Fatehpur News: क्या वाकई फतेहपुर में 'शिव मंदिर' तोड़कर किया गया था मजार का निर्माण? अचानक कैसे उछल गया मामला
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Fatehpur News: क्या वाकई फतेहपुर में 'शिव मंदिर' तोड़कर किया गया था मजार का निर्माण? अचानक कैसे उछल गया मामला

Fatehpur Tomb Demolition News: क्या यूपी के फतेहपुर में वाकई शिव मंदिर को तोड़कर मजार का निर्माण किया गया था. आखिर लोगों को मजार में ऐसे कौन से सबूत मिले, जिससे मामला इतना तूल पकड़ गया. 

 

Fatehpur News: क्या वाकई फतेहपुर में 'शिव मंदिर' तोड़कर किया गया था मजार का निर्माण? अचानक कैसे उछल गया मामला

History of Tomb of Nawab Abdul Samad: यूपी के फतेहपुर में एक मकबरे को लेकर शुरू हुआ विवाद अब जनभावनाओं का मुद्दा बन गया है. जिस स्थान को वर्षों से एक मकबरे के रूप में जाना जाता था आज उसे शिव मंदिर होने का दावा किया जा रहा है. इन्हीं भावनाओं के साथ सैकड़ों लोग मकबरे में जमा हुए. वहां शंख बजाए गए, जल चढ़ाया गया और पूजा-अर्चना की गई. इसी दौरान माहौल बिगड़ गया और टकराव की स्थिति बन गई. इससे इलाके में तनाव फैल गया. आखिर फतेहपुर के मकबरे का रहस्य आखिर क्या है? क्या ये स्मारक सचमुच पहले शिव मंदिर था..जिसे बाद में मकबरा बना दिया गया? आस्था, इतिहास और पहचान से जुड़े रहस्य से पर्दा उठाती ये रिपोर्ट जानिए. 

हिंसा का केंद्र बना नवाब अब्दुल समद का मकबरा

यूपी के फतेहपुर में नवाब अब्दुल समद का मकबरा हिंसक विवाद का केंद्र बन गया. सैकड़ों की संख्या में हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने मकबरे के बाहर लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी और इस ऐतिहासिक इमारत में घुस गए. कार्यकर्ताओं ने मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की और उसके बाद मकबरे के ऊपर भगवा झंडा फहरा दिया.

इतना ही नहीं, हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने मकबरे पर भगवा झंडा लहराने के साथ-साथ वहां शंख बजाया. जल चढ़ाया. पूजा अर्चना की और नारे भी लगाए. बड़ी संख्या में हिंदूवादी संगठन के लोग मौके पर जमा हो गए और मकबरे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने लगे. जैसे-तैसे पुलिसवालों ने उन्हें रोका. उधर, मुस्लिम समुदाय के लोग भी मकबरे की ओर बढ़ने लगे. जिससे माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया.

मजार के पास पुलिस की बैरिकेडिंग

आप सोच रहे होंगे कि अचानक इस तरह की घटना कैसे हो गई और किसी मकबरे में घुसकर शंखनाद करने और भगवा झंडे लहराने के पीछे हिंदूवादी संगठनों का मकसद क्या रहा होगा..? इन सवालों की पड़ताल आगे करेंगे लेकिन उससे पहले जानना बेहद जरूरी है कि ये सभी लोग मकबरे तक पहुंचे कैसे..?

दरअसल, इस घटना से पहले हिंदू संगठनों ने फतेहपुर के डीएम से इस मकबरे में पूजा-पाठ की इजाजत मांगी थी. हालांकि, इजाजत तो नहीं मिली लेकिन मकबरे के आसपास बैरिकेडिंग करते हुए भारी फोर्स जरूर तैनात कर दी गई. ऐसे में अगले दिन बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों से जुड़े लोग स्मारक के पास जमा हो गए और मकबरे के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे.

लोगों ने मजार में घुसकर की तोड़फोड़

दरअसल, हिंदू संगठनों ने मकबरे में जाकर जलाभिषेक करने के लिए लोगों को इकट्ठा होने का आह्वान किया था. इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम भी किए थे. रास्ते में बैरिकेडिंग लगाई गई थी. लेकिन सारे इंतजाम को धता बताते हुए लोग आगे बढ़ते चले गए. भीड़ के सामने सारे इंतजाम नाकाफी नजर आए. 

हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने मकबरे के बाहर प्रशासन की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी. इसके बाद उन्होंने स्मारक के अंदर घुस कर तोड़फोड़ की और मकबरे के ऊपर भगवा झंडा फहराने के साथ-साथ पूजा-अर्चना की और शंख बजाया. हिंदू संगठनों ने मकबरे में जमकर नारेबाजी की और वहां बनी मजार को तोड़ दिया गया.

मुस्लिम बहुल इलाकों से हुआ पथराव

बवाल के बीच हर हर महादेव के नारों से पूरा मकबरा गूंजने लगा. हाथों में भगवा झंडा लिए हिंदू संगठनों के लोग मकबरे में साफ-साफ खड़े दिखाई दिए. इस दौरान वहां हिंदू संगठन के लोगों ने जल चढ़ाया...शंख बजाया और पूजा अर्चना की. हंगामा बढ़ता देख पुलिस हरकत में आई. लोगों को मकबरे से बाहर निकाला गया. 

मकबरे में तोड़फोड़ के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया. दोनों पक्षों के लोग आमने सामने आ गए. इस बीच मुस्लिम बहुल इलाके से पथराव शुरु हो गया. इस दौरान ज़ी न्यूज की टीम पर भी हमला हुआ. हमले की वजह से ज़ी न्यूज का कैमरा टूट गया. बावजूद इसके...इस बड़ी घटना की कवरेज के लिए ज़ी न्यूज की टीम मौके पर डटी रही. 

