आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, सोना ₹96,500-₹98,500 प्रति 10 ग्राम के मौजूदा दायरे से निकलकर मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के लेवल को पार कर सकता है.
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भारत में स्थानीय सोने की कीमतें 2025 की दूसरी छमाही में तेजी का रुख बनाए रख सकती हैं. आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, सोना ₹96,500-₹98,500 प्रति 10 ग्राम के मौजूदा दायरे से निकलकर मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के लेवल को पार कर सकता है.
यह अनुमान उस समय आया है जब दुनिया भर के बाजारों में सोने की कीमतों में नरमी देखी गई है. इसके उलट, भारत में जून महीने में घरेलू सोने की कीमतों में 0.6% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसका कारण भारतीय रुपये में 0.2% की मामूली गिरावट बताया गया है.
आयात में गिरावट, लेकिन निवेश की मांग बरकरार
हालांकि सोने की आयात मात्रा में गिरावट आई है, लेकिन निवेश से जुड़ी मांग में मजबूती देखी जा रही है. मई 2025 में भारत का कुल गोल्ड इंपोर्ट 2.5 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल 2025 के 3.1 अरब डॉलर से कम है. यह संकेत देता है कि ऊंची कीमतों के चलते आभूषण के लिए उपभोक्ताओं की मांग कमजोर पड़ी है. वहीं दूसरी ओर, निवेशक गोल्ड को लेकर अब भी उत्साहित हैं. म्यूचुअल फंड एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, मई में गोल्ड ETF में ₹292 करोड़ का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया, जो दो महीनों की गिरावट के बाद निवेशकों की गोल्ड में रुचि की वापसी को दर्शाता है.
वैश्विक स्तर पर क्या हो रहा है?
दुनिया भर में सोने की कीमतें बीते महीने स्थिर रही हैं, लेकिन साल 2025 में अब तक YTD आधार पर इसमें 28% की बढ़त देखी गई है. अमेरिकी गोल्ड ETF (SPDR) की होल्डिंग्स जून 2025 की शुरुआत में 930 टन से बढ़कर जुलाई की शुरुआत में 948 टन हो गईं. स्पेकुलेटिव लॉन्ग पोजिशन में भी बीते महीने करीब 13 हजार कॉन्ट्रैक्ट्स की बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह स्पष्ट है कि निवेशक गोल्ड को अभी भी सुरक्षित निवेश मान रहे हैं, भले ही भू-राजनीतिक तनावों में थोड़ी नरमी आई हो.
भू-राजनीतिक तनावों में कमी से क्यों नहीं रुकी तेजी?
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान और इज़राइल के बीच संघर्षविराम और अमेरिका द्वारा कई देशों के साथ व्यापार समझौते (जैसे- UK, वियतनाम, भारत, जापान और EU) की ओर बढ़ते कदमों के चलते वैश्विक बाजारों में जोखिम भावना सुधरी है. इससे गोल्ड की सेफ हेवन डिमांड में कुछ नरमी जरूर आई है, लेकिन निवेश से जुड़ी मांग ने कीमतों को नीचे गिरने से रोके रखा है.
आभूषण की मांग में गिरावट
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आभूषण क्षेत्र में मांग कमजोर रही है, लेकिन निवेशकों की खरीदारी ने कीमतों को सपोर्ट किया है. यह भी संकेत मिला है कि निकट भविष्य में आभूषण की मांग में कोई बड़ी वृद्धि नहीं दिखेगी.