Kamal Haasan on NEET: तमिलनाडु में पहले मेडिकल दाखिले के लिए सिर्फ 12वीं के नंबर को आधार बनाया जाता था, लेकिन केंद्र सरकार ने फिर से NEET लागू कर दिया. अब नीट के मुताबिक ही एडमिशन होता है.
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NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) पर मशहूर अभिनेता और राजनेता कमल हासन ने सीधा हमला बोला है. उनका कहना है कि यह परीक्षा हजारों गरीब और पिछड़े वर्ग के स्टूडेंट्स को मेडिकल एजुकेशन से वंचित कर रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एकमात्र हथियार है, जिससे तानाशाही और सनातन विचारधारा जैसी जंजीरों को तोड़ा जा सकता है.
कमल हासन अभिनेता सूर्या की 'अगरम फाउंडेशन' की 15वीं वर्षगांठ पर बोल रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि, "NEET ने 2017 से अब तक कई बच्चों को मेडिकल पढ़ाई से वंचित कर दिया है. अगरम फाउंडेशन जैसी संस्था भी इसमें कुछ नहीं कर पा रही है, क्योंकि यह परीक्षा गरीब और पिछड़े वर्गों के छात्रों को पीछे छोड़ देती है. शिक्षा न सिर्फ एक हथियार है, बल्कि वह औजार है जिससे देश को नया आकार दिया जा सकता है. कानून में बदलाव भी तभी मुमकिन है जब जनता शिक्षित हो."
कमल हासन ने कहा, "कुछ और चीजें हाथ में लेने से जीत नहीं मिलेगी. बहुसंख्यक लोग तुम्हें हरा देंगे. इसलिए सभी को मिलकर ज्ञान और एकता का रास्ता चुनना चाहिए."
तमिलनाडु में NEET परीक्षा को लेकर लंबे समय से विरोध हो रहा है. राज्य सरकार का कहना है कि यह परीक्षा शहरी और अमीर परिवारों के छात्रों को फायदा पहुंचाती है, क्योंकि वे महंगे कोचिंग क्लास में पढ़ सकते हैं. वहीं, गांवों और सरकारी स्कूलों के मेधावी छात्र पीछे छूट जाते हैं.
दूसरी ओर, केंद्र की बीजेपी सरकार का तर्क है कि NEET से मेडिकल सीटों की खरीद-फरोख्त रुकती है और मेरिट के आधार पर चयन होता है.
इस मौके पर अभिनेता सूर्या ने कहा कि उनकी 'अगरम फाउंडेशन' ने अब तक 6,000 से ज्यादा गरीब और अनाथ बच्चों को शिक्षा दिलवाई है, और आज उन्हीं में से कई छात्र संस्था को चला रहे हैं.
गौरतलब है कि तमिलनाडु में पहले मेडिकल दाखिले के लिए सिर्फ 12वीं के नंबर को आधार बनाया जाता था, लेकिन केंद्र सरकार ने फिर से NEET लागू कर दिया. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने UPA सरकार के समय तमिलनाडु को NEET से छूट दी थी, जो अब नहीं मिल रही. कमल हासन के बयान के बाद एक बार फिर NEET परीक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है.