बिना किसी नोटिस के गिरा दिया गया है. दो जजों की पीठ ने उत्तराखंड की सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है. इस मामले में फिल्हाल जज बीआर ग्वाई और जज ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं के माामले में 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह किसी भी मौजूदा वक्फ का दर्जा समाप्त नहीं करेगी और न ही वक्फ बोर्ड का गठन करेगी. इसके बावजूद अंधेरे में किया गया, यह ध्वस्तीकरण केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दिए गए आश्वासन के खिलाफ है.
कोर्ट के फैसले की अवहेलना
अवमानान याचिका में कोर्ट से मांग की गई कि देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट और नगर आयुक्त के खिलाफ अदालती कार्यवाही की जाए. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि किसी भी वक्फ का दर्जा समाप्त नहीं किया जाएगा और न ही उसकी भूमिका में कोई बदलाव किया जाएगा. इसके बावजूद उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने बड़ी हिम्मत दिखाई और एक दरगाह पर रात के अंधेरे में बुलडोजर चला दिया.
अगली सुनवाई 15 मई को
दायर याचिका की सुनवाई में जज गवई ने कहा है कि हम इस मामले की अगली सुनवाई वक्फ संशोधन एक्ट 2025 की सुनवाई के साथ करेंगे. वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ दायर याचिका की अगली सुनवाई 15 मई को की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका में कहा गया है कि देहरादून प्रशासन ने 25 अप्रैल को बिना किसी नोटिस या कार्रवाई के हजरत कमाल शाह दरगाह को ध्वस्त कर दिया है.
प्रशासन ने वकील फजील अहमद अयूबी के जरिए कमाल शाह की दरगाह ध्वस्त करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. फजील अय्यूब ने बताया कि दरगाह हजरत कमाल शाह वक्फ संपत्ति संख्या 55, देहरादून को 1982 में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के साथ रजिस्ट्रेशन किया गया था.