मुनीर-बिलावल की धमकी ठेंगे पर! भारत धड़ल्ले से कर रहा इन बांधों का निर्माण, पूरी तरह सुखा देगा PAK का गला
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मुनीर-बिलावल की धमकी ठेंगे पर! भारत धड़ल्ले से कर रहा इन बांधों का निर्माण, पूरी तरह सुखा देगा PAK का गला

India Dams on Indus River: पिछले 2 दिनों में पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर और राजनेता बिलावल भुट्टो भारत को धमकाने में लगे हैं. दोनों कह रहे हैं कि अगर भारत ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों पर डैम बनाए तो वे मिसाइल मारकर उन्हें उड़ा देंगे.

मुनीर-बिलावल की धमकी ठेंगे पर! भारत धड़ल्ले से कर रहा इन बांधों का निर्माण, पूरी तरह सुखा देगा PAK का गला

India under construction dams on Indus river: भारत की ओर से पाकिस्तान को मारी जा रही पानी की मार से पूरा जिन्नालैंड सहमा हुआ है. पाकिस्तान में सबसे ज्यादा खेती उसके पंजाब सूबे में होती है और वह पूरा प्रांत भारत से निकलकर पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी पर निर्भर है. पहलगाम हमले के बाद से भारत का रुख बेहद कड़ा हो चुका है. भारत ने पहले ऑपरेशन सिंदूर करके पाकिस्तान को करारी चोट पहुंचाई. अब उसे स्थाई रूप से पंगु करने के लिए नदियों के पानी का बहाव रोकने के मिशन पर काम तेजी से शुरू हो गया है. 

मुल्ला मुनीर और बिलावल की गीदड़भभकी

पाकिस्तान के पूरी तरह बंजर भूमि बन जाने के आशंका से घबराए आर्मी चीफ मुल्ला आसिम मुनीर ने पहले अमेरिका की धरती से भारत को गीदड़भभकी दी. मुनीर ने कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान आने वाली नदियों पर डैम बनाए तो वह 10 मिसाइलें फेंककर उन्हें उड़ा देगा. वहीं सोमवार को पाकिस्तान के पप्पू कहे जाने वाले राजनेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी भड़ास निकाली. एक जलसे में बोलते हुए बिलावल ने कहा कि हिमालय से निकलने वाली नदियां भारत की संपत्ति नहीं है कि वह जब चाहे उनका पानी रोक ले. उन्होंने धमकी दी कि अगर भारत ने पाकिस्तान का पानी रोकने की हिमाकत की तो पाकिस्तान उससे युद्ध छेड़ देगा. 

क्या PAK की धमकियों से डर जाएगा भारत?

पाकिस्तान की ओर से 2 दिन में आई इन 2 बड़ी धमकियों के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या भारत उसकी इन धमकियों से डर जाएगा. क्या वह पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदियों पर बांध और नहर बनाने के काम से पीछे हट जाएगा. क्या वह पाकिस्तान के दबाव में एक बार फिर सिंधु जल संधि को बहाल कर भाई-भाई का राग अलापने लगेगा. आपके मन में भी ऐसे ही तमाम सवाल उठ रहे होंगे. तो इसका जवाब है कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. भारत ने अब अंगद की तरह अपने पांव मजबूती से जमा दिए हैं और वह अब किसी भी सूरत में उन्हें पीछे खींचने वाला नहीं है. 

भारत की क्षमताओं को जानता है PAK

डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक, पाकिस्तानी आर्मी चीफ और बिलावल भुट्टो जैसे अगंभीर नेता भले ही जंग की धमकी दे रहे हों लेकिन वे भी इस बात को भली भांति जानते हैं कि अगर उन्होंने ऐसी कोई गलती की तो उन्हें भारी खामियाजा भुगतना होगा. इस बार की जंग में भारत जिन्नालैंड को पाषाण युग में भेज सकता है. इसलिए उनकी बात को गीदड़भभकी के अलावा कुछ नहीं मानना चाहिए. आज हम आपको बताते हैं कि भारत, पाकिस्तान की ओर बहने वाली किन नदियों पर बांध और नहरें बनाने जा रहा है. जिनके पूरा होने के बाद पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरस जाएगा. 

