Anil Ambani: अनिल अंबानी के लिए चारो ओर से खुशखबरी मिल रही थी. उनकी कंपनियां डील पर डील साइन कर रही थी. रिलायंस पावर और रिलायंल इंफ्रा के शेयर रॉकेट बने हुए हैं. देश ही नहीं विदेशों से भी उन्हें आर्डर मिल रहे हैं. इन खुशियों के बीच अनिल अंबानी को बड़ा झटका लगा है.
Trending Photos
Anil Ambani: उद्योगपति अनिल अंबानी के लिए चारो ओर से खुशखबरी मिल रही थी. उनकी कंपनियां डील पर डील साइन कर रही थी. रिलायंस पावर और रिलायंल इंफ्रा के शेयर रॉकेट बने हुए हैं. देश ही नहीं विदेशों से भी उन्हें आर्डर मिल रहे हैं. इन खुशियों के बीच अनिल अंबानी को बड़ा झटका लगा है. देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने अनिल अंबानी को बड़े झटका देते हुए उनके लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है. अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशनके लोन खाते को 'फ्रॉड' घोषित कर दिया है. इतना ही नहीं अनिल अंबानी और उनकी कंपनी का नाम रिजर्व बैंक के पास भेजने का फैसला किया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल ये मामला साल 2016 का है. अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन भारी कर्ज और दिवालियापन से गुजर रही है. कंपनी पर भारी भरकम कर्ज है, जो उसने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लिया है. इस लोन अकाउंट में शर्तों के उल्लघंन और नियमों की अनदेखी का आरोप लगा है. एसबीआई की ओर से कंपनी को इस संबंध में लोन लिखा गया. पत्र का जवाब संतोषजनक नहीं मिलने के बाद अब रिलायंस कंम्यूनिकेशन के खाते को फ्रॉड घोषित करने का फैसला किया गया है. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब उनके लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया गया है. इससे पहले साल 2024 में केनरा बैंक ने भी उनके अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया था. हालांकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने केनरा बैंक की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
RBI से शिकायत
एसबीआई ने कंपनी और कंपनी के डायरेक्टर अनिल अंबानी का नाम आरबीआई को भेजने का फैसला किया है. एसबीआई ने कहा कि ये सब अचानक नहीं हुआ है. उसने बैंक को पर्याप्त वक्त दिया. दिसंबर 2023, मार्च 2024 और फिर सितंबर 2024 में कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं रहा. कंपनी ये समझाने में असफल रही कि उसने लोन की शर्तों का उल्लंघन क्यों किया? कंपनी के खाते में मिली अनियमितताओं के बारे में उसके सवालों का जवाब देने में विफल रही. उनके बाद अब उनके लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने का फैसला किया गया है. बता दें कि रिलायंस कम्युनिकेशंस अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप का ही हिस्सा है, लेकिन कंपनी लंबे वक्त से वित्तीय जोखिमों का सामना कर रही है. 2019 से ही कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया में है.