US murder-suicide case: अमेरिका में सभी जातियों या समुदायों के बीच भारतीय-अमेरिकियों (Indian American) की औसत घरेलू आय सबसे अधिक 126,891 यूएस डॉलर है. यह अमेरिकी औसत घरेलू आय 65,316 डॉलर से लगभग दोगुनी है.
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Indian IT professional wipes out family: भारतीय मूल के आईटी पेशेवर ने कैलिफोर्निया के सैन मेटो के काफी पॉश इलाके में अपने पूरे परिवार की हत्या के बाद खुदकुशी कर ली. अमेरिका में इस साल हत्या-आत्महत्या मामले (Murder-Suicide Case) में अप्रवासी भारतीय परिवार (Immigrant Indian family) के सफाये की इस तरह की दूसरी घटना सामने आई है.
इससे पहले अमेरिका के विभिन्न प्रांतों में भारतीय छात्रों (Indian Students) को लगातार निशाना बनाए जाने की खबर आ रही थी. जबकि, दशकों से भारतीय लोगों, छात्रों और पेशेवरों के लिए अमेरिका एक ड्रीमलैंड की तरह बताया जाता रहा है.
साल 2023 में 59 हजार 100 भारतीय लोगों ने ली अमेरिका की नागरिकता
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं (USCIS) की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ साल 2023 में 59 हजार एक सौ भारतीय लोगों ने अमेरिका की नागरिकता ली. इस मामले में मेक्सिको के बाद भारतीय दूसरे पायदान पर हैं. इसके बावजूद मर्डर-सुसाइड जैसे केस (Murder-Suicide Case) से यह सवाल उठता है कि क्या अमेरिकी सपना कुछ लोगों के लिए अब डरावने सपने में तब्दील हो रहा है. आइए, जानते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है और हालिया केस क्यों शक के घेरे में है.
क्या है अमेरिका का हालिया मर्डर- सुसाइड केस, क्यों जताया जा रहा शक
इस साल एक जैसी दूसरी आपराधिक वारदात में एक आप्रवासी भारतीय पेशेवर ने हत्या-आत्महत्या की घटना में अपने पूरे परिवार को खत्म कर दिया. कैलिफोर्निया के सैन मेटो के पॉश इलाके में तैनात पुलिस ने कहा कि वेलफेयर चेक अलर्ट के दौरान एक मकान के बाथरूम में बंदूक की गोली लगने से मारे गए एक दंपति का शव मिला. उन दोनों के पास कोई सुसाइड नोट वगैरह नहीं मिला है.
बाद में उनकी पहचान 37 साल के आनंद सुजीत हेनरी और 38 वर्षीय एलिस प्रियंका बेंज़िगर के रूप में की गई. इस दंपति के चार साल के जुड़वां बच्चे नूह और नीथन भी घर के पांच बेडरूम में से एक के अंदर मुर्दा पाए गए. पुलिस ने कहा, "इस समय हमारे पास जो जानकारी है, उसके आधार पर यह एक अलग घटना प्रतीत होती है, जिससे जनता को कोई खतरा नहीं है. क्योंकि हमें विश्वास है कि जिम्मेदार व्यक्ति घर के भीतर ही मौजूद था.". उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि लड़कों की मौत कैसे हुई.
पति लॉगिट्स, गूगल, मेटा... तो पत्नी डिक्शनरी और चेंज डॉट ओआरजी में किया था काम
रिपोर्ट के मुताबिक, आनंद सुजीत हेनरी ने 2023 में लॉगिट्स नामक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फर्म के सह-संस्थापक होने से पहले आठ साल तक गूगल और 17 महीने तक मेटा (फेसबुक) में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग मैनेजर के रूप में काम किया था. उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने पहले सेल्सफोर्स में काम किया था और एडोब सिस्टम्स में इंटर्नशिप की थी. वहीं, एलिस प्रियंका बेंज़िगर डिक्शनरी डॉट कॉम, इडिबॉन और चेंज डॉट ओआरजी में काम करने के बाद एक रियल एस्टेट कंपनी ज़िलो में डेटा साइंस मैनेजर थीं.