बांधों पर क्या है भारत की रणनीति?

एक्सपर्टों के मुताबिक, भारत वर्तमान में सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियों पर कई बांध परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिनमें नीमू बाज़गो, रातले, पाकल दुल, क्वार, किरू, और किशनगंगा प्रमुख हैं. इसके अलावा, सावलकोट, बुर्सर, और किरथाई-II जैसे बांध प्रस्तावित हैं. बांध के जरिए इन नदियों का पानी रोककर पहाडों में बनाई जा रही सुरंगों के जरिए दूसरी नदियों और इलाकों में डायवर्ट करने पर काम चल रहा है. भारत की रणनीति जल संसाधन प्रबंधन, बिजली उत्पादन और क्षेत्रीय विकास को बढ़ाने की है. 

सिंधु नदी पर बांध

सिंधु नदी पर लेह में नीमू बाज़गो बांध बनाया जा रहा है. इसकी क्षमता 45 मेगावाट बिजली बनाने की है. इस प्रोजेक्ट पर पहले से ही काम चल रहा है. इस परियोजना का मकसद जल संग्रहण की तुलना में बिजली उत्पादन करना ज्यादा है. यह परियोजना पहले से ही चालू है, भविष्य में इसकी क्षमता को और बढ़ाने की योजना हो सकती है.

चिनाब नदी पर बांध 

सिंधु की सहायक नदी चिनाब पर जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में रातले बांध बांध बनाया जा रहा है. इसके जरिए 850 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी. इस प्रोजेक्ट के मई 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है. पाकिस्तान ने इस बांध के डिज़ाइन और इसके पानी के प्रवाह पर प्रभाव को लेकर आपत्तियां जताई हैं. जिसे भारत ने दरकिनार कर दिया है.

मरुसुदर नदी पर बांध

यह पाकल बांध चिनाब नदी की सहायक मानी जाने वाली मरुसुदर नदी पर किश्तवाड़ में बनाया जा रहा है. यह भारत की पहली वाटर स्टोरेज आधारित जलविद्युत परियोजना है, जो 0.1 मिलियन एकड़ फीट पानी इकट्ठा कर सकती है. यह परियोजना नवंबर 2021 में शुरू हुई थी और इसे 2025-2026 तक पूरा करने की योजना है. इसके जरिए 1 हजार मेगावाट तक बिजली बनाई जा सकती है. 

चिनाब नदी पर डैम

यह जम्मू कश्मीर में चिनाब नदी पर बन रहा किरू बांध है. यह एक निर्माणाधीन रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है, जिससे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति का स्तर बढ़ जाएगा. इस प्रोजेक्ट के बनने से 624 मेगावाट बिजली उत्पादन की उम्मीद है. 

इनके अलावा सावलकोट बांध, बुर्सर बांध और किरथाई-II बांध (Kirthai-II Dam) चिनाब नदी पर प्रस्तावित हैं. ये परियोजनाएं अभी योजना चरण में हैं और इनका उद्देश्य जल संग्रहण और बिजली उत्पादन की क्षमता को बढ़ाना है. इन बांधों के पूरा होने पर पाकिस्तान में पानी के प्रवाह पर प्रभाव पड़ सकता है. खासतौर से गर्मियों में वहां पर हाहाकार मच सकता है और खेती बर्बाद होने के साथ ही पीने के पानी की भी गंभीर समस्या हो सकती है.

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देविंदर कुमार

अमर उजाला, नवभारत टाइम्स और जी न्यूज चैनल में काम कर चुके हैं. अब जी न्यूज नेशनल हिंदी वेबसाइट में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं. राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और जियो पॉलिटिकल मामलों पर गहरी पकड़ हैं. धर...और पढ़ें

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