Amit Shah Speech 10 Points in Lok Sabha: 'ऑपरेशन सिंदूर' पर लोकसभा में दूसरे दिन भी विशेष चर्चा जारी है और मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सदन को संबोधित करते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया. अमित शाह ने इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर से लेकर ऑपरेशन महादेव तक की पूरी जानकारी दी. अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर करारा जवाब दिया. इसके साथ ही अमित शाह ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ था. पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदारों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का जिक्र किया. सुलेमान, अफगान और जिब्रान का नाम बता 'ऑपरेशन सिंदूर' से लेकर 'ऑपरेशन महादेव' के जरिए उनके खात्मे का पूरा ब्योरा दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के उस सवाल का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने केंद्र से पहलगाम हमले को लेकर सबूत मांगे थे.
- पहलगाम हमले के तीनों गुनाहगारों को सेना ने किया ढेर: सदन में अमित शाह ने बताया कि सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने 'ऑपरेशन महादेव' के जरिए तीन आतंकवादियों को मारा है, जिनमें सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान शामिल हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था, जो गगनगीर आतंकी हमले में शामिल था. इसके सारे सबूत एजेंसियों के पास हैं. आतंकी अफगान और जिबरान, लश्कर के 'ए' श्रेणी के आतंकी थे. अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तीनों आतंकवादी बैसरन घाटी हमले में शामिल थे.
- कैसे मारे गए पहलगाम हमले के तीनों गुनाहगार: अमित शाह ने बताया कि कैसे 'ऑपरेशन महादेव' ने आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया गया. अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को एक सुरक्षा मीटिंग की गई. सबसे पहले फैसला लिया गया कि आतंकी देश छोड़कर पाकिस्तान भाग न पाएं. इसकी पूरी पुख्ता व्यवस्था की और आतंकियों को भागने नहीं दिया. गृह मंत्री ने बताया कि 22 मई को आईबी के पास सूचना आई थी. डाचीगाम क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी. सेना और आईबी ने सिग्नल कैप्चर करके 22 आतंकवादियों के बारे में जानकारी पुख्ता की. 22 जुलाई को सेंसर के जरिए आतंकियों के मौजूद होने की पुष्टि हुई. सेना के 4 पैरा के जवान, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान एक साथ आतंकियों को घेरने का काम किया. सोमवार को ऑपरेशन हुआ, उसमें पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी मौत के घाट उतार दिए गए.
- ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों की कैसे हुए पहलगाम में शामल होने की पुष्टि: अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि पहलगाम हमले के दौरान मिले कारतूस के खोखे और आतंकवादियों की राइफल के खोखे का मिलान हुआ है. आतंकवादियों के पास से एक एम-9 अमेरिकन और दो एके-47 राइफल बरामद की गई थीं. गृह मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि चंडीगढ़ एफएसएल की रिपोर्ट में कारतूस के मिलान हुए हैं. 6 वैज्ञानिकों ने क्रॉस चेक किया है. वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि यह वही गोलियां हैं जो पहलगाम में चलाई गई थीं.
- 1:04 बजे से 1:24 बजे के बीच चला ऑपरेशन सिंदूर: लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, '30 अप्रैल को CCS की बैठक हुई थी, जिसमें सुरक्षाबलों को पूरी तरह से ऑपरेशनल आजादी दी गई थी. ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू किया गया और 1:04 बजे से 1:24 बजे के बीच चलाया गया. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया. इस हमले में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा गया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सुरक्षाबलों ने 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया.' उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के बाद, हमारे DGMO ने पाक DGMO को बताया कि भारत ने आत्मरक्षा के अपने अधिकार के तहत उनकी जमीन पर आतंकी ढांचे पर हमला किया है. यह मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान जैसा हुआ वैसा नहीं हो सकता कि आतंकवादी आएं और हमें मार दें और हम चुपचाप बैठे रहें.'
- 'ऑपरेशन सिंदूर' क्यों सरकार ने बीच में रोका: अमित शाह ने सदन में 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के पीछे की वजह बताई. लोकसभा को बताया कि आतंकवादियों को जवाब देने के लिए भारत पड़ोसी देश में 100 किलोमीटर अंदर गया. वहां जाकर 9 अड्डों और 100 से अधिक आतंकियों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. गृह मंत्री ने 'संघर्ष विराम' पर उठते सवालों का भी जवाब दिया. विपक्ष ने सवाल उठाया कि हम अच्छी स्थिति में थे, तो फिर युद्ध क्यों नहीं किया? अमित शाह ने जवाब दिया, "युद्ध के कई परिणाम होते हैं. युद्ध सोच समझकर करना पड़ता है.' गृह मंत्री ने कांग्रेस को 1948 के युद्ध की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि उस समय लड़ाई निर्णायक पड़ाव पर थी, लेकिन जवाहर लाल नेहरू ने एकतरफा युद्धविराम किया. इसी युद्धविराम के कारण पीओके अस्तित्व में है। इसके जिम्मेदार जवाहर लाल नेहरू हैं. अमित शाह ने सिंधु जल संधि के फैसले की याद दिलाई, जिसमें 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया गया था. उन्होंने 1965 में जीते हाजी पीर को वापस लौटाने और 1971 की जीत के बाद शिमला समझौते में पीओके को नहीं मांगने पर कांग्रेस को घेरा. गृह मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया. इन हमलों में कोई आम नागरिक नहीं मारा गया, सिर्फ आतंकवादी इस हमले में मारे गए. बहावलपुर में मरकज शुभानअल्लाह, मुरीदके में मरकज तैयबा, सियालकोट में मेहमूना जोया कैंप और सरजल कैंप, मुजफ्फराबाद में सवाईनाला और सैयदना बिलाल कैंप, कोटली में गुलपुर और अब्बास कैंप के साथ बरनाला कैंप भीमबर को भारतीय सेना ने टारगेट किया.
- लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को याद दिलाई गलती: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रही चर्चा में कांग्रेस को उसकी 'गलती' याद दिलाई. कांग्रेस को उसका ब्लंडर याद दिलाते हुए लोकसभा में शाह ने कहा, '22 अप्रैल को पहलगाम हमला हुआ. 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए. मैं रात में ही श्रीनगर निकल गया. पीएम मोदी ने 23 अप्रैल को सीसीएस की मीटिंग की. कांग्रेस का ब्लंडर था सिंधु जल संधि. हमने इसे सस्पेंड किया. पाक नागरिकों के वीजा सस्पेंड कर उन्हें भेजने का काम किया. सीसीएस ने संकल्प लिया कि जहां आतंकी छिपे हैं, सुरक्षा बल उन्हें उचित जवाब देगी.'
- पी चिदंबरम के दावे पर अमित शाह ने दिया करारा जवाब: पी चिदंबरम की डिमांड पर गृह मंत्री शाह ने कहा, 'आतंकी कहां से आए, कहां गए, ये जिम्मेदारी किसकी है? ये हमारी ही जिम्मेदारी है. जब आपकी सरकार थी, तब किसकी जिम्मेदारी थी? चिदंबरम ने सवाल उठाया कि आतंकी पाकिस्तान से आए, इसका सबूत कहां है?' अमित शाह ने कहा, 'चिदंबरम जी को कहना चाहता हूं कि हमारे पास सबूत है कि तीनों पाकिस्तानी थे. दो के तो पाकिस्तान के वोटर होने की बात मौजूद है. इनके पास जो चॉकलेट मिलीं, वो भी पाकिस्तान मेड हैं.' उन्होंने कहा कि इस देश का पूर्व गृह मंत्री देश के सामने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है. वे पाकिस्तानी नहीं थे, ये कहकर चिदंबरम कह रहे हैं कि जब वे पाकिस्तान के नहीं थे तो उन पर हमला क्यों किया. पाकिस्तान को बचाने का षड्यंत्र देश के 130 करोड़ लोग जान गए हैं.
- अच्छी पोजीशन में थे तो युद्ध क्यों नहीं किया: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'कल वे (कांग्रेस) सवाल उठा रहे थे कि युद्ध क्यों नहीं किया. आज, PoK केवल जवाहरलाल नेहरू की वजह से मौजूद है. 1960 में उन्होंने सिंधु नदी का 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया. 1971 में शिमला समझौते के दौरान, वे (कांग्रेस) PoK के बारे में भूल गए. अगर उन्होंने उस समय PoK ले लिया होता, तो हमें अब वहां शिविरों पर हमले नहीं करने पड़ते.'
- अमित शाह बोले- पाकिस्तान कांग्रेस की गलती है: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'आज चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में है और भारत नहीं है. मोदी जी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हिस्सा बने. इसके लिए जवाहरलाल नेहरू का रुख जिम्मेदार है. जब हमारे जवान डोकलाम में चीनी सैनिकों का सामना कर रहे थे, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ बैठक कर रहे थे. चीन के लिए यह प्रेम जवाहरलाल नेहरू, सोनिया गांधी, राहुल गांधी से तीन पीढ़ियों तक चला आ रहा है.' उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान कांग्रेस की गलती है. अगर उन्होंने विभाजन स्वीकार नहीं किया होता, तो आज पाकिस्तान नहीं होता.'
- चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में है और भारत नहीं: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'आज चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में है और भारत नहीं है. मोदी जी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हिस्सा बने. इसके लिए जवाहरलाल नेहरू का रुख जिम्मेदार है. जब हमारे जवान डोकलाम में चीनी सैनिकों का सामना कर रहे थे, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ बैठक कर रहे थे. चीन के लिए यह प्रेम जवाहरलाल नेहरू, सोनिया गांधी, राहुल गांधी से तीन पीढ़ियों तक चला आ रहा है.'
- उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व पीएम नेहरू ने 30 हजार वर्ग किमी 'अक्साई चिन' चीन को दे दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अक्साई चिन के 30 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को चीन को सौंपने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने भारत-चीन के बीच हुए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, "1962 में चीन के साथ युद्ध में क्या हुआ? 30 हजार वर्ग किलोमीटर अक्साई चिन चीन को दे दिया गया.' शाह ने नेहरू के अक्साई चिन के बारे में दिए गए बयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'इस तरह की चर्चा उस दौरान सदन में भी हुई. उस पर सदन में जवाहर नेहरू ने कहा कि वहां घास का एक तिनका नहीं उगता, उस जगह का क्या करेंगे? नेहरू जी का सिर मेरे जैसा था. एक संसद सदस्य (त्यागी जी) ने कहा कि आपके (नेहरू) सिर पर भी एक भी बाल नहीं है, तो क्या उसे भी चीन को दे दें?'