एक स्टडी से पता चलता है कि च्युइंग गम चबाने से 600 माइक्रोप्लास्टिक टुकड़े निकलते हैं, जिससे इसके सेवन और एनवायरनमेंट इम्पैक्ट के बारे में जागरूकता बढ़ रही है.
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Microplastic in Chewing gum: च्युइंग गम चबाने का ट्रेंड कोई नया नहीं है, हलांकि इसके हेल्थ साइडइफेक्ट्स को लेकर हमेशा से आगाह किया जाता रहा है. अब एक नई स्टडी में रिसर्चर्स ने पाया है कि च्युइंग गम चबाने से मुंह में सैकड़ों छोटे प्लास्टिक के कण निकलते हैं, जिससे माइक्रोप्लास्टिक कंजम्पशन और पॉल्यूशन के बारे में चिंताएं बढ़ जाती हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स (University of California, Los Angeles) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन ने पर्यावरण और मानव शरीर, जिसमें फेफड़े, खून और यहां तक कि ब्रेन भी शामिल हैं, इनमें माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी के बढ़ते सबूतों को पेश किया है.
च्युइंग गम में माइक्रोप्लास्टिक
ये स्टडी, जिसका अभी पीयर रिव्यू होना बाकी है, इसमें पीएचडी स्टूडेंट लिसा लोव (Lisa Lowe) ने दस अलग-अलग च्युइंग गम ब्रांड्स के 7 टुकड़ों को चबाया. उनकी लार के केमिकल एनालिसिस से पता चला कि च्युइंग गम के हर ग्राम ने औसतन 100 माइक्रोप्लास्टिक टुकड़े जारी किए, जिनमें से कुछ ने 600 से ज्यादा टुकड़े प्रोड्यूस किए. ये देखते हुए कि एक सामान्य गम स्टिक का वजन तकरीबन 1.5 ग्राम होता है, एक शख्स जो सालाना 180 गम के टुकड़े चबाता है, वो लगभग 30,000 माइक्रोप्लास्टिक निगल सकता है. हालांकि, रिसर्चर्स ने जोर दिया कि ये दूसरे सोर्सेज, जैसे कि बोतलबंद पानी, जिसमें हर लीटर में लगभग 240,000 माइक्रोप्लास्टिक होते हैं, की तुलना में काफी कम है.
च्युइंग गम में क्या होता है?
ज्यादातर च्युइंग गम में पेट्रोलियम-बेस्ड पॉलिमर होते हैं, जिन्हें पैकेजिंग पर अस्पष्ट रूप से "गम-आधारित" के रूप में लेबल किया जाता है. स्टडी ने सिंथेटिक और नेचुरल दोनों च्युइंग गम का टेस्ट किया, और दोनों टाइप्स में माइक्रोप्लास्टिक पाया. इससे ये सवाल उठता है कि क्या प्लास्टिक सिर्फ गम सामग्री या प्रयोगशाला में अन्य सोर्सेज से प्रोड्यूस होते हैं. जबकि कुछ एक्सपर्ट्स अनएक्सपेक्टेड प्लास्टिक की मौजूदगी से हैरान थे, वहीं दूसरे विशेषज्ञ फाइंडिंग्स से हैरान नहीं थे, उन्होंने कहा कि च्युइंग गम कार के टायर और प्लास्टिक बैग जैसे प्रोडक्ट्स के साथ केमिकल कंपोनेंट्स को शेयर करता है.
इन खुलासों के बावजूद, एक्सपर्ट ने लोगों को रिएश्योर किया कि गम में माइक्रोप्लास्टिक की छोटी मात्रा से सेहत को नुकसान होने की संभावना नहीं है, क्योंकि वो संभवतः शरीर से गुजर जाएंगे. स्टडी ने फुटपाथों को प्रदूषित करने वाले फेंके गए च्युइंग गम के पर्यावरणीय मुद्दे पर भी प्रकाश डाला. अमेरिका के नेशनल कन्फेक्शनर्स एसोसिएशन ने चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि गम सुरक्षित और एफडीए-अप्रूव्ड बना हुआ है.