Breast Feeding: नवजात बच्चों के लिए क्यों जरूरी है मां का दूध? जानिए ब्रेस्ट फीडिंग की अहमियत
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Breast Feeding: नवजात बच्चों के लिए क्यों जरूरी है मां का दूध? जानिए ब्रेस्ट फीडिंग की अहमियत

Benefits of Breast Feeding for Babies: मां का दूध बच्चे के लिए संपूर्ण आहार है, साथ ही ये शिशु के लिए किसी औषधि से कम नहीं है. जो बच्चे ब्रेसफीडिंग से महरूम रह जाते हैं उनके लिए ये लाइफ रिस्क की तरह है.

Breast Feeding: नवजात बच्चों के लिए क्यों जरूरी है मां का दूध? जानिए ब्रेस्ट फीडिंग की अहमियत

Benefits Of Breast Feeding: इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम होता है, इसलिए जन्म के बाद तुरंत मां का गाढ़ा पीला दूध पिलाया जाता है, ताकि बच्चे की सेहत बेहतर हो पाए. लेकिन पिछले कुछ दशकों से डब्बे वाला दूध पिलाने का चलन बढ़ा है. एक पता होना चाहिए कि ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे को शॉर्ट और लॉन्ग टर्म डिजीज से बचाया जा सकता है. कई महिलाओं को अपना दूध पिलाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है, इससे बचने के लिए डॉक्टर्स की सलाह ली जा सकती है, लेकिन कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों को मां का दूध ही मिले. क्लीवलैंड क्लीनिक और एनएचएस में छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रेस्टफीडिंग के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.

ब्रेस्ट फीडिंग के फायदे

1. इम्यूनिटी होगी बूस्ट

छोटे बच्चों को वायरल इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा रहता है, जिससे बुखार और अन्य बीमारी होना लाजमी है. जो नवजात जन्म के समय से ही मां का दूध पीते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बाकी बच्चों के मुकाबले बेहतर रहती है. जिस तरह की इम्यूनिटी ब्रेस्ट फीडिंग से हासिल होती है, वो डब्बे वाले दूध से नहीं मिल पाती.

2. बीमारी के जल्दी ठीक होने में मदद

मां के दूध में  एंटी ऑक्सिडेंट, एंजाइम्स और एंटीबॉडीज पाए जाते हैं, जो न सिर्फ बच्चों को बीमारियों से बचाते हैं, साथ ही अगर उनको किसी तरह की डिजीज हो भी जाए तो इनसे निजात पाना आसान हो जाता है.

3. पेट की गड़बड़ी से बचाव

छोटे बच्चे अक्सर पेट की गड़बड़ियों को शिकार हो जाते हैं. उन्हें डायरिया, कॉन्सटिपेशन, उल्टी और गैस से जुड़ी परेशानियां होने लगती है. अगर आप चाहती हैं कि बच्चे को ऐसी दिक्कतें न हों, तो उन्हें मां का दूध जरूर पिलाएं.

4. इंफेंट मोर्टेलिटी रेट घटेगी

काफी बच्चे अपने पहले बर्थडे तक जीवित नहीं रह पाते है, कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि जिन शिशुओं को मां का दूध नहीं पिलाया जाता है उनमें इंफेंट मोर्टेलिटी रेट ज्यादा पाई जाती है, क्योंकि वो बीमारियों से कम सुरक्षित होते हैं.

5. वजन और ओरल हेल्थ मेंटेन रहता है

बच्चों में मोटापा होना भी खतरनाक है, लेकिन मां का दूध नियमित तौर से पीने से शिशु का वजन मेंटेन रहता है, साथ ही ये बच्चों के ओरल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. इससे कैविटी और दांतों की दूसरी परेशानियों का खतरा कम हो जाता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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