केरल के कोल्लम के रहने वाले दंपति ने पिट्सबर्ग में भी की थी पढ़ाई, सफल था करियर
भारत में केरल के रहने वाले इस दंपति के बारे में पता चला कि दोनों कोल्लम के पास टीकेएम इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व छात्र थे. बाद में उन्होंने पिट्सबर्ग में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की थी. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि उनकी शादी परेशानी भरी रही. बे एरिया में जाने के बाद बार-बार पुलिस के दखल के साथ उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में चार अलग-अलग अपार्टमेंट में रहने के बाद 2.1 मिलियन डॉलर का एक घर खरीदा था.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हेनरी ने दिसंबर 2016 में तलाक के लिए अर्जी दी थी, लेकिन जुड़वा बच्चों के जन्म से पहले ही उन्होंने सुलह कर ली थी. बेंजिंगर की मां भारत लौटने से पहले तक उनके साथ रह रही थीं.
जनवरी में मैसाचुसेट्स में इसी तरह की वारदात, अधेड़ भारतीय दंपति का मामला
जनवरी में मैसाचुसेट्स में इसी तरह की घटना के बाद सफल और समृद्ध भारतीय प्रवासियों से जुड़ा यह दूसरा ऐसा हत्या-आत्महत्या का मामला है. मैसाचुसेट्स में 57 साल के राकेश कमल ने अपनी पत्नी 54 साल की टीना कमल, और उनकी कॉलेज जाने वाली बेटी 18 साल की एरियाना कमल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बाद में कमल ने उसी बंदूक से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी.
कमल दंपत्ति में भी दोनों उच्च शिक्षित पेशेवर थे. दोनों ने 2016 में एडुनोवा नामक एक एजुकेशन सिस्टम कंपनी की सह-स्थापना की थी, लेकिन वित्तीय असफलताओं के बाद 2021 में इसे भंग कर दिया था. इस घटना ने 5 मिलियन डॉलर के घर में कायम उनकी समृद्ध जीवनशैली को कमजोर कर दिया था.
आप्रवासी भारतीय पेशेवरों पर आदर्श अल्पसंख्यक, सफल और अमीर दिखने का दबाव
ये दुखद कहानियां भारतीय आप्रवासी पेशेवरों और आदर्श अल्पसंख्यक के रूप में आदर्श भारतीय-अमेरिकियों पर खुद को सफल और अमीर के रूप में पेश करने के दबाव को साफ और मजबूती से दिखाती है. अमेरिका में सभी जातियों या समूहों के बीच भारतीय-अमेरिकियों की औसत घरेलू आय सबसे अधिक 126,891 यूओस डॉलर है. यह अमेरिकी औसत 65,316 डॉलर से लगभग दोगुनी है, लेकिन खाड़ी क्षेत्र और अमेरिका के अन्य समृद्ध इलाकों में यह आय मुश्किल से मामूली होगी.
अमेरिका में वर्तमान राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन के मुकाबले कैलिफ़ोर्निया में दोगुना मेहनताना
इस महीने की शुरुआत में, कैलिफ़ोर्निया के कानूनविद् बारबरा ली ने संघीय न्यूनतम वेतन 50 डॉलर प्रति घंटा का किए जाने की मांग उठाई थी. संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्तमान संघीय न्यूनतम वेतन से यह छह गुना से अधिक है. उन्होंने कहा कि उच्च लागत के कारण कैलिफ़ोर्निया राज्य में रहने वाले प्रति वर्ष 100,000 डॉलर से कम पर काम नहीं कर सकते. वर्तमान राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 7.25 डॉलर प्रति घंटा के मुकाबले कैलिफ़ोर्निया में दोगुना से भी अधिक 16 डॉलर प्रति घंटा वेतन है.
अमेरिका के धनी इलाके और लोगों के समूहों पर बेतरह बढ़ता जा रहा आर्थिक दबाव
अपनी मांग के समर्थन में बारबरा ली ने कहा था, "यूनाइटेड वे ने एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें कहा गया था कि खाड़ी क्षेत्र में चार लोगों के परिवार के लिए 127,000 डॉलर मुश्किल से ही पर्याप्त हैं. वहीं, एक अन्य सर्वेक्षण में कहा गया है कि एक व्यक्ति के परिवार के लिए 104,000 डॉलर, मुश्किल से गुजारा करने के लिए पर्याप्त हैं. " अमेरिका के धनी इलाके और लोगों के समूहों में यह दबाव काफी बढ़ता जा रहा है.
(Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्यथित हों तो जीवन से हार मारने की कोई जरूरत नहीं. अच्छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्त हेल्पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें.)