महंगा सोना और इन मंद‍िरों की लगी लॉटरी! बिना दान के बरस रहा पैसा! हर महीने आ रहे करोड़ों रुपये
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महंगा सोना और इन मंद‍िरों की लगी लॉटरी! बिना दान के बरस रहा पैसा! हर महीने आ रहे करोड़ों रुपये

Gold Price: सोने की र‍िकॉर्ड कीमत के बीच तम‍िलनाडु के मंद‍िर गोल्‍ड इनवेस्‍टमेंट स्‍कीम के जर‍िये हर साल करीब 18 करोड़ रुपये की आमदनी कर रहे हैं. इसके ल‍िए मंद‍िरों ने अपने खजाने से दान कि‍ये गए सोने को न‍िकालकर उसे प‍िघलाया है. 

 

महंगा सोना और इन मंद‍िरों की लगी लॉटरी! बिना दान के बरस रहा पैसा! हर महीने आ रहे करोड़ों रुपये

SBI Gold Investment Scheme: सोने की कीमतें लगातार र‍िकॉर्ड पर र‍िकॉर्ड बना रही हैं. कीमत में आई तेजी के बीच कुछ लोग अपना पुराना सोना न‍िकालने का प्‍लान कर रहे हैं. अब जब कीमत एक लाख के करीब पहुंच गई हैं तो तमिलनाडु के मंदिरों ने भक्‍तों की तरफ से दान किये गए सोने के सामान से पैसा कमाना शुरू कर द‍िया है. मंद‍िरों की तरफ से ऐसे सोने को न‍िकाला जा रहा है ज‍िसका इस्तेमाल नहीं क‍िया जा रहा. राज्य सरकार ने 21 मंदिरों से 1000 किलो से ज्‍यादा बिना इस्तेमाल होने वाला सोना पिघलाकर 24 कैरेट के सोने की छड़ें बना ली हैं.

SBI की गोल्‍ड इन्वेस्टमेंट स्कीम में जमा क‍िया

सरकार की तरफ से बताया गया क‍ि इन छड़ों को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में गोल्‍ड इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत जमा किया गया है. बैंक में जमा क‍िये गए सोने से हर साल 17.81 करोड़ रुपये का ब्याज मिल रहा है. इस सोने को मुंबई की सरकारी टकसाल में पिघलाया गया. 31 मार्च 2025 तक 21 मंदिरों से कुल 10,74,123.488 ग्राम प्‍योर गोल्‍ड इकट्ठा किया गया. सबसे ज्यादा 424.26 किलो गोल्‍ड तिरुचिरापल्ली जिले के अरुलमिगु मारियम्मन मंदिर, समायपुरम से मिला. इस गोल्‍ड को निवेश योजना में डाला गया है और इससे मिलने वाला ब्याज मंदिरों के डेवलपमेंट और सुधार के लिए यूज क‍िया जा रहा है.

विधानसभा में दी जानकारी
हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (HR&CE) मंत्री पीके शेखर बाबू ने तमिलनाडु विधानसभा में एक पॉल‍िसी नोट के जरिये इस बारे में जानकारी दी. नोट में बताया गया कि सोने की छड़ों से होने वाली कमाई मंदिरों की बेहतरी के लिए खर्च की जा रही है. यह योजना मंदिरों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी सुविधाएं बढ़ाने में मदद कर रही है.

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पारदर्शिता के लिए समितियां
योजना को ठीक से संचाल‍ित करने के लिए सरकार ने तीन क्षेत्रीय समितियों का गठन किया है. प्रत्येक समिति की अध्यक्षता एक र‍िटायर्ड जज की तरफ से की जा रही है. ये समितियां सोने के निवेश की प्रक्रिया की जांच और निगरानी करती हैं. इंड‍िया टुडे में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार यह योजना कुछ समय के लिए रुकी थी. लेकिन 2021-2022 में सरकार की मंजूरी के बाद इसे फिर से शुरू क‍िया गया.

चांदी को भी पिघलाने की तैयारी
सोने के बाद सरकार ने मंदिरों में बेकार पड़ी चांदी को भी पिघलाने की अनुमति दी है. सरकार ने कहा, 'अब मंदिरों में बेकार चांदी के सामान को पिघलाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.' ये सामान सरकारी मान्यता प्राप्त प्राइवेट कंपनियों की तरफ से शुद्ध चांदी की छड़ों में बदले जाएंगे. चांदी को पिघलाने के प्रोसेस मंदिर परिसर में होगा और तीन जजों की अध्यक्षता वाली क्षेत्रीय समितियों की निगरानी में होगी. चांदी को पिघलाने का काम भी शुरू हो चुका है. 

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