सीजफायर के बावजूद भी मरने वालों की गिनती रुक नहीं रही है, बल्कि हालात लगातार बिगड़ रहे हैं.
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सीजफायर लागू होने के बाद भी फिलिस्तीनियों पर इजरायल का आतंक बरकरार है. बीते 24 घंटों में गाजा पट्टी इलाके में आठ फिलिस्तीनियों के मरने की खबर सामने आई है. इसके अलावा पश्चिमी क्षेत्र में भी तीन फिलिस्कीनी मारे गए हैं. जनवरी में दोनों ही देशों के बीच सीजफायर के समझौते पर रजामंदी जाहिर की गई थी. लेकिन इस बीच भी इजराइल की सेना ने कई फिलिस्तीनियों को मौत के घाट उतारा था.
अब मंगलवार यानी की 11 मार्च को सीजफायर का बातचीत का दूसरा दौर शुरू हो रहा है. लेकिन, इजरायल अपने कुछ बंदियों को रिहा करवाना चाहता है. वही सीजफायर का दूसरा फेज काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि हमास चाहता है कि इजरायल गाजा को पूरी तरह से छोड़ दे, तभी वह इजरायल के कुछ लोगों को रिहा करेगा. सूत्रों की मानें तो हमास के पास 24 जीवित और 35 डेढ़ बॉडी मौजूद हैं.
लगातार खराब हो रही है स्थिती
इजरायल अपनी बात को पूरा करवाने के लिए गाजा में मौजूद 2 मिलियन से ज्यादा फिलिस्तीनियों की बिजली, खाना , दवाईयां और तमाम जरूरत की चीजें रोक रहा है. जिसपर यूनाइटेंड नेशन(UN) का कहना है कि इजरायल ऐसा कर के अंतराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है.
इजरायल के इस फैसले पर युनाइटेड नेशन का कहना है, "जितना मुश्किलें पिछले 10 दिनों में गाजा में खाना, ईंधन, बिजली और तमाम जरुरत की चीजें पहुचाने में हो रही है, उतनी मुश्किलें 6 हफ्ते के लगे सीजफायर के दौरान हजारों फिलिस्तीनों तक पहुचाने में भी नहीं हुई."
UNICEF ने जताई नाराजगी
UN के प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने कहा, गाजा में जल और स्वास्थय की सुविधांए लगातार कम हो रही हैं, गैंस के रेट बढ़ रहे हैं और पनहा लेने की जगाहें यानी की शेलटर खराब हो रहे हैं." लगातार गाजा कि स्थिती खराब होती जा रही है. UNICEF का कहना है कि गाजा में पानी का स्तर लगातार गिर रहा है, 10 में से महज एक ही व्यक्ति के लिए पीने का साफ पानी मौजूद है.