भूख से बिलखते फिलिस्तीनियों के लिए आशा की किरण; 32 देशों ने किया गाजा की तरफ कूच, नेतन्याहू की बढ़ी टेंशन?
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भूख से बिलखते फिलिस्तीनियों के लिए आशा की किरण; 32 देशों ने किया गाजा की तरफ कूच, नेतन्याहू की बढ़ी टेंशन?

Israel Attack on Gaza: इजरायल अक्टूबर 2023 से लगातार गाजा के मजलूमों पर हमले कर रहा है, इन हमलों में अब तक 54 हजार से ज्याद बेगुनाहों की मौत हो चुकी है. इजरायली जुल्म के खिलाफ और फिलिस्तीनियों के हक में अब पूरी दुनिया से आवाज बुलंद होने लगी है. इसी कड़ी में एक मार्च पीड़ितों के समर्थन में गाजा की तरफ कूच कर रहा है.

 

32 देशों के दल ने किया गाजा की तरफ कूच
32 देशों के दल ने किया गाजा की तरफ कूच

Israel oppression on Palestinians: फिलिस्तीनियों पर इजरायली जुल्म के खिलाफ पूरी दुनिया से आवाज उठने लगी है. इजरायल जबरन गाजा के हिस्सों पर अवैध ढंग से कब्जा कर यहूदी कॉलोनियां बसा रहा है, साथ ही लगातार बमबारी कर बेगुनाह फिलिस्तीनी को मार रहा है. इसी जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए गाजा पट्टी की ओर एक अंतर्राष्ट्रीय एकता मार्च 8 मार्च को रवाना हुआ.

अंतर्राष्ट्रीय एकता मार्च का मकसद 7 अक्टूबर 2023 से इजरायल के जरिये गाजा में किए जा रहे नरसंहार को रोकना और नाकेबंदी को तोड़ना है. इजरायली नाकाबंदी की वजह से यहूदी फौज के जुल्म के शिकार लाखों फिलिस्तीनियों तक जरुरी मदद नहीं पहुंच रही है. आलम यह है कि यहां खाने पीने की किल्लत पैदा हो गई है, लोग भूख से परेशान हैं. 

इस खास मार्च में 32 देशों के हजारों समर्थक हिस्सा ले रहे हैं. उनकी योजना मिस्र के साथ राफा क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा की सीमा तक पहुंचने की है. मार्च में हिस्सा लेने वाले लोगों का मकसद है पीड़ित फिलिस्तीनियों को अपना समर्थन देना और उन तक मानवीय सहायता पहुंचाना. आयोजकों ने बताया कि मार्च में हिस्सा लेने वाले काफिले गुरुवार को काहिरा में इकट्ठा होंगे, जिसके बाद वे पूर्वोत्तर मिस्र के आरिश शहर की ओर बढ़ेंगे. 

इसके बाद आरिश शहर मार्च में शिरकत करने वाले लोग पैदल पैदल राफा सीमा क्रॉसिंग की ओर जाएंगे, जहां विरोध प्रदर्शन के लिए तंबू लगाए जाने की योजना है. मुख्य आयोजक "ग्लोबल मार्च टू गाजा" ने कहा कि उनके प्रतिनिधि ज्यादातर यूरोपीय, उत्तरी और दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ-साथ कई अरब और एशियाई देशों में भी हैं. 

ग्लोबल मार्च टू गाजा ने कहा कि यह फिलिस्तीनियों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ और उनकी मांग के समर्थन में बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय समर्थन को दर्शाता है. इस मार्च की अगुवाई अल्जीरिया का "कैरावन ऑफ स्टेडफास्टनेस" कर रहा है, जो अल्जीयर्स की राजधानी से ट्यूनीशिया के लिए रवाना हुआ. वहां से यह ट्यूनीशियाई काफिले में शामिल होगा और लीबिया होते हुए मिस्र तक जारी रहेगा, जिसका आखिरी मकसद गाजा तक पहुंचना है.

अल्जीरियाई इनिशिएटिव टू सपोर्ट फिलिस्तीन एंड एड गाजा के प्रमुख शेख याह्या सारी ने एक बयान में कहा, "कैरावन ऑफ स्टेडफास्टनेस को ट्यूनीशिया के लिए रवाना हो चुका है. यह ट्यूनीशियाई काफिले में शामिल होगा और इसके बाद लीबिया होते हुए मिस्र तक लंबा सफर तय करेगा, और वहां से राफा के माध्यम से गाजा तक पहुंचेगा."

बता दें, 7 अक्टूबर 2023 से इजरायल लगातार गाजा पर जमीनी और हवाई हमले कर रहा है. इन हमलों में 54 हजार 927 लोगों की मौत हो चुकी है और 1 लाख 26 हजार 615 लोग घायल हैं. 11 हजार फिलीस्तीनी नागरिक लापता हैं, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चला है. पीड़ितों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चें और बुजुर्ग हैं. इजरायली नाकाबंदी की वजह से रसद आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से 30 फिलिस्तीनी बच्चों की मौत हो गई.

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