Shimla Court on Sanjauli Mosque Case: बीते 3 मई को शिमला नगर निगम की अदालत ने संजौली मस्जिद को पूरी तरह से अवैध करार देते हुए इसके डिमोलिशन का आदेश दिया था. नगर निगम कोर्ट के इस फैसले को हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने जिला अदालत में चुनौती दी. जिस पर आज सुनवाई हुई है. जानें क्या कुछ हुआ?
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Sanjauli Mosque Case: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सालों पुरानी संजौली मस्जिद को हटाने की नगर निगम से हिंदू संगठनों ने मांग की थी. जिसको लेकर शिमला नगर निगम में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर नगर निगम आयुक्त ने सुनवाई के बाद पूरी मस्जिद को हटाने के आदेश दिए थे.
नगर निगम अदालत के फैसले को वक्फ बोर्ड ने शिमला जिला अदालत में चुनौती दी थी. इस मामले में शुक्रवार (8 अगस्त) शिमला जिला अदलात में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड ने कोर्ट से अगली तारीख देने का आग्रह किया, जिसे कोर्ट ने मान लिया और इस मामले में अगली सुनवाई 21 अगस्त को दी है.
जिला अदालत में वक्फ बोर्ड से एडवोकेट बीएस ठाकुर ने कहा कि हिमाचल वक्फ बोर्ड के अधिकारी रिकॉर्ड अपडेट कराने के संबंध में दिल्ली गए हुए हैं, ऐसे में वे अदालत में वक्फ बोर्ड के अफसरों की मौजूदगी में ही बहस करना चाहते हैं. एडवोकेट बीएस ठाकुर ने इसी को आधार बनाकर वक्फ बोर्ड की तरफ से अदालत से समय मांगा. जिसे कोर्ट ने मान लिया और अगली सुनवाई की तारीख दे दी.
बता दें, वक्प बोर्ड ने 3 मई 2025 के नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दी है, जिसमें नगर निगम ने संजौली इलाके में बनी मस्जिद को नगर निगम कमिश्नर ने पूरी तरह अवैध करार देते हुए इसे तोड़ने का आदेश दिया है. कमिश्नर भूपेंद्र कुमार अत्री ने अपने आदेश में कहा था कि मस्जिद बिना नक्शा पास कराए, NOCऔर बिना इजाजत के लिए बगैर बनाई गई थी.
यह मामला पिछले 15 सालों से अदालत में चल रहा था और 50 से ज्यादा बार सुनवाई हो चुकी है. मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड जमीन के मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं कर सके. इससे पहले अक्टूबर 2024 में तीन अवैध मंजिलें गिराई दी गई थीं. 2024 में मस्जिद के खिलाफ हुए प्रदर्शन में हिंसा भी हुई थी, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी.
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