'पहले 1500 कमाते थे, अब 100 रुपए भी मुश्किल....', पहलगाम हमले के बाद पर्यटन में सूनी हो गई झील
Advertisement
trendingNow12745066

'पहले 1500 कमाते थे, अब 100 रुपए भी मुश्किल....', पहलगाम हमले के बाद पर्यटन में सूनी हो गई झील

Pahalgam Terror Attack Impact: पहलगाम आतंकी हमले के बाद सबसे बुरा असर कश्मीर के पर्यटन उद्योग, विशेष रूप से वुलर झील जैसे प्रमुख स्थलों को हुआ है. वुलर झील, जो एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है, पर्यटकों की कमी के कारण सूनी पड़ी है, जिससे शिकारा मालिकों और पर्यटन पर निर्भर स्थानीय परिवारों की आजीविका संकट में है.

'पहले 1500 कमाते थे, अब 100 रुपए भी मुश्किल....', पहलगाम हमले के बाद पर्यटन में सूनी हो गई झील

wular lake tourism: पहलगाम आतंकी हमले का सबसे बुरा असर कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर हुआ है. शिकारा मालिकों और अन्य पर्यटन व्यवसायियों की आजीविका संकट में आ गई है. कश्मीर के सोपोर में स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील वुलर झील हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटन के लिहाज से सूनी पड़ी है. 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने कश्मीर घाटी के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका दिया है. वुलर झील के किनारे शिकारा मालिक और पर्यटन पर निर्भर परिवार अब आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि पर्यटकों की आवाजाही लगभग ठप हो चुकी है.

पर्यटकों से अपील घाटी आएं
आजीविका के लिए पर्यटकों पर निर्भर रहने वाले शिकारा मालिक हसन ने कहा, "हम पूरे दिन इंतजार करते हैं, लेकिन कोई नहीं आता. कश्मीर अपने आतिथ्य के लिए जाना जाता है. हम शांति और पर्यटन की बहाली की मांग करते हैं. पहलगाम हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं, यह मानवता पर हमला है." वहीं स्थानीय निवासी मंजूर अहमद, जो पहले प्रतिदिन 1500 रुपये तक कमा लेते थे, अब मुश्किल से 100 रुपये कमा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम पर्यटकों से अपील करते हैं कि वे घाटी में फिर से आएं और वुलर झील सहित कश्मीर की छिपी प्राकृतिक सुंदरता को देखें.

पहलगाम हमले के बाद बर्बाद हुए लोकल?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा है. अप्रैल-मई में वुलर झील और अन्य पर्यटन स्थलों पर रोजाना हजारों पर्यटक आते थे, लेकिन हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. जिससे शिकारा मालिकों, टैक्सी चालकों और होटल मालिकों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं होटल, रेस्तरां और स्थानीय हस्तशिल्प व्यवसायों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है.

सुरक्षा व्यवस्‍था कड़क, मॉक ड्रिल के निर्देश
इस बीच, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने श्रीनगर की डल झील में मॉक ड्रिल का आयोजन किया, ताकि आपातकालीन तैयारियों को परखा जा सके.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का निर्देश दिया है. दूसरी ओर, नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा 12 दिनों तक संघर्ष विराम उल्लंघन के बाद, पुंछ जिले में सुरक्षा बलों ने सतर्कता बढ़ा दी है. पुलिस, सीआरपीएफ और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने नाकेबंदी, वाहन जांच और गश्त तेज कर दी है, ताकि सीमा पार से संभावित आतंकी घुसपैठ को रोका जा सके. (इनपुट आईएएनएस से भी)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

About the Author
author img
कृष्णा पांडेय

कृष्णा पांडेय, ज़ी न्यूज़ डिजिटल में चीफ सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामलों, क्राइम, और फीचर जैसे कई बीट्स पर काम करते हैं. इनकी खासियत है इन-डेप्थ एक्सप्लेनर और संवे...और पढ़ें

TAGS

Trending news

;