Gold Price Today: सोने की कीमत में आई तेजी के बाद इसकी डिमांड में गिरावट देखी जा रही है. लोगों की तरफ शादी से जुड़ी खरीदारी करने के अलावा इसमें कम ही निवेश किया जा रहा है. आने वाले साल में कितनी रहेगी मांग, आइए जानते हैं.
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Gold Demand in India: वैश्विक तनाव के बीच पिछले दिनों सोने की कीमत एक लाख रुपये के रिकॉर्ड लेवल को पार कर गई. कीमत में आई तेजी का असर सोने की बिक्री पर पड़ने का असर पहले ही जताया जा रहा था. इसका असर अक्षय तृतीया पर की जाने वाली सोने की खरीदारी पर भी देखने को मिला. उम्मीद के अनुसार बिक्री नहीं होने का असर यह रहा कि सोना करीब 1700 रुपये प्रति 10 ग्राम टूटकर 94361 रुपये पर पहुंच गया. कुछ जानकारों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में वैश्विक हालात सुधरेंगे और सोने की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी. इन भविष्यवाणियों के चलते भी लोग सोने में निवेश से दूरी बना रहे हैं.
भारत में सोने की मांग 15% गिरी
इस बीच वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की तरफ से बताया गया कि जनवरी-मार्च 2025 में भारत में सोने की मांग 15% घटकर 118.1 टन रह गई. हालांकि, कीमतों में तेज उछाल के कारण इसकी कुल कीमत 22% बढ़कर 94,030 करोड़ रुपये हो गई. जनवरी से लेकर अप्रैल तक सोने की कीमत 25% बढ़ी हैं. 10 ग्राम की कीमत चढ़कर एक लाख रुपये के करीब पहुंच गई हैं. इससे लोगों की परचेजिंग पावर पर असर पड़ा है.
700-800 टन के बीच रहेगी सोने की डिमांड
WGC की तरफ से यह भी अनुमान जताया गया कि साल 2025 में देश में सोने की मांग 700-800 टन के बीच रहेगी. कीमत में हुई भारती बढ़ोतरी ने सोना खरीदना मुश्किल कर दिया है. फिर भी, अक्षय तृतीया और शादी के मौकों पर सोने की खरीदारी करने का ट्रेंड बना हुआ है. WGC इंडिया के सीईओ सचिन जैन ने कहा, 'हालांकि कीमतें ऊंची हैं, लेकिन सोने का पारंपरिक महत्व इसे खरीदने के लिए प्रेरित करता है.' अक्षय तृतीया भारत में बहुत खास मौका है. इस दिन सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है. कीमत रिकॉर्ड स्तर पर होने के बावजूद लोग उत्साहित हैं.
विश्वसनीय निवेश के रूप में अभी भी पहचान
जानकारों का कहना है कि ऊंची कीमत के कारण कुछ लोग सावधानी बरत रहे हैं. लेकिन सोने का विश्वसनीय निवेश के रूप में महत्व बना हुआ है. इस वजह से खरीदारी में पॉजिटिव रुझान दिख रहा है. कीमत बढ़ने से लोग कम वजन वाले और छोटे सोने के गहने खरीद रहे हैं. कुछ लोग कीमत कम होने की उम्मीद में खरीदारी टाल रहे हैं. फिर भी, शादी से जुड़ी सोने की मांग स्थिर बनी हुई है, क्योंकि यह जरूरी माना जाता है. जनवरी-मार्च में गहनों की मांग 25% घटकर 71.4 टन रह गई, जो 2020 के बाद सबसे कम है. हालांकि, इसकी कीमत पिछले साल की तुलना में 3% ज्यादा रही.
निवेश में बढ़ोतरी
निवेश के लिए सोने की मांग मजबूत बनी हुई है. इस तिमाही में यह 7% बढ़कर 46.7 टन हो गई, जो पिछले साल 43.6 टन थी. फाइनेंशियल मार्केट में अनिश्चितता के बीच सोने को सुरक्षित निवेश माना जा रहा है. सोने की सिल्लियों और सिक्कों की मांग में तेज वृद्धि हुई है. जनवरी-मार्च में सोने का आयात 8% बढ़कर 167.4 टन हो गया. वहीं, रीसाइक्लिंग 32% घटकर 26 टन रह गई. ऊंची कीमत के कारण लोग पुराना सोना बेचने के बजाय रख रहे हैं. इस तिमाही में सोने की औसत कीमत 79,633.4 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो पिछले साल की पहली तिमाही में 55,247.2 रुपये थी.
ग्लोबल लेवल पर सोने की मांग जनवरी-मार्च 2025 में 1% बढ़कर 1,206 टन हो गई. यह 2019 के बाद पहली तिमाही में सबसे अधिक मांग है. भारत में सोने की मांग भले ही घटी हो, लेकिन ग्लोबल लेवल पर इसका महत्व बढ़ रहा है.