मां ने उधार के 5000 रुपये से शुरू क‍िया था कारोबार, बेटों ने खड़ी कर दी हजारों करोड़ की कंपनी
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मां ने उधार के 5000 रुपये से शुरू क‍िया था कारोबार, बेटों ने खड़ी कर दी हजारों करोड़ की कंपनी

रेवती कामथ ने बताया क‍ि मेरे पति रघुरम कामथ (Raghuram Kamath) अपने ऑफ‍िस से फूल लेकर आते थे, इससे उनकी फूलों की सजावट में द‍िलचस्‍पी रहने लगी. उन्होंने इस शौक को आगे बढ़ाने का फैसला करते हुए विप्रो में एक डेमो देने के लिए दोस्त से 5,000 रुपये उधार लिए.

मां ने उधार के 5000 रुपये से शुरू क‍िया था कारोबार, बेटों ने खड़ी कर दी हजारों करोड़ की कंपनी

Nikhil Kamath Mother Revathi Kamath: आज जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ और नितिन कामथ जाना पहचाना नाम हैं. उनके पास हजारों करोड़ की संपत्‍त‍ि है. लेक‍िन क्‍या आपको पता है दोनों भाइयों ने इस मुकाम को कैसे हास‍िल क‍िया है. उनको यहां तक पहुंचाने में उनकी मां और उनके पर‍िवार ने जी तोड़ मेहनत की है. उनकी मां रेवती कामथ (Revathi Kamath) ने दोस्‍त से 5000 रुपये उधार लेकर अपना कारोबार शुरू क‍िया था. यहां से धीरे-धीरे उन्‍होंने अपने ब‍िजनेस का बड़ा क‍िया है. अपनी शुरुआत को वह आज भी नहीं भूली हैं. कामथ ब्रदर्श की मां रेवती कामथ (Revathi Kamath) का जन्म शृंगेरी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था.

साधारण तरीके से शुरू क‍िया एंटरप्र‍िन्‍योर बनने का सफर

रेवती कामथ के पिता एन कृष्णमूर्ति पेशे से वकील थे. बाद में वह वीणा सिखाने लगे थे और उनका पालन-पोषण संगीत और शिक्षा से भरपूर माहौल में हुआ. उन्होंने एक बार याद करते हुए कहा था, 'मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि शतरंज खेलने से दिमाग तेज होता है.' उन्‍होंने अपने बेटों का द‍िमाग तेज करने के लि‍ए शतरंज ख‍िलाया. निखिल और नितिन कामथ मां रेवती कामथ भी एक एंटरप्र‍िन्‍योर हैं. उनकी वेबसाइट के अनुसार उनके एंटरप्र‍िन्‍योर बनने का सफर फूलों के जर‍िये बहुत ही साधारण तरीके से शुरू हुआ.

जब दोस्‍त से उधार ल‍िये 5000 रुपये
उन्‍होंने बताया क‍ि पत‍ि रघुरम कामथ (Raghuram Kamath) अपने ऑफ‍िस से उनके लिए फूल लाते थे, इससे वह फूलों की सजावट में द‍िलचस्‍पी लेने लगीं. उन्होंने इस शौक को आगे बढ़ाने का फैसला करते हुए विप्रो में एक डेमो देने के लिए दोस्त से 5,000 रुपये उधार लिए. उनकी सजावट के काम से विप्रो की टीम खुश हुई और उन्हें 45,000 रुपये का प्रोजेक्ट मिला. इस काम को उन्‍होंने घर की ज‍िम्‍मेदार‍ियां न‍िभाते हुए बखूबी पूरा क‍िया. यह उनकी शुरुआती सफलता थी, ज‍िसके बाद उन्‍होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

500 रुपये महीने पर दुकान क‍िराये पर ली
इसके बाद रेवती ने जयनगर में 500 रुपये में एक दुकान किराये पर ली और फूल बेचना शुरू कर दिया. दुकान के साथ ही उन्‍होंने एचपी जैसी कंपनियों से संपर्क किया. वह शादियों और कॉर्पोरेट इवेंट के लिए भी अपनी सर्व‍िस देने लगीं. इसके बाद उन्होंने अपनी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी कैलिक्स बनाई. इसके जर‍िये उन्‍हें लीला पैलेस और विंडसर मैनर जैसी जगह पर एमआईसीओ, बॉश और एचपी के लिए बड़े प्रोग्राम को मैनेज करने का मौका म‍िला.

टाटा स्टील के प्रोजेक्‍ट के लिए 10 विशेषज्ञों में चुना गया
उनके करियर ने मोड़ तब लिया जब बॉश (Bosch) के जनरल मैनेजर ने उनसे एक लैंडस्केपिंग प्रोजेक्‍ट लेने के लिए कहा. बिना किसी अनुभव के उन्‍होंने इस काम को पूरी लगन के साथ क‍िया. उनके इस काम को देखकर MICO के एमडी अल्बर्ट हीरोनिमस के घर पर एक प्रोजेक्‍ट म‍िला, जिससे उन्हें 4.5 लाख रुपये मिले. उनका यह काम अच्‍छा चला और उन्होंने कुवेम्पु यून‍िवर्स‍िटी, मैसूर यून‍िवर्स‍िटी, चिन्‍नास्वामी स्टेडियम, इंटेल, सीबीआरई और सिटाडेल जैसे कॉर्पोरेट कस्‍टमर के प्रोजेक्‍ट पूरे क‍िये. उनकी यह बड़ी उपलब्धि रही क‍ि उन्हें ओडिशा में टाटा स्टील की एक प्रोजेक्‍ट के लिए देशभर के 10 विशेषज्ञों में चुना गया.

क्‍यों चर्चा में आईं रेवती कामथ?
हाल ही में रेवती कामथ रेडिट पर तब वायरल हो गईं जब राजाजीनगर के राम मंदिर में वीणा बजाते हुए उनका एक वीडियो सामने आया. एक यूजर ने लिखा, 'निखिल कामथ की मां, रेवती कामथ को राजाजीनगर के राम मंदिर में वीणा बजाते हुए देखा.' छोटे से वीडियो में वह पारंपरिक वेदी के पास वाद्य यंत्र बजाते हुए दिखायी दीं, इससे उन्हें उनकी प्रतिभा और विनम्रता के लिए प्रशंसा मिली. एक यूजर ने कहा, 'उनकी संपत्ति हजारों करोड़ की होगी लेकिन फिर भी वह अपनी संस्कृति का सम्मान करती हैं.'' दूसरे ने ल‍िखा, 'वह बहुत प्रतिभाशाली हैं... मैसूर में एक संगीत कार्यक्रम के बाद उनसे बात की.'

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