एजेंसी ने कहा कि 2018 में, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) से लगभग 18 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि श्री सेतुरमन को बिना उचित जांच और अत्यधिक अनियमित उधार शर्तों के तहत वितरित की गई, जिसमें स्थगन और कई छूट की अनुमति दी गई थी.
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 40 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक सोशल मीडिया इंन्फ्लुएंसर को गिरफ्तार किया है. सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म पर 12 लाख फॉलोअर्स वाली संदीपा विर्क को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. संदीपा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. ED ने संदीपा के दिल्ली और मुंबई के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. गिरफ्तारी के बाद ED संदीपा विर्क से पूछताछ कर रही है. वहीं कोर्ट ने संदीपा को 14 तक हिरासत में रखने का आदेश दे दिया है.
संदीपा विर्क के इंस्टाग्राम बायो में लिखा है कि वो एक अभिनेत्री हैं. ईडी ने उन्हें 40 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है. संदीपा विर्क के खिलाफ मामला मोहाली के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR से शुरू हुआ, जिसमें उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत आरोप लगाया गया था. उन पर झूठे बहानों और गलत बयानी के जरिए लोगों से धन उगाही करके ठगने का आरोप है.
PMLA 2002 एक्ट के तहत हुई छापेमारी
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 एक्ट के तहत इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में मंगलवार और बुधवार को दिल्ली और मुंबई में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. ED के मुताबिक, विर्क पर धोखाधड़ी के माध्यम से अचल संपत्तियां हासिल करने का आरोप है. उन्होंने खुद को hyboocare.com की मालिक के रूप में प्रस्तुत किया, जो एक वेबसाइट है. ये वेबसाइट इस बात का दावा करती है कि वह एफडीए-अप्रूव्ड कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बेचती है. हालांकि, जांचकर्ताओं ने पाया कि ये प्रोडक्ट अस्तित्व में नहीं थे.
कंपनी का कोई भी पारदर्शी विवरण नहीं उपलब्ध था
इसके अलावा कंपनी का व्हाट्सएप संपर्क नंबर निष्क्रिय था और कोई पारदर्शी कंपनी विवरण उपलब्ध नहीं था - जो एक गैर-वास्तविक वाणिज्यिक संचालन की ओर इशारा करता है. जिसे कथित तौर पर धन शोधन के लिए एक मोर्चे के रूप में इस्तेमाल किया गया था.ईडी की जांच में विर्क के अब बंद हो चुकी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के पूर्व निदेशक अंगराई नटराजन सेतुरमन के साथ कथित संबंधों का भी खुलासा हुआ. श्री सेतुरमन के निवास पर तलाशी अभियानों ने कथित तौर पर उनकी अवैध संपर्क कार्य में भूमिका और व्यक्तिगत लाभ के लिए धन के दुरुपयोग की पुष्टि की.
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अनियमित तरीके से उधार दिया और भुगतान नहीं किया
एजेंसी ने कहा कि 2018 में, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) से लगभग 18 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि श्री सेतुरमन को बिना उचित जांच और अत्यधिक अनियमित उधार शर्तों के तहत वितरित की गई, जिसमें स्थगन और कई छूट की अनुमति दी गई थी. इसके अलावा, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड द्वारा 22 करोड़ रुपये का एक गृह ऋण कथित तौर पर विवेकपूर्ण मानदंडों का उल्लंघन करते हुए स्वीकृत किया गया था. जांचकर्ताओं ने कहा कि इन धनराशियों का बड़ा हिस्सा गबन किया गया और अभी तक भुगतान नहीं किया गया है.
सेतुरमन ने आरोपों को निराधार बताकर खारिज किया
मीडिया को दिए एक बयान में सेतुरमन ने इन आरोपों को निराधार बताकर खारिज कर दिया. उन्होंने विर्क या उनके साथ किसी भी लेनदेन से किसी भी संबंध से भी इनकार किया. छापेमारी के दौरान, ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए और फारुख अली सहित कई प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज किए. विर्क को 12 अगस्त को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया और एक अदालत के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें शुक्रवार तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. ईडी अधिकारियों ने कहा कि अन्य व्यक्तियों की संभावित संलिप्तता की भी जांच की जा रही है.
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