क्या मंदिर तोड़कर बनाई गई थी मजार?

अपनी जान जोखिम में डालकर जी न्यूज संवाददाता ने अपने दर्शकों तक खबर पहुंचाई. इस पूरे तनाव के बाद ज़ी मीडिया संवाददाता ने वहां मौजूद कुछ महिलाओं से बात की. हालात बिगड़ता देख प्रशासन ने मौके पर और ज्यादा पुलिस फोर्स की तैनाती बढ़ा दी..

अब सवाल क्या सचमुच अब्दुल समद के मकबरे की नींव शिव मंदिर पर टिकी है? क्या सचमुच इतिहास में शिव मंदिर के सबूत मिटाने की कोशिश की गई? सवाल सिर्फ ज़मीन का नहीं..धर्म और इतिहास का भी है..सवाल है. आस्था, सनातनी विरासत और सच्चाई के उस दावे का जिसे हिंदूवादी संगठन प्राचीन शिव मंदिर बता रहे हैं और जिसे बाद में मकबरे में बदल दिया गया. जिसकी पहचान को मिटाने की साज़िश हुई. 

क्या शिव मंदिर की तलाश में ये अब ये हिंदूवादी संगठनों का बड़ा आंदोलन बन गया है या फिर सियासत की स्क्रिप्ट में सिर्फ एक नया अध्याय जोड़ा गया है?

मंदिर-मकबरा विवाद में कैसे-कैसे दावे?

फतेहपुर के अब्दुल समद मकबरे का रहस्य आखिर क्या है? क्यों हिंदूवादी संगठन लंबे समय से मकबरे को लेकर मजबूत दावा पेश करते आ रहे हैं. क्या ये स्मारक पहले सचमुच शिव मंदिर था..जिसे बाद में मकबरा बना दिया गया? ऐसे अनेक सवाल हैं..जिसके जवाब में हिंदू और मुसलमानों के अपने-अपने दावे हैं.

हिंदूवादी संगठनों का दावा

हिंदूवादी संगठनों का दावा है कि वर्षों पहले ये स्मारक भगवान शिव का मंदिर था और काफी पहले कब्जा करके इसे नवाब अब्दुल समद का मकबरा बना दिया गया. हिंदू संगठनों के मुताबिक ये स्मारक करीब एक हजार वर्ष पुराना भगवान शिव का मंदिर है. दावा है कि कालांतर में शिव मंदिर के स्वरूप को बदलकर इसे मकबरा बना दिया गया. हिंदू संगठनों का कहना है कि इस मकबरे में कमल के फूल और त्रिशूल बने हैं. जिससे इस दावे की पुष्टि होती है ये एक प्राचीन शिव मंदिर था जिसे बाद में मकबरे में बदल दिया गया.

वहीं मकबरे पर संग्राम को लेकर मुस्लिम पक्ष के अपने तर्क हैं. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि नवाब अब्दुल समद का मकबरा सैकड़ों साल पुराना है. सरकारी दस्तावेज में 753 नंबर खतौनी में ये जमीन दर्ज है. मुस्लिम पक्ष ने सरकारी दस्तावेज के जरिए अपने दावे का समर्थन किया. मकबरे के मुतवल्ली का कहना है कि ये स्मारक करीब 500 साल पुराना है और इसे अकबर के पोते ने बनवाया था.

शिव मंदिर पर युवक का बड़ा दावा

इन सारे दावों की पड़ताल ज़ी न्यूज की टीम ने खुद मौके पर पहुंचकर की. इस दावे की पड़ताल भी की मकबरे में मूर्तियां मिलने का रहस्य आखिर क्या है? इस मुद्दे ने उसी वक्त तूल पकड़ा था जब फतेहपुर के ही एक युवक ने दावा किया कि साल 2007 से 2008 में उसने मकबरे के भीतर मौजूद शिवलिंग पर दीपक जलाया था. इस युवक का ये भी दावा है कि साल 2011 में मंदिर के स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की गई जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं.

मंदिर-मकबरा विवाद: गरमाई सियासत

फतेहपुर में मंदिर-मज़ार विवाद को लेकर यूपी की सियासत भी उबाल पर है. इस घटना ने लखनऊ से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज कर दी है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग समाज को बांटना चाहते हैं. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रही है.

एसपी चीफ ने सीएम योगी पर डायरेक्ट हमला बोला तो बचाव में योगी सरकार के मंत्री सामने आए. यूपी सरकार के मंत्री ने मोर्चा संभालते हुए हालात पर नजर बनाए रखने और दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया. मामला मकबरे से जुड़ा है इसलिए उलेमा भी सामने आए..मौलानाओं ने मकबरे में तोड़फोड़ में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

इलाके में तनाव का माहौल

फतेहपुर में फिलहाल तनाव का माहौल बना हुआ है. इलाके में पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है. अब्दुल समद मकबरे में तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. सदर कोतवाली 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. एसपी अनूप सिंह ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों को चिन्हित कर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी..

(प्रीति श्रीवास्तव, ज़ी मीडिया की रिपोर्ट)

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देविंदर कुमार

अमर उजाला, नवभारत टाइम्स और जी न्यूज चैनल में काम कर चुके हैं. अब जी न्यूज नेशनल हिंदी वेबसाइट में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं. राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और जियो पॉलिटिकल मामलों पर गहरी पकड़ हैं. धर...और पढ़ें

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